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निर्वाचन आयोग की ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज

लोकसभा चुनाव में डाक मतदाताओं की रिकॉर्ड उच्चतम संख्या

डाक मतपत्र भारत निर्वाचन आयोग का प्रमुख आईटी कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 July 2019 01:19:01 PM

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नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कई ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक रूपसे प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम भी अपनी तरह की एक अनूठी प्रणाली है। वर्ष 2014 के पिछले आम चुनाव के दौरान पंजीकृत डाक मतदाताओं की 13,27,627 संख्या की तुलना में, 2019 में संपन्न दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में डाक मतदाताओं की 18,02,646 रिकॉर्ड उच्चतम संख्या दर्ज की गई है। पहलीबार ऑनलाइन पंजीकरण में सक्षम एक समर्पित पोर्टल https://www.servicevoter.eci.nic.in के माध्यम से डाक मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रसंस्करण समय बचाने, संसाधनों को बचाने और मानवीय त्रुटियों से बचने के लिए डाक मतपत्र भेजे गए।
भारत निर्वाचन आयोग के ईटीपीबीएस ने कोई मतदाता पीछे न छूटे के आदर्श वाक्य के साथ राष्ट्र के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए मतदान करने के अपने संवैधानिक अधिकार के साथ सभी पात्र डाक मतदाताओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि देश के बाहर दूतावासों में तैनात शस्त्र अधिनियम और सरकारी अधिकारियों के तहत केंद्रीय बलों में काम करने वाले व्यक्तियों को डाक मतदाता के रूपमें वर्गीकृत किया जाता है और उनके लिए ऑनलाइन नामांकन का प्रावधान किया जाता है। वर्ष 2019 के आम चुनावों में डाक मतदाताओं की कुल संख्या में से 10,16,245 रक्षा मंत्रालय से, 7,82,595 गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) से, 3539, विदेश मंत्रालय और 267 राज्य पुलिस के थे। आम चुनाव 2019 में फैले सात चरणों में कुल 18,02,646 डाक मतपत्र भारत के चुनाव आयोग के प्रमुख आईटी कार्यक्रम-ईटीपीबीएस का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूपसे भेजे गए थे। इससे कुल 10,84,266 ई-पोस्टल मत प्राप्त हुए, जिन्होंने 60.14 प्रतिशत मतदान का संकेत दिया। वर्ष 2014 में डाक मतदाता द्वारा केवल 4 प्रतिशत मतदान ही दर्ज किया गया था।
पोस्टल बैलट सिस्टम पूरी तरह से एक सुरक्षित प्रणाली है, जिसमें सुरक्षा की दो परतें हैं। ओटीपी और पिन के उपयोग से मतदान की गोपनीयता बनी रहती है और पोर्टल https://www.etpbs.in में अनूठे क्यूआर कोड के कारण डाले गए ईटीपीबी का कोई दोहराव संभव नहीं है। इस प्रणाली के माध्यम से डाक मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक रूपसे प्राप्त डाक मतपत्र पर अपना वोट डाल सकते हैं, जिससे मतदान का अवसर खोने की संभावना कम हो जाती है। ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्य रक्षा कार्मिकों के लिए डाक मतदाता बनने के लिए सुविधाजनक और उपयोग में आसान ऑनलाइन प्रणाली तैयार करना था।

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