स्वतंत्र आवाज़
word map

'कौशल प्रदर्शन के लिए वैश्विक मंच पर जाएं'

द्विवार्षिक कार्यक्रम विश्‍व कौशल अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतियोगिता

भारत में सबसे बड़ी कामकाजी आबादी-डॉ महेंद्रनाथ पांडेय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 August 2019 04:55:16 PM

dr mahendranath pandey at minister summit during world skills

कजान/ नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने चालीस देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों से सभी ट्रेडों में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के उद्देश्‍य के लिए वैश्विक मंच का अधिक से अधिक उपयोग करने का अनुरोध किया है। उन्‍होंने कहा है कि सभी देशों की आर्थिक प्रगति के लिए कौशल को एक सीढ़ी के रूपमें उपयोग करने के लिए एकजुट होना सरकार और उद्योग दोनों के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि सभी देश भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठा सकते हैं, भारत के युवा उनकी प्रगति और विकास में योगदान दे सकते हैं। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय कजान रूस में चल रहे द्विवार्षिक कार्यक्रम विश्‍व कौशल अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रहे विभिन्‍न देशों के मंत्रियों के सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस प्रतियोगिता में 48 सदस्‍यों का भारतीय दल भाग ले रहा है। यह दल मोबाइल रोबोटिक्‍स, प्रोटोटाइप मॉडलिंग, हेयरड्रेसिंग, बेकिंग, कन्फेक्शनरी और पेटीसेरी, वेल्डिंग, ईंट बिछाने, कार पेंटिंग, फ्लोरिस्ट्री आदि जैसी ट्रेडों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग ले रहा है।
विश्‍व कौशल अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतियोगिता से इतर आयोजित मंत्रियों के सम्‍मेलन में 40 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि भारत अपने विशिष्‍ट जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का उपयोग करने के लिए सभी आवश्‍यक प्रयास कर रहा है, भारत 27.6 वर्ष की औसत आयु के साथ एक युवा राष्‍ट्र है, वर्ष 2022-34 के दौरान देश में सबसे बड़ी कामकाजी आबादी होगी, हमने सक्षम कौशल से युक्‍त युवा कार्यबल को मजबूत बनाने के लिए कौशल विकास के वैश्विक मानक अपनाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने युवाओं के कौशलस्‍तर में बढ़ोतरी के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय भर्तियों सहित इस कार्यबल के लिए अवसर जुटाने के उद्देश्‍य से अनेक पहल की हैं। भारत को अगला कौशल केंद्र बनाने का मजबूत मामला पेश करते हुए उन्होंने कहा कि हर साल देश के कार्यबल में एक करोड़ युवा शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि बहुकौशल अवसर उपलब्ध कराने के लिए कम समय में कौशल विकास और उद्योग के साथ प्रशिक्षण दिलाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों से युवाओं की रोज़गार संबंधी योग्यता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत ने 200 से 600 घंटों की अवधि का एक मॉड्यूलर क्षमता आधारित कार्यक्रम अपनाया है।
डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि हम लोग उद्योग आधारित प्रशिक्षु कार्यक्रम पर भी जोर दे रहे हैं, ताकि श्रम बाज़ार में जा रहे युवाओं को इंडस्ट्री में इनहाउस प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल और उनके उत्साह को बढ़ाने के लिए सरकार, उद्योग और शैक्षिक संस्थानों के बीच एक लाभदायक साझेदारी जरूरी है। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच लाभदायक भागीदारी, युवाओं के कौशल और उमंग के समावेश के लिए आवश्‍यक है। उन्होंने कहा कि भारत ने श्रेष्‍ठ अंतर्राष्‍ट्रीय प्रक्रियाओं और कामकाज के माहौल से युवा कार्यबल को परिचित कराने के लिए अनेक देशों के साथ सहयोग किया है, अक्‍तूबर 2017 में उनके मंत्रालय ने जापान के साथ सहयोग ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए थे। एनएसडीसी ने संयुक्‍त अरब अमीरात में अमीरात ड्राइविंग संस्‍थान के साथ भी सहयोग किया था। इस भागीदारी का उद्देश्‍य भारत में चालक प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना के अलावा संयुक्‍त अरब अमीरात और मिडिल ईस्‍ट के अन्‍य देशों में अच्‍छे चालकों की जरूरतों को पूरा करना है। उन्‍होंने कजान रूस में विश्‍व कौशल में कौशल भारत मंडप का भी उद्घाटन किया, जिसमें देश के सौंदर्य-भारत की विविध संस्‍कृति के अनुभवों और विविधता में एकता का प्रदर्शन किया गया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]