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लोगों में राष्‍ट्र की भलाई सोचना प्रशंसनीय-मोदी

'भारत की प्रगति का नया विजन लाखों-करोड़ों लोगों का सपना'

संसद में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद

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Wednesday 26 June 2019 01:28:46 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर कहा है कि संसद में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण में नए भारत का विजन है, जिसका सपना लाखों-करोड़ों भारतीय देखते हैं। इस लोकसभा चुनाव में स्‍पष्‍ट जनादेश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने सरकार के कामकाज के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन करते हुए एक स्थिर सरकार को दोबारा चुना है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 दर्शाता है कि भारत के लोग राष्‍ट्र की भलाई के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं, उनकी यह भावना प्रशंसनीय है। उन्‍होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों की सेवा करने का अवसर मिलना तथा नागरिकों के जीवन में आए सकारात्‍मक बदलाव संतुष्टि प्रदान करते हैं। केंद्र सरकार की दूरदर्शिता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जनकल्‍याण और आधुनिक बुनियादी ढांचे में यकीन रखती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार कभी भी विकास के रास्‍ते से नहीं हटी और न ही वह विकास के एजेंडा से भटकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की प्रगति महत्‍वपूर्ण है, प्रत्‍येक भारतीय नागरिक अधिकार संपन्‍न है और हमारे देश के पास आधुनिक बुनियादी ढांचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि प्रत्‍येक नागरिक ने भारत की प्रगति में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री का कहना था कि देश में आपात स्थिति काले दिन थे। गौरतलब है कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। इस दिन देश के विपक्ष के कई नेता जेल में डाल दिए गए थे और मीडिया की भी आज़ादी छीन ली गई थी। इंदिरा गांधी ने कड़े अनुशासन के साथ बीस सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया था, जिसके तहत देश के विकास कार्यक्रम हुए थे। देश में इक्कीस महीने आपातकाल चला और आरोप लगाया गया कि इंदिरा गांधी ने ऐसा करके लोकतंत्र की हत्या की और देश की जनता पर अत्याचार हुए। इसके फलस्वरूप देश में जनता पार्टी की सरकार बनी, जो नहीं चल सकी। विपक्ष के प्रयोग से देश में अराजक स्थिति बन गई एवं फिर चुनाव हुए और इंदिरा गांधी सत्ता में लौटीं। जनता पार्टी भी टूट गई और नई भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ, जो आज पूर्ण बहुमत से देशपर शासन कर रही है। आपातकाल को विपक्ष काला अध्याय तो बोलता है, लेकिन वह इसे सिद्ध नहीं कर पाता है, क्योंकि आपातकाल में बहुत से ऐसे कार्य हुए जिनसे देश आज सुरक्षित है। संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की आलोचना तो की है, लेकिन उनके आरोप राजनीतिक ज्यादा हैं और रचनात्मक सच्चाईयों की अनदेखी करते हैं।
महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती और भारत की आजादी के 75 वर्ष को भारत के इतिहास की ऐतिहासिक घटना बताते हुए प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे इसे जोश के साथ मनाएं। उन्‍होंने कहा कि भारत के नागरिकों को हमारे स्‍वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाना चाहिए और देश के लिए जीना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार ने कार्यभार संभालने के कुछ ही सप्‍ताहों के भीतर जनता के हितों से जुड़े अनेक फैसले किए हैं। उन्‍होंने कहा कि इन फैसलों से किसानों, व्‍यापारियों, युवाओं और समाज के विभिन्‍न अन्‍य वर्गों को अवश्‍य लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने देश के साथ किए गए वायदों को पूरा करना शुरू कर दिया है। जल संरक्षण के महत्‍व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के विभिन्‍न कदमों का उल्‍लेख किया जिनमें जल शक्ति मंत्रालय का गठन भी शामिल है। उन्‍होंने जल बचाने के लिए लोगों से ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि जल संकट से गरीबों के साथ-साथ महिलाएं सबसे ज्‍यादा प्रभावित होती हैं। उन्‍होंने यह बात दोहराई कि सरकार हर घर में जल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्‍होंने यह भी कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की बेहतरी आर्थिक समृद्धि के लिए विशेष मायने रखती है। उन्‍होंने 'मेक इन इंडिया' और कौशल विकास के महत्‍व का भी उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि देश में भ्रष्‍टाचार के लिए कोई स्‍थान नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सरकार भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अपनी जंग जारी रखेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों के लिए 'आसान जिंदगी' सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से ‘नए भारत’ के निर्माण की दिशा में काम करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विशेषकर पहलीबार चुन‌कर आए संसद सदस्‍यों को बहस में भाग लेने के लिए धन्‍यवाद दिया। 

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