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अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास

यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री सुरक्षा पर बातचीत शुरू की

समुद्री डकैती विरोधी अभियान के परिदृश्य पर था अभ्यास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 22 June 2021 05:31:53 PM

eu & india joint naval exercise

नई दिल्ली। यूरोपीय संघ और भारतीय नौसेनाओं ने अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसमें भारतीय नौसेना के फ्रिगेट आईएनएस त्रिकंद, यूरोपियन यूनियन नेवल फ़ोर्स सोमालिया-ऑपरेशन अटलांटा की परिसंपत्तियां शामिल थीं, इसमें इतालवी युद्धपोत कैराबिनियर (अटलांटा का फ्लैगशिप पोत) और स्पेनिश युद्धपोत नवारा, फ्रांसीसी युद्धपोत सुरकौफ, जल, थल और नभ सभी केलिए कारगर फ्रांसीसी अटैक हेलीकाप्टर कैरियर टोनरे भी शामिल थे। अभ्यास एक समुद्री डकैती विरोधी अभियान के परिदृश्य पर आधारित था, इसमें क्रॉस-डेक हेलिकॉप्टर लैंडिंग, समुद्र में जटिल सामरिक युद्धाभ्यास, लाइव फायरिंग, रात के समय संयुक्त गश्ती और सोमालिया के तट के करीब खुले समुद्र में एक नौसैनिक परेड हुई।
यूरोपीय संघ और भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुली, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है, जो क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, लोकतंत्र, कानून के शासन, पारदर्शिता, नौवहन की स्वतंत्रता और ओवरफ्लाइट, बेरोक-टोक वैध वाणिज्य और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सम्मान पर टिकी है। वे अंतर्राष्ट्रीय कानून पर युनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) ऑन लॉ ऑफ द सीज़ सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून की प्रधानता पर जोर देकर इसकी पुष्टि करते हैं। जनवरी 2021 में यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री सुरक्षा पर बातचीत शुरू की थी, इस क्षेत्र में अपनी बातचीत और सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई थी। भारतीय नौसेना ईयू नैवफ़ॉर सोमालिया-ऑपरेशन अटलांटा द्वारा समन्वित विश्व खाद्य कार्यक्रम के चार्टर्ड जहाजों को एस्कॉर्ट प्रदान कर रही है।
भारतीय नौसेना ने पहले शेयर्ड अवेयरनेस एंड डिकॉन्फ्लिशन कॉन्फ्रेंस में भाग लिया है, जिसकी मेजबानी ऑपरेशन अटलांटा ने की है, इसकी परिसंपत्तियों ने अतीत में भारतीय जहाजों के साथ कई संयुक्त अभ्यास किए। यूरोपीय संघ और भारत संयुक्त नौसैनिक अभ्यास और पोर्ट कॉल सहित समुद्र में अपने अभियान संबंधी सहयोग को मजबूत बनाने और संचार के समुद्री क्षेत्रों की रक्षा करने का इरादा रखते हैं। वे आपसी समन्वय और आदान-प्रदान के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र जागरुकता को बढ़ावा देने का भी इरादा रखते हैं। यूरोपीय संघ और भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी रुचि की पुष्टि करते हैं।

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