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किसानों के खातों में गए 18 हज़ार करोड़ रुपये

किसानों के विश्वास पर हम कोई आंच नहीं आने देंगे-प्रधानमंत्री

'कुछ लोग' एवं 'कुछ दल' किसान कानून पर भ्रम फैला रहे हैं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 26 December 2020 12:57:48 PM

narendra modi releases the next instalment of financial benefit under pm kisan samman nidhi

नई दिल्ली। 'हम किसानों के विश्वास पर कोई भी आंच नहीं आने देंगे', यह वचनबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पीएम-किसान सम्मान निधि की 18 हजार करोड़ रुपये की 7वीं किस्त देश के नौ करोड़ किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी। गौरतलब है कि खासतौर से कमजोर और लघु किसानों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना बहुत लोकप्रिय हुई है और माना जाता है कि इससे बहुत छोटे किसान महाजन के फसली कर्ज से भी मुक्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्चुअल समारोह में एक बटन दबाकर इन सभी किसानों के खाते में यह रकम पहुंचा दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से यह योजना शुरु हुई है, तबसे किसानों के खातों में एक लाख 10 हजार करोड़ रूपये जमा किए जा चुके है। प्रधानमंत्री ने यहां किसान आंदोलन का भी जिक्र किया, जिसमें 'कुछ लोग' 'कुछ राजनीतिक दल' किसानों को किसान कानूनों के खिलाफ यह कहकर भड़का रहे हैं कि किसान कानूनों से किसानों की जमीनें चली जाएंगी, मंडियां खत्म हो जाएंगी, किसानों की उपज के मूल्य पर कारपोरेट का कब्जा हो जाएगा...वगैरह-वगैरह। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान बिल्कुल भी गुमराह न हों, क्योंकि विरोधी दल किसानों में भ्रम फैला रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम-किसान योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जबकि बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इसका लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने किसानों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया को लंबे समय से रोका हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते हैं, वो दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं, इन दलों को आजकल एपीएमसी-मंडियों की बहुत याद आ रही है, लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी-मंडियां हैं ही नहीं, केरल में ये लोग किसान मंडियों के लिए कभी आंदोलन नहीं करते। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य बनाकर किसानों के कल्याण के लिए काम किया है ताकि देश के किसानों की इनपुट लागत कम हो, सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप योजना इसीलिए शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रयास किया है कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो और आज देश में करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं, बल्कि नए बाज़ार हों, हमने एक हज़ार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा है, इनमें भी एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक और लक्ष्य बनाया कि छोटे किसानों के समूह बनें, ताकि वो सामूहिक ताकत बनकर काम कर सकें, समृद्धशाली बन सकें, देश में 10 हजार से ज्यादा एफपीओ बनाने का अभियान चल रहा है, ‌उसमें आर्थिक मदद दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज किसान को अपना पक्का घर मिल रहा है, शौचालय मिल रहा है, साफ पानी का नल मिल रहा है, ये यही किसान हैं, जिनका बिजली-गैस के मुफ्त कनेक्शन से बहुत लाभ हुआ है, आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज ने भी उनके जीवन की बड़ी चिंता कम की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं, नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें, जिसे चाहें, सही दाम पर उपज बेच सकते हैं, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर या मंडी में अपनी उपज बेच सकते हैं, अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, उसे व्यापारी को बेचना चाहते तो बेच सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हमने दूसरे सेक्टरों में इनवेस्टमेंट और इनोवेशन बढ़ाया है तो हमने आय बढ़ाने के साथ ही उस सेक्टर में ब्रांड इंडिया को भी स्थापित किया है, अब समय आ गया है कि ब्रांड इंडिया दुनियाभर के कृषि बाज़ारों में भी खुद को उतनी ही प्रतिष्ठा के साथ स्थापित करे। प्रधानमंत्री ने देशभर के किसानों को नए कृषि सुधार कानूनों का खुलकर समर्थन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वह किसानों को कभी भी निराश नहीं करेंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले दिनों कई राज्यों-असम, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में हुए पंचायतों के चुनाव में प्रमुखतः ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने किसानों ने ही भाग लिया था, उन्होंने एक प्रकार से किसानों को गुमराह करने वाले सभी दलों को नकार दिया है। कॉंफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अटलजी सुशासन और पारदर्शिता के पक्षधर थे, आज सुशासन की दृष्टि से बहुत बड़ा काम हो रहा है, सारा देश व दुनिया इसे देख रही है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वाजपेयीजी के समय भी कृषि को ऐसी ही महत्ता दी गई थी और उस स्वप्न को साकार करने के लिए वर्ष 2014 से लगातार मोदी जी के नेतृत्व में, गांव-गरीब-किसान की उन्नति के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हम सब किसानों को नमन करते हैं जो कोविड संकट के समय में भी खेतों पर डटे रहे, फसल की कटाई की, गत वर्ष की तुलना में और ज्यादा खेती के उपार्जन का काम किया, ग्रीष्म ऋतु की फसलें-खरीफ की फसलें अधिक बोई गईं, किसानों के परिश्रम ने कोविड की परिस्थिति में अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लगातार इस बात की कोशिश की जा रही है कि कृषि क्षेत्र और गावों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, कृषि की अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लगातार प्रयत्न किए जा रहे हैं, एमएसपी को बढ़ाया गया, पहले गेहूं व धान की खरीद हुआ करती थी, अब दलहन-तिलहन को भी उसमें जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि बजट वर्ष 2013-14 की तुलना में आज छह गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, ये किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, इन्हें टेक्नालाजी का सपोर्ट मिल सके, इसलिए 10 हजार एफपीओ बनाने का कार्य भी हो रहा है।
कृषिमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्य इस किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ चुके हैं, पश्चिम बंगाल के लगभग 70 लाख किसानों को हर साल 4,200 करोड़ रुपये मिल सकते हैं पर बंगाल सरकार ने इसे अपने यहां लागू ही नहीं किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के सभी किसानों से अनुरोध किया कि वे जल्दी से जल्दी इस योजना से जुड़ें, ताकि उन्हें इस योजना के इतने बड़े लाभ से वंचित नहीं रहना पड़े। उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों को लेकर पंजाब सहित कुछ किसानों के मन में भ्रम पैदा किया गया है, उनसे आग्रह है कि आंदोलन को त्यागकर सरकार ने जो वार्ता का निमंत्रण दिया है उसपर वे आएं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद-विधायक, पंच-सरपंच, जनप्रतिनिधि तथा करोड़ों किसान देश के विभिन्न स्थानों से इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। विकासखंड व पंचायतों से भी किसान आदि शामिल हुए। आठ करोड़ से ज्यादा किसानों ने इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय दिल्ली में कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, कैलाश चौधरी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों से सीधा संवाद भी किया।

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