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'पर्यटन और पर्यावरण केबीच विशेष संबंध'

'पर्यटन नीतियों में स्थिरता और सतत विकास को दी जाए मान्यता'

सतत पर्यटन और जिम्मेदार यात्री अभियान केलिए राष्ट्रीय कैंपेन शुरू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 5 June 2022 01:29:18 PM

national summit on development sustainable and responsible tourist destination organized

नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय ने यूनाइटेड एंवायरनमेंट प्रोग्राम और रिस्पॉन्सिबिल टूरिज्म सोसायटी ऑफ इंडिया केसाथ भागीदारी में नई दिल्ली में नेशनल समिट ऑन डेवलपमेंट सस्टेनेबिल एंड रिस्पान्सिबिल टूरिस्ट डेस्टिनेशन का आयोजन किया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्रालय ने नेशनल स्ट्रैटजी फॉर सस्टेनेबिल टूरिज्म एंड रिस्पॉन्सिबिल ट्रैवलर कैंपेन का शुभारम्भ किया। इस रणनीतिक दस्तावेज में पर्यावरण स्थायित्व को प्रोत्साहन, जैव विविधता को संरक्षण, आर्थिक स्थायित्व को प्रोत्साहन, सामाजिक सांस्कृतिक स्थायित्व को प्रोत्साहन, टिकाऊ पर्यटन, आईईसी और क्षमता विकास एवं शासन के प्रमाण की योजना केलिए रणनीतिक स्तंभों की पहचान की गई है। पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने कहाकि पर्यटन और पर्यावरण केबीच एक विशेष संबंध है, एक-दूसरे केसाथ उनकी परस्पर क्रिया एक दोतरफा प्रक्रिया है, एक तरफ पर्यावरण संसाधन पर्यटन के बुनियादी अंगों में एकके रूपमें अंशदान करते हैं।
पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने कहाकि पर्यटक प्राकृतिक और मानव निर्मित पर्यटन उत्पादों का लुत्फ उठाते हैं, रहते हैं और आराम करते हैं, दूसरी तरफ पर्यटकों, मेजबान समुदायों और स्थानीय पर्यावरण केबीच नजदीकी और प्रत्यक्ष संबंध से एक संवेदनशील स्थिति बनती है, जिससे पर्यटन न सिर्फ नुकसानदेह, बल्कि टिकाऊ विकास केलिए बेहद सकारात्मक दोनों हो सकता है। उन्होंने कहाकि कोविड-19 महामारी ने पर्यटन क्षेत्र को लचीला, टिकाऊ और क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों केबीच परस्पर संयोजनात्मक होने को मजबूर कर दिया है। अरविंद सिंह ने कहाकि हमें स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह ऐलान किया हैकि भारत 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन की अपनी क्षमता बढ़ाकर 500 गीगावाट करेगा और अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को नवीनीकृत ऊर्जा के माध्यम से पूरा करेगा।
अरविंद सिंह ने कहाकि राज्यों की पर्यटन नीतियों में पर्यटन केलिए अपने विजन और रणनीतिक दिशा में स्थिरता के सिद्धांतों और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को स्वीकार्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहाकि पर्यटन केलिए स्थायी भविष्य तैयार करने के विजन केसाथ पर्यटन मंत्रालय ने इस दिशा मेंभी कई कदम उठाए हैं। अरविंद सिंह ने कहाकि पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटकों को अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत की है और अभीतक 76 परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है और इससे मिले सबकों केसाथ हमने स्वदेश दर्शन योजना का स्वदेश दर्शन 2.0 के रूपमें पुनरोत्थान किया है। उन्होंने कहाकि सस्टेनेबिल एंड रिस्पॉन्सिबिल टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के विकास के वजन केसाथ समग्र विकास को प्रोत्साहन देने केलिए स्वदेश दर्शन 2.0 के विचार को आगे बढ़ाया गया है।
अरविंद सिंह ने कहाकि स्वदेश दर्शन 2.0 के जरिए विभिन्न परियोजनाओं और पहलों में टिकाऊ एवं जिम्मेदार पर्यटन प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा। इस योजना से पर्यावरण, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक स्थायित्व सहित टिकाऊ पर्यटन के सिद्धांतों को अपनाए जाने को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने प्रतिभागियों को जिम्मेदार यात्री बनने और जिम्मेदारीपूर्ण पर्यटन की वकालत करने का संकल्प भी दिलाया। एक दिवसीय नेशनल सम्मिट को भारत में शोम्बी शार्प और आरटीएसओआई के अध्यक्ष राकेश माथुर के अलावा टिकाऊ पर्यटन और जिम्मेदार यात्रा के क्षेत्र में काम कर रहे और राज्य सरकारों के कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने विभिन्न सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया। सम्मिट में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित सरकारों, विभिन्न पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी उद्योग के संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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