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'मानवाधिकारों में पंचायतों की बड़ी भूमिका'

मानव अधिकारों पर बोले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

मानवाधिकार दिवस पर मानव अधिकार आयोग का कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 10 December 2020 05:13:41 PM

union minister of state for home nityanand rai said on human rights

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि मानव अधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण में स्थानीय पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें सशक्त करने का काम किया गया है। मानवाधिकार दिवस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वर्चुअल माध्यम से यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में वैदिक काल से ही मानव अधिकारों का अस्तित्व है, वैदिक मंत्रों में सर्वे भवंतु सुखिना: सर्वे संतु निरामया की पंक्तियों में पूरी मानवता की भावना समाहित है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह मानव अधिकार और मानवाधिकार आयोग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण और विकास को उच्च प्राथमिकता दी है और ऐसे कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा तभी की जा सकती है जब न केवल वे अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हों बल्कि समाधान भी उन तक पहुंचे। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के भोजन के अधिकार की रक्षा कर यह सुनिश्चित किया है, इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को सशक्त करने के लिए मनरेगा की मजदूरी में भी वृद्धि की गई है, केंद्र सरकार ने कोविड-19 से प्रभावित प्रवासी मजदूरों के खातों में डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसे पहुंचाए हैं।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के कार्यों और उसमें लोगों के विश्वास की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि आयोग भय और पक्षपात के बिना अर्द्धन्यायिक निगरानीकर्ता की अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है। उन्होने कहा कि मानवाधिकारों को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। नित्यानंद राय ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा करने में सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण भूमिका है, सुरक्षा बल पूरे साहस के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के साथ ही नागरिकों के अधिकारों के प्रति भी अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय दे रहे हैं। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति पीसी पंत ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से यह वर्ष पूरी दुनिया में मानवता के लिए बहुत ही कठिन रहा है, इससे निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था और आम जनता की तरफ से एकजुट प्रतिक्रिया की जरूरत है।
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था की सफलता इस बात पर निर्भर है कि मानवाधिकारों के सम्मान की हमारी जड़ें कितनी गहरी हैं, यह समय हमारी प्रतिबद्धता को फिर दोहराने का है कि राज्य की सभी नीतियों का आधार मानवाधिकार होने चाहिएं। न्यायमूर्ति पीसी पंत ने कहा कि आयोग पिछले 27 साल से लोगों के लिए अधिक से अधिक सुलभता का निरंतर प्रयास कर रहा है, लेकिन असाधारण समय के लिए असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। न्यायमूर्ति पीसी पंत ने कहा कि आयोग ने भी कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना करते हुए इस साल अपनी अधिकतम गतिविधियों को ऑफलाइन से ऑनलाइन कर दिया है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के महासचिव बिम्बाधर प्रधान, एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य, विभिन्न राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, राजनयिक, सिविल सोसायटी के सदस्य और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

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