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कोरोना महामारी एक छुपा हुआ वरदान-गडकरी

एमएसएमई सेक्टर पर कोविड के प्रभाव पर वीडियो कांफ्रेंसिंग

कोविड-19 महामारी से लड़ना भी समय की प्राथमिकता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 5 June 2020 01:04:45 PM

nitin gadkari (file photo)

नई दिल्ली। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने चमड़ा निर्यात परिषद, फिक्की-एनबीएफसी प्रोग्राम एवं आईएमसी वाणिज्य एवं उद्योग चैंबर के प्रतिनिधियों के साथ एमएसएमई पर कोविड-19 के प्रभाव पर वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा है कि सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के वर्तमान आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए ही अति आवश्यक प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के विशेष आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की है। उन्होंने उन विभिन्न उपायों की चर्चा और व्याख्या की, जिनकी घोषणाएं एमएसएमई के लिए की गई हैं, जिनमें इस सेक्टर को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई की परिभाषा में परिवर्तन भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मझोले उद्यमियों की परिभाषा को निवेश तथा संबंधित हितधारकों से टर्नओवर सीमा आधार इनपुटों को बढ़ाकर और संशोधित कर दिया गया है। चमड़ा निर्यात परिषद के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने उल्लेख किया कि आगरा रिंगरोड के निकट लेदर क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है, ये औद्योगिक क्लस्टर आगरा के चमड़ा क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की सहायता के लिए स्मार्ट सिटी, स्मार्ट गांव और अन्य बुनियादी ढांचों का विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात उत्पादों को भेजने के प्रयोजन के लिए निजी एयरलाइन के उपयोग हेतु उड्डयन मंत्रालय से अनुमति लेने पर विचार किया जा सकता है। नितिन गडकरी ने कहा कि इस समय की महती आवश्यकता आर्थिक गतिविधियों को जारी रखते हुए कोविड-19 महामारी से भी लड़ाई जारी रखना है।
नितिन गडकरी ने कहा कि कोरोना महामारी एक छुपा हुआ वरदान भी साबित हो सकती है और हमें इस अवसर का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने पीपीई मास्क, सेनिटाइजर आदि के उपयोग पर बल दिया और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा किया कि अन्य देशों से आयात कम करने पर विशेष फोकस दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय अंतिम तीन वर्ष के निर्यात एवं आयात के बारे में विवरण कवर करने के लिए दो पुस्तिकाओं पर काम कर रहा है। नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई को सहायता उपलब्ध कराने के लिए एनबीएफसी, राज्य सहकारी संघों, जिला सहकारी बैंकों, क्रेडिट सोसाइटियों आदि को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है, इसके अतिरिक्त एनबीएफसी को मजबूत बनाने के लिए उनमें एफडीआई की खोज की जा सकती है, जिससे एमएसएमई को काफी सहायता मिल सकेगी।
नितिन गडकरी ने प्रतिनिधियों के प्रश्नों के उत्तर दिए और उन्हें सुझाव भेजने को कहा तथा सरकार से सभी प्रकार की सहायता का भरोसा भी दिलाया। पूछे गए प्रश्नों एवं सुझावों में एमएसएमई को व्यापारियों के रूपमें शामिल करना, एमएसएमई को भुगतान के लिए 45 दिन की समय सीमा से संबंधित 2 नवंबर 2018 के एमएसएमई मंत्रालय के आदेश में मझोले उद्यमियों का समावेशन, एनबीएफसी के मामले में डिजिटल केवाईसी को सम्मिलित करना, संपर्कसूची केवाईसी के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए मास्टर केवाईसी अधिसूचना में परिवर्तन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रोत्साहन की आवश्यकता, ब्याज माफी योजना की पात्रता सूची में कपास कताई को शामिल करना, कानपुर में कार्गो उड़ान की अनुमति, आयात को कम करना तथा घरेलू क्षमता का उपयोग करना, एमएसएमई सेक्टर में परिवर्तन लाने के लिए श्रम सुधारों की आवश्यकता जैसे मुद्दे शामिल थे।

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