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'कोविड से जंग में जनभागीदारी बहुत जरूरी'

'कोविड संबंधित प्रोटोकॉल और सावधानियों का पालन करें'

प्रधानमंत्री ने की कोविड स्थिति पर राज्यपालों से बातचीत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 15 April 2021 03:57:21 PM

narendra modi interacting with the governors and lieutenant governors on covid-19 situation

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से राज्यपालों के साथ देशभर में कोविड-19 की स्थिति और संचालित टीकाकरण अभियान पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड से जंग में टीकों के साथ हमारे मूल्य और कर्तव्य की भावना हमारी सबसे बड़ी ताकत है। पिछले वर्ष अपना कर्तव्य मानकर इस लड़ाई में भाग लेने वाले नागरिकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब भी जनभागीदारी की इसी भावना को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से इसे पाने में राज्यपालों की भूमिका अपनी सामाजिक क्षमता के उचित उपयोग के माध्यम से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य सरकारों और समाज के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक संगठनों, राजनीतिक दलों, एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं की साझा शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया कि राज्यपाल यह सुनिश्चित करने में सक्रिय रूपसे शामिल हो सकते हैं कि सामाजिक संस्थाएं सूक्ष्म स्तरपर कोरोना नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों के साथ बिना किसी बाधा के सहयोग करें। उन्होंने कहा कि उनका सामाजिक संपर्क अस्पतालों में एंबुलेंस, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की क्षमता को बढ़ाने में सहायता कर सकता है, टीकाकरण और उपचार के बारे में सूचनाएं देने के साथ-साथ, राज्यपाल आयुष संबंधी उपायों के बारे में भी जागरुकता फैला सकते हैं। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि हमारे युवा, कर्मचारी, अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि युवा कोविड संबंधित सभी प्रोटोकॉल और सावधानियों का पालन करें। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी की दिशा में विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने में भी राज्यपालों की भूमिका महत्वपूर्ण है, हमें विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों की सुविधाओं के बेहतर उपयोग पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीते साल की तरह इस साल भी एनसीसी और एनएसएस की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से जंग में राज्यपाल जनभागीदारी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और राज्य सरकारों के साथ उनका तालमेल और राज्य के संस्थानों का मार्गदर्शन राष्ट्र के संकल्प को और मजबूत करेगा।
कोविड मामलों की संख्या बढ़ने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस के खिलाफ लड़ाई के इस चरण में देश बीते साल के अनुभव और सुधरी हुई स्वास्थ्य क्षमता से लाभ लेने की स्थिति में है। उन्होंने आरटीपीसीआर जांच की क्षमता बढ़ाने को कहा और उल्लेख किया कि जांच की किट और अन्य सामग्री के संबंध में देश आत्मनिर्भर हो गया है, इन सबके कारण आरटीपीसीआर टेस्ट के खर्च में कमी आई है। उन्होंने कहा कि जांच संबंधित ज्यादातर सामग्री जीईएम पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया, और कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना प्रासंगिक है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जाए। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार टीकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात को प्रमुखता से सामने रखा कि भारत 10 करोड़ टीकाकरण करने तक सबसे तेजी से पहुंचने वाला राष्ट्र बन गया है, बीते चार दिन चले टीका उत्सव के दौरान टीकाकरण अभियान को विस्तार मिला है और नए टीकाकरण केंद्र भी खोले गए हैं।
उपराष्ट्रपति, केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बातचीत में हिस्सा लिया। उपराष्ट्रपति ने कोविड के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने और महामारी से निपटने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा के विकास के लिए किए गए सक्रिय प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की। उन्होंने भारत और पूरे विश्व को वैक्सीन देने में वैज्ञानिक समुदाय के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के श्रमिकों के योगदान पर चर्चा की, जिन्होंने महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उपराष्ट्रपति ने राज्यपालों से अपील की कि कोविड नियंत्रण के लिए जरूरी उचित व्यवहार के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए वे अपने-अपने राज्यों में सर्वदलीय बैठकें करके और नागरिक समाज संगठनों के साथ एक तालमेल आधारित मोर्चा बनाएं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि नीतिगत मान्यताओं से हटकर ‘टीम इंडिया की भावना’ को अपनाना चाहिए और इस बारे में राज्यपाल राज्य के संरक्षक के रूपमें राज्य सरकारों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी की जिंदगी बचाने के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कोविड मामलों और टीकाकरण अभियान के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि कैसे इस प्रयास में भारत ने एक सक्रिय और पूर्व-नियोजित दृष्टिकोण का पालन किया है। राज्यपालों ने इस बात का ब्यौरा साझा कि कैसे उनके संबंधित राज्य वायरस का फैलाव रोकने में लगे हुए हैं और बाधारहित टीकाकरण अभियान सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियों में तालमेल कर रहे हैं। उन्होंने राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने प्रयासों में आगे और सुधार करने के बारे में सुझाव दिया और योजनाएं साझा करते हुए बताया कि कैसे विभिन्न समूहों के सक्रिय सामाजिक जुड़ाव के माध्यम से जनभागीदारी को विस्तार दिया जा सकता है।

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