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'खादी ब्रांड का वैश्वीकरण भारत के लिए गर्व'

एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार की मिशन मोड परियोजना

मुंबई में भारतीय उद्योग परिसंघ का व्यापार सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 August 2019 03:09:53 PM

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मुंबई। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र में 5 वर्ष के दौरान 5 करोड़ नौकरियां पैदा करने के लिए एक मिशन मोड परियोजना की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई निर्यात का अनुपात 50 प्रतिशत तक ले जाने और अगले 5 वर्ष में एमएसएमई क्षेत्र के जीडीपी योगदान को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। नितिन गडकरी ने यह बात मुंबई में भारतीय उद्योग परिसंघ के 'खादी ब्रांड का वैश्वीकरण भारत का गर्व' विषय पर व्यापार सम्मेलन में कही। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि इंडिया और भारत के बीच एक अंतर है, गांवों में बहुत सी समस्याएं हैं, जिनकी वजह से लोग नौकरियों की तलाश में गांवों से शहरों की ओर पलायन करते हैं, हमें इसे रोकने की जरूरत है, हम चाहते हैं कि नौकरियों की कमी के कारण लोगों को शहरों में नहीं आना पड़े, यह तभी संभव होगा जब हम ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी सड़कें, स्कूल, अस्पताल, व्यवसायों के लिए कृषि राजस्व और आर्थिक व्यवहार्यता को प्रदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण और मशीनीकरण के साथ-साथ हमें रोज़गार के अवसरों की भी तलाश करनी होगी।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि खादी क्षेत्र को मजबूत बनाने की जरूरत है, खादी और ग्रामीण क्षेत्र के कारोबार को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि जनसंख्या का एक बड़ा वर्ग इसपर निर्भर है। नितिन गडकरी ने बताया कि उनका मंत्रालय टेराकोटा से बने कुल्हड़ों में चाय परोसने के लिए रेल मंत्रालय से बातचीत कर रहा है, फिलहाल यह दो स्टेशनों में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्यों के परिवहन मंत्रियों को भी सभी बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों में इन कुल्हड़ों को अनिवार्य बनाने के लिए लिखा है। नितिन गडकरी ने कहा कि खादी गांधीजी की सोच की आत्मा है और हमें उत्पाद डिजाइन, फैशन डिजाइन, बुनाई और अन्य प्रक्रियाओं में खादी के आधुनिकीकरण की जरूरत है, नए शोध को शामिल करने उन्हें अपनाने की जरूरत है। नितिन गडकरी ने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि मिलों में जो धागा (सूत) बनाया गया है, उसकी तुलना में हम किस तरह से बेहतर गुणवत्ता और कम लागत वाले धागे को बना सकते हैं, फैशन डिजाइन में पेशेवर दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ताकि खादी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
नितिन गडकरी ने खादी को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों से आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता के नज़रिए से देखा जाए तो यह मुश्किल नहीं है, अगर हमें उद्योगजगत से अच्छे इनपुट मिलते हैं तो ब्रांड खादी को विश्व प्रसिद्ध बनाया जा सकता है। नितिन गडकरी ने कहा कि उपभोक्ता की पसंद बदल गई है और शिखर सम्मेलन का उद्देश्य खादी के ब्रांड मूल्य व बाज़ार मूल्य को बढ़ाने में उद्योगजगत की सहभागिता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि समन्वयक के रूपमें सरकार विकास को बढ़ावा देने की नीतियों पर काम कर रही है, पूंजीकरण की लागत को कम करने, मशीनीकरण और आधुनिकीकरण करने और रसद तथा बिजली की लागत को कम करने जैसे उपायों में भी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अलीबाबा जैसे ई-मार्केट पोर्टल की तर्ज पर भारत क्राफ्ट के नाम के पोर्टल को विकसित कर रही है, यह खरीदारों और विक्रेताओं को एक दूसरे से सीधा जोड़ेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त है और तेजी से निर्णय लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें हर देश में खादी की उपस्थिति सुनिश्चित करने और इसे दुनिया के हर कोने में ले जाने की जरूरत है। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर टेक सक्षम का भी उद्घाटन किया, जो एक सीआईआई टेक परियोजना है और इसका लक्ष्य प्रौद्योगिकी सक्षमता के माध्यम से एमएसएमई विकास में तेजी लाना है।
