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भारत-बांग्‍लादेश के बीच अवरोध मुक्‍त व्‍यापार

कृषि क्षेत्र पर भारत और बांग्लादेश का डिजिटल सम्मेलन हुआ

बांग्लादेश को कई उत्पादों में शुल्क मुक्त बाज़ार की पेशकश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 23 December 2020 02:31:32 PM

piyush goyal addressing india-bangladesh digital conference on agriculture sector

नई दिल्ली। भारत सरकार में रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की ओर से बांग्लादेश को दोनों देशों के बीच अवरोध मुक्त व्यापार सुनिश्चित करने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। कृषि क्षेत्र पर भारत-बांग्लादेश डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने बांग्लादेश को कई उत्पादों में शुल्क-मुक्त बाज़ार की पेशकश की है, जिसमें कृषि-निर्यात भी शामिल है। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि हम मिलकर दोनों देशों के किसानों को आर्थिक समृद्धि से लाभांवित करने के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बेहतर और उज्जवल भविष्य की महत्‍वाकांक्षा रख सकते हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-बांग्लादेश आपसी विश्वास व मित्रता पर आधारित बेहद जोशपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं, जो आर्थिक लाभ एवं हानि के अंकगणित से परे हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि इस साझेदारी को अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए क्षेत्र में एक रोल मॉडल के रूपमें देखा जाता है और हमारे संबंध पिछले 6 वर्ष में और ज्यादा मजबूत हुए हैं, हमने सम्‍पर्क स्‍थापित करने और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अनेक परियोजनाओं को लागू करने के अलावा व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना एक समान दृष्टिकोण रखते हैं और व्यापार समर्थक नीतियों को साझा करते हैं, उन्होंने हमारे दोनों देशों में शासन को बढ़ाया है। पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है, जिसका बड़ा सामाजिक और आर्थिक पहलू है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि बांग्लादेश अब खाद्यान्‍न में आत्मनिर्भर हो गया है और उसका लक्ष्य कृषि को आधुनिक बनाना है, यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हम दोनों को अधिक तालमेल और सहयोग के साथ काम करना चाहिए।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कृषि दोनों देशों के बीच परिवर्तन की संभावना बन सकती है, इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग वर्तमान आर्थिक चुनौतियों से निपटने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का प्रमुख क्षेत्र होने के नाते कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग हमारे देश की वर्तमान आर्थिक चुनौतियों से उबरने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है जिनका दोनों देश सामना कर रहे हैं। वाणिज्‍य मंत्री ने बांग्‍लादेश की सरकार से अपने किसानों की समृद्धि को बढ़ाने और उसमें सुधार के तरीके तलाशने के उसके इरादे की सराहना की। उन्होंने भारत द्वारा अपने किसानों को परिवहन, सिंचाई, संस्थागत ऋण, मार्केटिंग की सुविधाओं, बीज जैसे गुणवत्तापूर्ण सामान की आपूर्ति, नीम कोटिंग उर्वरकों और मशीनरी और संबद्ध कुटीर उद्योगों के विकास में मदद करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
पीयूष गोयल ने कहा कि हमने किसानों की उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने एवं कृषि क्षेत्र में आकर्षण वापस लाने के लिए एक बहुत ही समग्र दृष्टिकोण का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद की दुनिया के रूपमें भारत और अधिक आत्मनिर्भर बनने के अपने प्रयासों के साथ अपने अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव का विस्तार कर रहा है, हमें विश्वास है कि हम अपने किसानों की आय में वृद्धि करने और उन्हें समृद्ध बनाने में मदद कर सकेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर गैर-टैरिफ बाधाएं यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी कि बांग्लादेश भारत के प्रचुर अवसरों का उपयोग कैसे करता है। द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि बांग्लादेश में भारत के सबसे अधिक ट्रैक्टर उपयोग किए जाते हैं, खाद्य प्रसंस्करण पर हम एक-दूसरे के साथ काम कर सकते हैं, एकदूसरे से सीख सकते हैं और एकदूसरे के साथ साझेदारी कर वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ा सकते हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि हम रेलवे क्षेत्र में एक बहुत मजबूत संबंध साझा करते हैं, जो बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक कार्य के लिए हमारा सेतु है। दोनों देशों की सरकारों ने उच्च मानदंड स्थापित किए हैं कि किस प्रकार बांग्लादेश और भारत मिलकर वस्त्र क्षेत्र में वैश्विक बाज़ार के बड़े हिस्से पर कब्जा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से हम लोगों को रोज़गार प्रदान कर सकते हैं, व्यापार से आय बढ़ा सकते हैं और आर्थिक विकास का समर्थन कर सकते हैं।

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