स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत में क्वालिटी लीडरशिप का बड़ा संकट

राज्यपाल से मिले इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी के सदस्य

राजनीति के क्षेत्र में परिवारवाद एक बड़ा राजनीतिक संकट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 December 2019 03:45:54 PM

member of indian school of democracy met governor

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में नई दिल्ली की संस्था इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी के सदस्यों ने शिष्टाचार भेंट की। सदस्यों में टीम लीडर प्रखर के नेतृत्व में 18 राज्यों के विभिन्न दलों के 35 सदस्य शामिल थे। संस्था ने युवाओं में लोकतंत्र एवं राजनीति की समझ विकसित करने के उद्देश्य से डेमोक्रेसी एक्सप्रेस विषयक सड़क यात्रा की शुरुआत की है, जिसमें 18 राज्यों से चयनित युवा सहभाग कर रहे हैं। यह यात्रा उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात से होकर 29 दिसम्बर 2019 को गांधी आश्रम अहमदाबाद पर समाप्त होगी। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश से प्रारम्भ होकर गांधी आश्रम अहमदाबाद तक की सड़क यात्रा हेतु संस्था के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि भारतीय राजनीति में युवाओं की पहले से ज्यादा भागीदारी सामने आ रही है, किंतु इसका एक पक्ष यह है कि राजनीति को एक प्रकार से पारिवारिक बिजनेस मान लिया गया है और जिस युवा की पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है और जो जातिगत आंकड़ों में फिट नहीं बैठता है, वह चाहे कितना भी नैतिक और व्यक्तित्व प्रधान हो, उसे राजनीतिक अवसर मिलने में आज और भी ज्यादा कठिनाईयां हैं। भारत में परिवारवाद की राजनीति सर चढ़कर बोल रही है और देश के शीर्ष राजनेताओं के परिवार के सामने किसी और का राजनीतिक रूपसे सफल होना एक मात्र सपना है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से जो शिष्टमंडल मिला है, उसके पास इस सवाल का उत्तर नहीं है कि उसके पास परिवारवाद की राजनीति से निपटने का क्या समाधान है? दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के सामने परिवारवाद एक बड़ा संकट है और अब राजनीति ने एक बिजनेस का रूप ले लिया है, जिससे देश क्वालिटी लीडरशिप के संकट का सामना कर रहा है। इसमें आज जिसके पास पैसा, जाति और बाहुबल है, वही राजनीतिक खेल खेल रहा है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]