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भारत का सहयोग हमेशा श्रीलंका के साथ-मोदी

'संपूर्ण हिंद महासागर के हित में है सुरक्षित व समृद्ध श्रीलंका'

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे का जोरदार स्वागत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 November 2019 05:00:07 PM

president of sri lanka gotabaya rajapaksa and pm narendra modi joint press statements

नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे की उनके प्रथम बार भारत आगमन पर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जोरदार अगवानी की। हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा है कि यह यात्रा भारत और श्रीलंका के मित्रतापूर्ण संबंधों की मजबूती और गतिशीलता का प्रतीक है, यह इस बात का भी संकेत है कि दोनों देश संबंधों को कितना महत्व देते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पूरे साझा क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए हम राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे के साथ घनिष्ठ रूपसे कार्य करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि गोटाबैया राजपक्षे को प्राप्त जनादेश एक संगठित, मजबूत और समृद्ध श्रीलंका के लिए श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करता है, इस संबंध में भारत की शुभेच्छा और सहयोग हमेशा श्रीलंका के साथ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करके वह बहुत प्रसन्न हैं और श्रीलंका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में निर्णायक जीत के लिए गोटाबैया राजपक्षे को हार्दिक बधाई देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका में लोकतंत्र की मजबूती और परिपक्वता बहुत गर्व और खुशी का विषय है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना और पद संभालने के दो हफ्ते के भीतर भारत में उनका सम्मान करने का मौका दिया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध श्रीलंका न केवल भारत के हित में है, बल्कि संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र के भी हित में है। उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और एक भरोसेमंद मित्र है, दोनों देशों के नज़दीकी संबंधों का मज़बूत आधार हमारे ऐतिहासिक, संजाति विषयक, भाषाई, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संपर्क हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार की पड़ोस पहले नीति और सागर सिद्धांत के अनुरूप हम श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देते हैं, दोनों देशों की सुरक्षा और विकास अविभाज्य हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि हम एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनशीलताओं के प्रति सचेत रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों तथा परस्पर हित के अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर बहुत अच्छी और लाभप्रद चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बहुमुखी साझेदारी और सहयोग को हम मिलकर और भी ज्यादा मज़बूत करेंगे। प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के साथ विकास साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया और कहा कि हमेशा की तरह यह सहयोग श्रीलंकावासियों की प्राथमिकताओं के अनुसार रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चार सौ मिलियन डॉलर के एक नई क़र्ज़े की सीमा से श्रीलंका में आधारिक संरचना और विकास को बल मिलेगा, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा, साथ ही यह नई क़र्ज सीमा दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभ के परियोजना सहयोग को भी गति देगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें खुशी है कि इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में आंतरिक विस्थापितों के लिए 46,000 घर बन चुके हैं, अप-देश क्षेत्र में भारतीय मूल के तमिलों के लिए 14,000 घरों के निर्माण में अच्छी प्रगति हो रही है। उन्होंने बताया कि दोनों देश श्रीलंका में सोलर प्रोजेक्टस के लिए पहले ही घोषित 100 मिलियन डॉलर क्रेडिट लाइन को जल्दी उपयोग में लाने पर सहमत हुए हैं। भारत-श्रीलंका में एजुकेशन और आधारिक संरचना में अनुदान के आधार पर जारी 20 सामुदायिक विकास परियोजनाओं सहित और भी कई केंद्रित परियोजनाओं पर चर्चा हुई।
सीमापार आतंकवाद का विषय भी इस बैठक में आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सदैव ही हर रूपमें आतंकवाद का विरोध किया है और सीमापार आतंकवाद सहित अन्य प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की अपेक्षा भी की गई है। उन्होंने कहा कि इस साल ईस्टर के अवसर पर श्रीलंका में आतं‌कवादियों ने पूरी मानवजाति की विविधता और सहजीवन की मूल्यवान विरासत पर नृशंस हमले किए। उन्होंने आतंकवादी एवं चरमपंथी ताकतों के विरुद्ध श्रीलंका की लड़ाई में भारत का अटल समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने आपसी सुरक्षा के लिए और आतंकवाद के विरुद्ध आपसी सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने पर राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे के साथ विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के पुलिस अधिकारी प्रमुख भारतीय संस्थानों में काउंटर आतंकवादी प्रशिक्षण का पहले से ही लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए श्रीलंका को 50 मिलियन डॉलर की एक विशेष क़र्ज़े की सीमा की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछुवारों की आजीविका को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे बीच सहमति है कि हम इस मामले में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे ने जातीय सद्भाव पर उनके समावेशी राजनैतिक दृष्टिकोण के बारे में मुझे बताया और मुझे विश्वास है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की समानता, न्याय, शांति और सम्मान की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुलह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी, इसमें 13वां संशोधन लागू करना भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर और पूर्व समेत पूरे श्रीलंका में विकास के लिए भारत एक विश्वनीय भागीदार बनेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति गोटाबैया राजपक्षे की भारत यात्रा से हमारे आपसी संबंधों को और बल मिलेगा और हमारा सहयोग दोनों देशों में विकास और क्षेत्र में समृद्धि, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देगा।

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