स्वतंत्र आवाज़
word map

टेक्नोलॉजी परिवर्तन का बड़ा कारक-उपराष्ट्रपति

'नागरिक सेवाओं की उपलब्धता को सुगम एवं जनकेंद्रित बनाएं'

डिजिटेक कॉन्क्लेव में ईटी गर्वन्मेंट पोर्टल का लोकार्पण किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 June 2019 02:27:46 PM

digitech conclave 2019 and launching et government portal

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने नागरिक सेवाओं की उपलब्धता को और अधिक सुगम एवं जनकेंद्रित बनाने का आह्वान किया है। दिल्ली में टाइम्स समूह के ईटी गर्वंमेंट पोर्टल के लोकार्पण और डिजिटेक कान्क्लेव 2019 पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी ही परिवर्तन का बड़ा कारक रही है, जिसने भ्रष्टाचार के निवारण तथा प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान की है अर्थात स्वास्थ्य, भूमि पंजीकरण, टैक्स जमा करने तथा शहरी योजना जैसी नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईटी गर्वन्मेंट पोर्टल डिजिटल टेक्नोलॉजी के परिवर्तनकारी महत्व के बारे में न सिर्फ जनजागृति का प्रसार करेगा, बल्कि प्रशासनिक पद्धतियों और प्रणालियों को जनता के लिए और सुगम और सरल बनाने में सहायक होगा।
मैकेंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट के हाल के अध्ययन का संदर्भ देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इंडोनेशिया के बाद भारत ही विश्व की दूसरी सबसे तेजी से डिजिटल होती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण की संभावनाएं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा आनलाइन रिटेल तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वित्तीय सेवाओं, कृषि, शिक्षा तथा लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि आज भारत विश्व से पहले से कहीं अधिक निकटता से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण कई प्रकार से समावेशी विकास सुनिश्चित करता है, हमें डिजिटल माध्यमों से संपर्क, आनलाइन कारोबार को और अधिक प्रचलित करना है और स्वीकार्य बनाना है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोज़गार और आर्थिक समृद्धि की बेहतर संभावनाओं की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार बीपीओ क्रांति को अब छोटे शहरों तक पहुंचा रही है, जहां रोज़गार की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं और सूचना प्रौद्योगिकी तथा उसपर आधारित व्यवसायों के माध्यम से संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
वेंकैया नायडु ने शिक्षण संस्थाओं, उद्योगजगत, गैर सरकारी संस्थाओं, केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे युवाओं को जरूरी प्रशिक्षण दें और उनकी ऊर्जा एवं उद्यमिता को देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण विकास और प्रगति का महत्वपूर्ण कारक है, यह पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सदैव ही लोककल्याण के लिए टेक्नोलॉजी के प्रयोग का अग्रणी समर्थक रहा है, विश्व की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के भारत में निवेश तथा भारत में स्थापित उनके विशाल शोध संस्थान, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और शक्ति की पुष्टि करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग सिर्फ व्यवसाय की सरलता के लिए ही नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन को सुगम और संतुष्ट बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]