एमएसएमई राज्यमंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खादी उद्योग को प्रसिद्धि मिली, गांधीजी ने एक साधारण उत्पाद को राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूपमें बदल दिया, एक साधारण कपड़ा हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का एक बड़ा हथियार बन गया। प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विचार को आगे बढ़ाना और खादी का वैश्वीकरण करना चाहते हैं, खादी का वैश्विक आकर्षण है, यह पर्यावरण के अनुकूल, शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक, कम पानी का इस्तेमाल करने वाला होता है और यह लाखों लोगों को आजीविका उपलब्ध कराता है। प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि यदि देश के 130 करोड़ नागरिक खादी का उपयोग करने लगें तो इससे 15 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे, इसलिए खादी कपड़ों की खरीदारी कर हम देश की बेहतर तरीके से सेवा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खादी उद्योग में विस्तार की जरूरत है, इसकी काफी संभावनाएं हैं। प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि खादी न सिर्फ रोज़गार उपलब्ध कराने, बल्कि अपनी संस्कृति का विस्तार करने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त क्षेत्र है।
प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि जब खादी विदेश में पहुंचता है तो यह हमारे राष्ट्रीय राजदूत की तरह काम करता है, खादी में जाड़े के दिनों में गर्मी और गर्मी के मौसम में ठंड प्रदान करने का विशेष गुण होता है, इसमें इस्तेमाल किए गए सभी धागे हाथ से बनाए होते हैं। प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि खादी से जितना संभव हो सके बिचौलियों को हटाना चाहिए, ताकि कारीगरों को अधिक फायदे मिलें। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सचिव डॉ अरूण कुमार पांडा ने कहा कि खादी हमारे राष्ट्र के साथ-साथ इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, खादी हमारी महान विरासत और ताकत है। डॉ अरूण कुमार पांडा ने कहा कि खादी के सामने कई चुनौतियां हैं, इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए नए विचार और समाधान के साथ आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कारीगरों की दी गई प्रोत्साहन राशि अब प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए सीधे उनके खातों में भेज दी जाती है। डॉ अरूण कुमार पांडा ने कहा कि सरकार ने खादी के लिए देशभर में चार डिजाइन केंद्रों की स्थापना करने का फैसला लिया है, खादी की ओर युवाओं और आकांक्षित लोगों को आकर्षित करने की बड़ी चुनौती है, जिसे साधने की जरूरत है।
खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी का कारोबार हाल के वर्ष में काफी तेजी से बढ़ा है और इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खादी को अपनाने की अपील का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के जरिए हमारा उद्देश्य इसके कारोबार को आनेवाले समय में और अधिक करना है। उन्होंने कहा कि खादी में कुछ बुनियादी गुण होते हैं, जिन्हें अभी तक समझा नहीं गया है, इस बारे में लोगों को बताने की जरूरत है। विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी एक प्राकृतिक वस्त्र है, यह कार्बन रहित कपड़ा है, जिसे कोई मशीन नहीं बना सकती, यह पर्यावरण के काफी अनुकूल है, एक मीटर खादी कपड़ा बनाने में महज 3 लीटर पानी लगता है, जबकि इतना ही कपड़ा बनाने में मशीन 56 लीटर पानी की खपत करती है। विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरुप कारीगरों के लिए रोज़गार अवसर बढ़े हैं, खादी मेक इन इंडिया का सबसे बेहतर उदाहरण है। सम्मेलन का समापन सीआईआई के पश्चिमी क्षेत्र के चेयरमैन पी नंदकुमार के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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