स्वतंत्र आवाज़
word map

प्रकाशन विभाग की अनेक ई-परियोजनाएं शुरु

वेबसाइट, मोबाइल ऐप, रोज़गार ई-संस्करण और ई-पुस्तक

लोगों में पढ़ने की संस्कृति में नई जान फूंकी जाए-जावड़ेकर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 31 July 2019 05:33:01 PM

many e-projects started by the publishing department

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज सूचना भवन में प्रकाशन विभाग की अनेक ई-परियोजनाओं की शुरुआत की। पुस्तक गैलरी अवलोकन के दौरान उन्होंने विभाग की नई डिजाइन वेबसाइट, मोबाइल ऐप डिजिटल डीपीडी, रोज़गार समाचार के ई-संस्करण और ई-पुस्तक सत्याग्रह गीता की शुरुआत की। प्रकाश जावड़ेकर ने इस अवसर पर कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों से पढ़ने की आदत डालने की बात के समान हमें पढ़ने की संस्कृति में नई जान फूंकनी चाहिए। उन्होंने पढ़ने की संस्कृति में सुधार लाने के लिए पड़ोस में रीडिंग क्लब बनाने का आग्रह किया। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि रोज़गार समाचार में निजी नौकरियों सहित सभी नौकरियों की सूची शामिल कर समाचार पत्र की भूमिका सुधारी जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि रोज़गार समाचार जब कॉलेजों में वितरित किया जाएगा तो इससे छात्रों को अपना कौशल बढ़ाने और खुद को नौकरियों के बाज़ार के लिए बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि प्रकाशन विभाग की नई सिरे से तैयार वेबसाइट आकर्षक और क्रियाशील लगती है, इसे रोजाना अपडेट करने से लोग जल्दी-जल्दी इस साइट को देखेंगे। प्रकाशन विभाग के मोबाइल ऐप पर उन्होंने कहा कि इससे ई-पुस्तक और किंडल के युग में लोगों की पढ़ने की आदतों को सुधारने में मदद मिलेगी। ई-परियोजनाओं का विवरण इस प्रकार है-नई क्रियाशील वेबसाइट www.publicationsdivision.nic.in में प्रकाशन विभाग की पुस्तकों और अखबारों के बारे में नवीनतम जानकारी के साथ-साथ खरीदने की सुविधा प्रदान की गई है, इससे खरीदारी आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर उपलब्ध सभी पुस्तकों की बिक्री के लिए भुगतान भारत कोष के जरिए होगा। उन्होंने कहा कि वेबसाइट देखने में आकर्षक है और इसकी सुनियोजित बनावट है, पुस्तकों की सूची और नई जानकारियां तथा नई जारी पुस्तकों को कलात्मक तरीके से प्रदर्शित किया गया है, इनमें अच्छे दिखने वाले रंगों का इस्तेमाल किया गया है और पृष्ठभूमि एवं मूलपाठ के बीच शानदार डिजाइन और चित्रों को रखा गया है। जानकारी विभिन्न वर्गों और श्रेणियों में है, जो सभी हितधारकों जैसे पाठकों, लेखकों, अन्य प्रकाशकों, प्रिंटरों, एजेंटों आदि की जरूरतों को पूरा करती है, इसमें शामिल सामग्री को आसानी समझा जा सकता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वेबसाइट उपयोगकर्ता के अनुकूल है, जिसे सोशल मीडिया पर आसानी से चलाया जा सकता है, इसमें किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं है और जानकारी हासिल करने की प्रभावी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि सरल इंटरफेस हिंदी और अंग्रेजी में आसानी से देखने की सुविधा प्रदान करता है, इसे दृष्टिबाधित सहित सभी लोग देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्वीटर पर मिलने वाले सुझावों के लिए सोशल मीडिया से इसे जोड़ा गया है। इसमें गांधी@150 पर एक विशेष खंड है, जिसमें महात्मा गांधी और अन्य गांधीवादी प्रकाशनों के सामूहिक कार्य के संस्करणों को पढ़ने के लिए विशेष गांधी कैटलॉग, गांधी हेरीटेज पोर्टल सहित खास विशेषताओं के साथ शामिल किया गया है। मोबाइल ऐप ‘डिजिटल डीपीडी’ गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है और मोबाइल की बढ़ती वाणिज्यिक संभावनाओं को देखते हुए यह सुनने को सरल बनाएगा। मोबाइल ऐप को डिजिटल राइट्स प्रबंधन प्रणाली से जोड़ा गया है, ताकि साहित्यिक चोरी पर अंकुश लगाया जा सके और आसानी से भुगतान के लिए भारत कोष भुगतान गेटवे से इसे जोड़ा जा सके।
रोज़गार समाचार का ई-संस्करण सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों सहित केंद्र सरकार में नौकरियों के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह विशेषज्ञों के करियर संबंधी लेखों के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में दाखिले और करियर अवसरों के बारे में जानकारी और मार्गदर्शन देता है। ई-रोज़गार समाचार अख़बार को डिजिटल रूपमें प्रस्तुत करेगा और यह 400 रुपये के वार्षिक शुल्क पर उपलब्ध है। उम्मीद की गई है कि ई-रोज़गार समाचार युवा पाठकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगा और संचार के इलेक्ट्रॉनिक मोड की ओर बढ़ेगा। ई-पुस्तक ‘सत्याग्रह गीता’ जानी-मानी कवयित्री डॉ क्षमा राव द्वारा 1930 में संस्कृत छंदों में लिखी गई विरासत निधि पुस्तक में गांधीजी के जीवन और उससे जुड़ी घटनाएं प्रस्तुत की गई हैं। गांधी@150 स्मारक के तहत डीपीडी ने पुस्तक का पीडीएफ संस्करण खरीदा है और पुस्तक का ई-संस्करण तैयार किया है। इसकी पहुंच अधिक लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए अंग्रेजी अनुवाद भी शामिल किया गया है। अठारह अध्यायों में विभाजित सत्याग्रह, गीता, गांधी के विचारों, जीवन के दर्शन और संस्कृत के छंदों में उनकी कार्य के तरीकों, गांधी के चरित्र और नीतियों को शामिल किया गया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]