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'मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन जरूरी'

भारतीय तटरक्षक बल की 18वीं बोर्ड की बैठक हुई

खोज और बचाव योजना की दक्षता का आकलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 19 December 2019 02:48:25 PM

18th board meeting of indian coast guard held

नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल की 18वीं राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक में नीतिगत मुद्दों पर चर्चा, दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं तय करने तथा राष्ट्रीय खोज और बचाव योजना की दक्षता का आकलन किया गया। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और एनएमएसएआरबी के अध्यक्ष के नटराजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, एजेंसियों, तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 48 बोर्ड सदस्यों ने भाग लिया। पहलीबार एमएसएआरके तीन मजबूत घटक सचिव जहाजरानी मंत्रालय, सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय और सचिव मत्स्य विभाग भी बैठक में मौजूद थे। एनएमएसएआरबी के अध्यक्ष ने अपने उद्घाटन भाषण में बोर्ड में तीन नए स्थायी सदस्यों के रूपमें जहाजरानी मंत्रालय, पशुपालन विभाग, डेयरी और मतस्य पालन विभाग तथा राष्ट्रीय समुद्री सूचना सेवा केंद्र को शामिल किए जाने का स्वागत किया।
एनएमएसएआरबी के अध्यक्ष के नटराजन ने 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशाल भारतीय खोज एवं बचाव क्षेत्र में खोज एवं बचाव कार्यों में प्रभावी सुधार के लिए हितधारकों के साथ समन्वय बनाने में भारतीय तटरक्षक बल की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुंबई, चेन्नई तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारतीय तटरक्षक बल और स्वैच्छिक जहाज रिपोर्टिंग प्रणाली से तत्काल खोज और बचाव के लिए घटना स्थल के करीब स्थित जहाजों को दूसरी ओर ले जाने के लिए स्थापित तीन मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन केंद्रों के महत्व का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आईसीजी द्वारा अपनाई गई रोकथाम और तकनीक ने हाल के दिनों में आए कई चक्रवातों के दौरान समुद्र में किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं होने दिया। के नटराजन ने सभी हितधारकों की मदद से बचाव और राहत उपायों को और मजबूत तथा सक्षम बनाने की जरूरत पर जोर दिया। के नटराजन ने कहा कि इसके लिए समुद्री यात्राओं के दौरान जहाजों में जीवन रक्षक उपकरणों को ले जाना अनिवार्य बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
के नटराजन ने मछली पकड़ने की नौकाओं को समुद्री मौसम के ज्यादा से ज्यादा अनुकूल बनाए जाने की व्यवस्था पर भी ज़ोर ‌दिया। उन्होंने कहा कि मछुआरों को नई बचाव तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि समुद्री खोज और बचाव की नोडल एजेंसी के रूपमें भारतीय तटरक्षक बल अबतक 3,180 खोज और बचाव अभियान चला चुका है, जिसमें तटरक्षक बल के खोजी विमानों ने 2,479 बार उड़ान भरी है और 3,540 जहाजों ने हिस्सा लिया। इन अभियानों के दौरान 9,672 लोगों की जान बचाई गई हैं। इसके अलावा तटरक्षक बल ने इस साल आए तीन भीषण चक्रवाती तूफानों के दौरान 6,000 से ज्यादा मछली पकड़ने वाली नौकाओं का सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। अकेले इस वर्ष तटरक्षक बल ने समुद्र में 300 बचाव अभियान चलाया, जिसमें करीब 1000 लोगों की जान बचाई गई। बैठक को जहाजरानी सचिव गोपालकृष्ण, नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला, मत्स्य विभाग की सचिव रजनी सेखरी सिब्बल ने भी संबोधित किया। बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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