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भारत का ऊर्जा क्षेत्र विकास केंद्रित-मोदी

तेल व गैस कंपनियों के सीईओ के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 'एक राष्ट्र-एक गैस ग्रिड'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 October 2020 01:30:05 PM

narendra modi interacting with the ceos of leading oil & gas companies

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए चौथे भारत ऊर्जा मंच सेरावीक में उद्घाटन भाषण दिया, जिसकी थीम ‘बदलती दुनिया में भारत का ऊर्जा भविष्य’ है। प्रधानमंत्री ने तेल और गैस कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत में कहा कि भारत में ऊर्जा की कमी नहीं है और ऊर्जा के मामले में इसका भविष्य काफी उज्जवल और सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की मांग में एक तिहाई तक की गिरावट, दामों में अस्थिरता, निवेश संबंधित निर्णयों पर प्रभाव, अगले कुछ साल में वैश्विक स्तरपर ऊर्जा की मांग में कमी का अनुमान जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत ऊर्जा के अग्रणी उपभोक्ता के रूपमें उभरा है और आनेवाले समय में यह अपनी ऊर्जा खपत को लगभग दोगुना करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि घरेलू विमानन के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से आगे बढ़ता विमानन का बाजार है और 2024 तक भारतीय वाहकों के जहाजी बेड़े का आकार 600 से 1200 तक करने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि ऊर्जा की पहुंच किफायती और विश्वसनीय होनी चाहिए, तब ही सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र लोगों को सशक्त बनाता है और लोगों के रहन-सहन को आसान बनाने में मदद करता है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार की पहलों का भी उल्लेख किया, जिनसे विशेषतौर पर ग्रामीण लोगों, मध्यम वर्ग और महिलाओं को बहुत मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा योजना का लक्ष्य सतत विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं का पालन करते हुए ऊर्जा न्याय को सुनिश्चित करना है। उन्होंने भारत के ऊर्जा क्षेत्र को विकास केंद्रित, उद्योगों के अनुकूल और पर्यावरण के प्रति जागरुक बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का विस्तार करने वाले सबसे सक्रिय देशों में से एक है, जिन्होंने भारत को स्वच्छ ऊर्जा में निवेश के लिए सबसे आकर्षक उभरता बाजार बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे बढ़ाकर 2030 तक 450 गीगावाट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाकी औद्योगिक दुनिया के मुकाबले सबसे कम कार्बन उत्सर्जन वाले देशों में से एक होने के बावजूद भारत जलवायु परिवर्तन से अपनी लड़ाई के प्रयास जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घरेलू गैस का उत्पादन सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और यह एक राष्ट्र एक गैस ग्रिड के जरिए प्राप्त किया जाएगा, ताकि भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और गैस के बाजार मूल्य निर्धारण में एकरूपता लाने के लिए सरकार प्राकृतिक गैस मार्केटिंग सुधार लेकर आई जोकि ई-बोली के जरिए प्राकृतिक गैस की बिक्री को स्वतंत्रता प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत का पहला ऑटोमेटेड राष्ट्रीय स्तर गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इस साल जून में लॉंच हुआ था, जो गैस के बाजार मूल्य के निर्धारण की मानक प्रक्रिया तय करता है। प्रधानमंत्री ने तेल व गैस कंपनियों के सीईओ से कच्चे तेल के मूल्य निर्धारण को और अधिक जिम्मेदार बनाने का आग्रह किया। उन्होंने तेल और गैस के लिए पारदर्शी और लचीले बाजार के निर्माण की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत के विजन के साथ आगे बढ़ रही है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फोर्स मल्टिप्लायर का काम करेगी और ऊर्जा सुरक्षा इन प्रयासों के मूल में समाहित है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने इस चुनौतीभरे समय में भी तेल और गैस मूल्य श्रृंखला में निवेश बढ़ाकर सकारात्मक परिणाम देने शुरू कर दिए हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति के एक हिस्से के तौर पर पारस्परिक लाभ हेतु पड़ोसी देशों के साथ ऊर्जा कॉरिडोर के विकास को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार भगवान सूर्य के रथ को सात घोड़े चलाते थे, उसी तरह भारत के ऊर्जा मैप के भी सात प्रमुख संचालक है जैसे-गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए हमारे प्रयासो में तेजी लाना, जीवाश्म ईंधन विशेष रूप से पेट्रोलियम और कोयले का स्वच्छ उपयोग, जैव-ईंधन हेतु घरेलू स्रोतों पर निर्भरता, वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त करना, गतिशीलता को डी-कार्बोनाइज (गैर-कार्बन उत्पन्न) करने के लिए बिजली के योगदान को बढ़ाना, हाइड्रोजन सहित उभरते ईंधनों की ओर बढ़ना और सभी ऊर्जा प्रणालियों में डिजिटल नवाचार बढ़ाना। उन्होंने कहा कि इन छह वर्ष में जो मजबूत ऊर्जा नीतियां लागू हुई हैं, वह आगे भी जारी रहेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ऊर्जा मंच- सेरावीक उद्योग, सरकार और समाज के बीच एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूपमें काम कर रहा है और यह कॉंफ्रेंस भविष्य की बेहतर ऊर्जा के लिए उपयोगी साबित होगी।

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