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'आयुष चिकित्सा पद्धति की वैश्विक मांग बढ़ी'

दिल्ली एवं झांसी के आयुर्वेद अनुसंधान संस्थानों को मिली मान्यता

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर दी गई आधिकारिक मान्यता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 December 2022 12:42:08 PM

recognition given to two ayush institutes of new delhi and jhansi

नई दिल्ली। आयुष की बढ़ती वैश्विक मांग केबीच भारतीय चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में आयुष चिकित्सा पद्धति के संस्थान और अस्पताल तेजी से चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् के तहत दो प्रमुख संस्थान केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली और केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान झांसी को एनएबीएच और एनएबीएल की आधिकारिक मान्यता मिल गई है। उल्लेखनीय हैकि एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद का मूल बोर्ड है, जिसकी स्‍थापना स्वास्थ्य सेवा संगठनों के मान्यता कार्यक्रमों को स्थापित करने और उन्‍हें चलाने केलिए की गई है। यह आधिकारिक मान्यता राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस उपलब्धि पर दोनों संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पण एवं निरंतर प्रयासों केलिए बधाई दी। आयुष भवन नई दिल्ली में औपचारिक रूपसे एक कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक और दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली की स्थापना वर्ष 1979 में आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् केतहत की गई थी और यह आयुर्वेद में नैदानिक अनुसंधान केलिए समर्पित है और यह सामान्‍य ओपीडी के माध्‍यम से आयुर्वेद में विशेष ओपीडी, सुरक्षात्‍मक हृदय रोग विज्ञान और जीवनशैली की चुनौतियों, कान और नाक की ओपीडी, जराचिकित्सा ओपीडी, बालरोग, संधिरोग, क्लिनिकल साइकोलॉजी और मर्म ओपीडी के रूपमें स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का विस्तार करता है। इस तरह की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पेशकश एनएबीएच मान्यता प्राप्‍त संस्थान में आनेवाले हजारों रोगियों के स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों को बदल देगी।
केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान झांसी आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, इसमें रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं, आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम एवं संग्रहालय और नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी हैं। इन दो सीसीआरएएस संस्थानों के अलावा पंचकर्म केलिए राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान चेरुथुरुथी, त्रिशूर, केरल को भी अपनी नैदानिक प्रयोगशाला सेवाओं केलिए एनएबीएल एम (ईएल) टी की आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। एनएआरआईपी केरल केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद आयुष मंत्रालय के अंतर्गत प्रमुख अनुसंधान संस्‍थाओं मेसे एक है।

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