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'विज्ञान-टेक्नोलॉजी में भी महिला भागीदारी बढ़े'

देश और समाज की प्रगति में महिला-पुरुष दोनों की भागीदारी जरूरी

भारत-जापान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस संयुक्त समारोह में हुई चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 9 March 2021 05:43:29 PM

india-japan international women's day joint ceremony

नई दिल्ली। भारत-जापान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस संयुक्त समारोह में विशेषज्ञों ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिलाओं के सामने आनेवाली चुनौतियों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है। जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग के किरण डिविज, टोक्यो में भारतीय दूतावास तथा जापान सरकार की जापान साइंस और टेक्नोलॉजी एजेंसी के संयुक्त रूपसे आयोजित समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता एक अंतर्राष्ट्रीय विषय है और इसे बहुपक्षीय मंचों पर उठाने की जरूरत है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने लैंगिक असमानता की तुलना साइकिल से करते हुए कहा कि जिस तरह केवल एक पहिए पर साइकिल नहीं दौड़ सकती उसी तरह देश और समाज के विकास एवं प्रगति के लिए महिला-पुरुष दोनों की भागीदारी आवश्यक है।
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए अनेक चुनौतियां हैं, जोकि सांस्कृतिक हैं और विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस महिलाओं के लिए अगली पीढ़ी का रोलमॉडल बनाने और विज्ञान, टेक्नोलॉजी तथा नवाचार में महिलाओं के नेतृत्व को प्रोत्साहित करने पर है। उन्होंने कहा कि हमने जेंडर एडवांस्मेंट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस लांच किया है, इससे संस्थान स्तरपर परिवर्तन करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम ऐसा वातावरण बनाना चाहते हैं, जहां शिक्षा जगत, उद्योग तथा अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाएं महिलाओं को विश्वास और अवसर मिले, नवाचार एवं स्टार्टअप में महिलाओं को प्रोत्साहन मिले और उन्हें अपनी पूरी क्षमता के उपयोग करने में सहायता प्राप्त हो।
जापान सरकार के डायरेक्टर जनरल जेंडर इक्वालिटी ब्यूरो, कैबिनेट कार्यालय तोमोको हयाशी ने कहा कि जापान में कोविड-19 का बड़ा असर महिलाओं पर विशेषकर ग़रीब महिलाओं पर पड़ा है। सिंगल पैरेंट के घरों की संख्या, अवसाद, घरेलू हिंसा, यौन हिंसा बढ़ी है। जापान सरकार ने इनसे निपटने का निर्णय लिया है और लिंग के कारण महिलाओं की पीड़ा रोकने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए नए कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए जापान सरकार की जापान साइंस और टेक्नोलॉजी एजेंसी के अध्यक्ष डॉ मिशिनारी हमाकुची ने कहा कि हमें महिला अनुसंधानकर्ताओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने प्रतिभाशाली महिला अनुसंधानकर्ता के लिए पुरस्कार प्रारंभ किया है और हम जापान में नई महिला प्रतिभा पाने में सफल हुए हैं। जापान सरकार के साइंस और टेक्नोलॉजी पॉलिसी ब्यूरो, एमईएक्सटी, स्ट्रैटिटिक्स प्रोग्राम डिविजन के निदेशक सानू ताकिको ने हाल के वर्ष में किए गए परिवर्तनों की चर्चा की।
भारत सरकार के विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग के किरण तथा इंस्पायर के प्रमुख और सलाहकार डॉ संजय मिश्रा ने एसटीईएम में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व की समस्या से निपटने के लिए शुरु किए गए कार्यक्रमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और सभी मंत्रालयों के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आदर्श स्थिति में आ गई है्र। लेकिन डेटा से जानकारी मिलती है कि एसटीईएम के अंदर विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। प्रारंभिक स्तर पर समस्याओं से निपटने के लिए विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग ने विशेष कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं। विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग के डब्ल्यूओएस-सी कार्यक्रम में सफलता पाने वाली महिलाओं की 100 सफलता गाथा पर एक पुस्तिका विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग की स्वायत्त संस्था टीआईएएफएसई के आयोजित महिला दिवस समारोह में जारी की गई।

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