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भारतीय कपास का ब्रांड एवं लोगो लॉंच

विश्व कपास व्यापार में 'कस्तूरी कॉटन' से जाना जाएगा

दुनियाभर में मनाया जा रहा द्वितीय विश्व कपास दिवस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 8 October 2020 02:46:01 PM

indian cotton brand and logo launch

नई दिल्ली। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए द्वितीय कपास दिवस पर भारतीय कपास के लिए पहला ब्रांड एवं लोगो लॉंच किया और कहा कि अब भारत का प्रमुख कपास विश्व कपास व्यापार में ‘कस्तूरी कॉटन’ के रूपमें जाना जाएगा एवं सफेदी, चमक, मृदुलता, शुद्धता, शुभ्रता, अनूठापन और भारतीयता का प्रतिनिधित्व करेगा। स्मृति ईरानी ने कहा कि भारतीय कपास को ब्रांड एवं लोगो से सम्मानित किया गया है, यह कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि दुनियाभर में द्वितीय विश्व कपास दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में कपास के महत्व का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कपास भारत की प्रमुख वाणिज्यिक फसलों में से एक है और यह लगभग 6.00 मिलियन कपास कृषकों को आजीविका प्रदान करती है।
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व में कपास का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, भारत प्रतिवर्ष लगभग 6.00 मिलियन टन कपास का उत्पादन करता है, जो विश्व कपास का लगभग 23 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि भारत विश्व की कुल जैविक कपास ऊपज के लगभग 51 प्रतिशत का उत्पादन करता है, जो वहनीयता की दिशा में भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। स्मृति ईरानी ने कहा कि जैविक उत्पादों की वहनीयता, अखंडता एवं समग्र खोज सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूपसे स्वीकृत संस्थागत प्रणाली के जरिए सत्यापित तुलनायोग्य अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर आधारित एक प्रमाणन प्रणाली स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कपड़ा मंत्रालय ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एपीडा के जरिये जैविक कपास के लिए एक प्रमाणन प्रणाली की अनुशंसा की है, जो समस्त कपड़ा मूल्य श्रृंखला में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
स्मृति ईरानी ने कहा कि इसी प्रकार एपीडा के समक्ष अजैविक कपास के लिए भी एक प्रमाणन प्रणाली की अनुशंसा करने का मामला उठाया गया है, जिससे कि उपयुक्त तरीके से कपास का उपयोग बढ़ाया जा सके। स्मृति ईरानी ने कहा कि भारतीय कपास निगम ने कपास का अबतक का सर्वोच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रचालन किया है और उम्मीद जताई है कि नए कपास सीजन में एमएसपी के तहत खरीद और बढ़ाई जाएगी। सीसीआई ने कपास उत्पादक राज्यों में 430 खरीद केंद्र खोले हैं और किसानों के खातों में 72 घंटे के भीतर डिजिटल तरीके से भुगतान किए जा रहे हैं, इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए सीसीआई ने एक मोबाइल ऐप ‘कौट-ऐली’ का विकास किया है, जिससे कि मौसम की स्थिति, फसल की स्थिति तथा सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रचलनों के बारे में नवीनतम सूचना उपलब्ध कराई जा सके।
भारतीय कपास निगम एमएसएमई मिलों, खादी ग्रामोद्योग, सहकारी क्षेत्र मिलों को अपनी नियमित बिक्री में प्रति कैंडी 300 रुपये की छूट दे रही है, जिससे कि उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता क्षमता एवं दक्षता बढ़ाई जा सके। कपास का उपयोग टेक्निकल टेक्सटाइल के सभी आयामों में किया जा सकता है। कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने जानकारी दी है कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए विधेयक पारित किए हैं, जो उद्योगों के लिए भी लाभदायक साबित होंगे। उन्होंने कपास उपयोग एवं अनुप्रयोग में उभरते परिदृश्यों पर विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए ‘न्यू-लुक कॉटन’ थीम पर टेक्सप्रोसिल एवं सीआईटीआई के वेबिनार के उद्घाटन सत्र में भी भाग लिया।

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