स्वतंत्र आवाज़
word map

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर दिल्ली में बैठक

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को राजनीतिक रंग न दें-केंद्रीय गृहमंत्री

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संविधान सम्मत समाधान के लिए कहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 15 December 2022 12:48:25 PM

home minister's meeting with chief ministers on maharashtra and karnataka border dispute

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र और कर्नाटक केबीच सीमा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस केसाथ नई दिल्ली में बैठक की। गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक केबाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहाकि बैठक में दोनों मुख्यमंत्रियों ने सकारात्मक अप्रोच रखी और इस बातपर सहमति बनीकि लोकतंत्र में विवाद का समाधान केवल संविधान सम्मत मार्ग से हो सकता है। अमित शाह ने कहाकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय का निर्णय आनेतक कोईभी राज्य एक-दूसरे की भूमि पर दावा नहीं करेगा और दोनों राज्यों के तीन-तीन मंत्री इस विषय पर मिल-बैठकर विस्तार से चर्चा करेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि दोनों राज्यों में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने और यहां रहरहे अन्य राज्यों के लोगों, यात्रियों या व्यापारियों को किसीभी प्रकार की परेशानी ना झेलनी पड़े, इसके लिए दोनों राज्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाने पर भी सहमत हुए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि इस पूरे मामले में शीर्ष नेताओं के नाम से किएगए फेक ट्वीट्स ने भी दोनों राज्यों की भावनाओं को भड़काने का काम किया है, इसीलिए बैठक में येभी तय किया गयाकि इस प्रकार के फेक ट्वीट्स के मामलों में एफआईआर दर्ज होगी और दोषियों को जनता के सामने लाया जाएगा। गृहमंत्री ने आशा व्यक्त कीकि दोनों राज्यों के विपक्षी पार्टियों के नेता जनता केहित में इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देंगे।
गौरतलब हैकि इस विवाद की शुरुआत 1956 में संसद में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित होने के समय से हुई। उस समय कर्नाटक को मैसूर राज्य और महाराष्ट्र को बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा माना जाता था। यहां तककि गुजरात भी उन दिनों बॉम्बे प्रेसीडेंसी का ही भाग था। राज्यों के पुनर्गठन के दौरान कई कन्नड़भाषी गांव महाराष्ट्र एवं कई मराठीभाषी गांव तत्कालीन कर्नाटक का हिस्सा बन गए। महाराष्ट्र उसी समय से कर्नाटक के 80 मराठीभाषी गांवों पर दावा करता आ रहा है तो कर्नाटक महाराष्ट्र के 260 कन्नड़भाषी गांवों पर दावा करता है। 

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]