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वेबिनार: भारत विभिन्न व्यंजनों की भूमि!

उत्तरांचल, पंजाब और दिल्ली के व्यंजनों की प्रस्तुतियां

पर्यटन मंत्रालय की देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 22 September 2020 12:35:37 PM

webinar: india the land of various cuisines

नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला में प्रमोटिंग डेस्टिनैशन विद ऑथेंटकैटड क्विज़ीन विषय पर वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें भारत को विभिन्न व्यंजनों की भूमि के रूपमें पेश किया गया। प्रत्येक राज्य, क्षेत्र और इलाके में अद्वितीय पारंपरिक व्यंजन होते हैं, जो इसकी जलवायु के अनुकूल होते हैं, साथ ही स्थानीय स्तरपर जो अनाज, सब्जियां, मसाले, जड़ी-बूटियां और फल उपलब्ध होते हैं उन्हें विभिन्न तरीकों और प्रकारों से पकाया जाता है। भारत के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि बेहद स्वस्थप्रद भी हैं। व्यंजनों में मिलाए गए मसाले और जड़ी-बूटियां प्रतिरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। वेबिनार में तीन राज्यों-उत्तरांचल, पंजाब और दिल्ली के कुछ पारंपरिक व्यंजनों को प्रस्तुत किया गया। बर्ड ग्रुप की चेयरपर्सन राधा भाटिया, नई दिल्ली में रोज़ेटी हाउस के इग्ज़ेक्यटिव शेफ अनुज वधावन, ऋषिकेश में रोज़ीइट गंगा के इग्ज़ेक्यटिव साउस शेफ चेतन राणा और नई दिल्ली में द रोज़ीइट के इग्ज़ेक्यटिव पेस्ट्री शेफ आनंद पवार ने वेबिनार प्रस्तुत किया था।
राधा भाटिया ने प्रतिष्ठित वर्ल्ड गौर्मंड अवार्ड जीता है, जिसे उन्होंने वेबिनार में प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘लस्सीस ऑफ इंडिया-स्मूदीज विद ए ट्विस्ट’ नाम से एक किताब भी लिखी है। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत सभ्यता, परंपरा, संस्कृति, धर्म, मौसम की स्थिति और प्रकृति को लेकर की, जिसने भोजन तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। राधा भाटिया ने कहा कि भारत की सभ्यता पाषाण युग से शुरू होती है और परंपराओं, व्यंजनों और उनके मर्मों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि मुगलों, अफगानों और फारसियों जैसे आक्रमणकारी भी खाना बनाने के अपने तरीके और पाक शैली भारत लेकर आए, भारत में उगाए जाने वाले मसाले यूरोप और ब्रिटेन के नागरिकों के लिए व्यापार उद्देश्य का एक बड़ा आकर्षण था। उन्होंने कहा कि भारत एक रहस्यमय देश है, जहां विभिन्न जलवायु परिस्थितियों, विभिन्न वनस्पति, मिट्टी, प्राकृतिक संसाधन, खाना पकाने की तकनीक आदि हैं।
शेफ चेतन राणा ने कद्दू के पत्ते भाजी, चटनी की रेसिपी बताई। साथ ही देखने और जानने के लिए उन्होंने दर्शकों के लिए लाइव खाना पकाया। उन्होंने मसाला मिलाकर लोहे की एक कढ़ाई में खाना पकाया जिसमें कद्दू के पत्तों के प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने के लिए मसालों के कम इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने सिद्ध किया कि सिलबट्टे का इस्तेमाल कर बनाई गई चटनी सुस्वादु और स्वादिष्ट होती है। उन्होंने काफुली, चटनी, फाणु, बाड़ी, चावल, कुमाउनी रायता, डुबुक, झंगोरा की खीर आदि से युक्त एक सुंदर सात्विक उत्तराखंड थाली भी प्रदर्शित की। शेफ आनंद पंवार ने राम लड्डू, दौलत की चाट की रेसिपी साझा की और दर्शकों को देखने और सीखने के लिए लाइव कुकिंग की। उन्होंने चांदनी चौक और इसके स्ट्रीट फूड और वहां खाने-पीने की अलग-अलग गलियों पर प्रकाश डाला जैसेकि परांठेवाली गली, चाटवाली गली आदि। राम लड्डू, चना और मूंग दाल में अदरक, जीरा, नमक मिलाकर उसे तैयार किया जाता है और उसे तेल में तला जाता है और फिर उसपर सॉस, कच्चे प्याज, मूली और अनार रखा जाता है।
चांदनी चौक में एक बहुत लोकप्रिय मिठाई मिलती है, जिसे दौलत की चाट कहा जाता है। इसे सबसे पहले मुरादाबाद के फूड कारीगर खेमचंद ने बनाया था। यह मिठाई फुल क्रीम दूध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और केसर से तैयार की जाती है। शेफ अनुज वधावन ने अवध भोजन और दम कुकिंग के बारे में बताया। उन्होंने लाइव मुर्गज़ामेंडोज़ खाना पकाया, यह मसालेदार चिकन और रूमाली रोटी में रोलकर और दम में पकाकर तैयार किया गया। सभी शेफ का कहना था कि उनको अपनी माताओं से खाना पकाने की प्रेरणा मिली और उनसे प्रोत्साहन मिला है, जिससे उन्होंने रसोइए के रूपमें इस पेशे को अपनाया है। गौरतलब है कि भारत अथिति देवो भवः में विश्वास करता है और अतिथि संस्कृति को बढ़ावा देता है, जिसमें अतिथि को भगवान मानने की अवधारणा है। भारत सरकार के अपर महानिदेशक रूपिंदर बरार ने लोगों से खाना पकाने, अनुभव करने और सुंदर प्रकृति का आनंद लेने का आग्रह किया, जिससे हम सभी सुखी हैं। उन्होंने प्रकृति का सम्मान करने और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की सीख देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

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