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चंद्रमा पर अब भारतीय स्टेशन की तैयारी

चंद्रयान मिशन में भारत पूर्णतः आत्मनिर्भता की ओर

राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और इसरो अध्यक्ष की प्रेस

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Friday 14 June 2019 12:24:04 PM

minister of state dr. jitendra singh and president of isro  press

नई दिल्ली। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष डॉ के सिवन के साथ इसरो के आगामी अंतरिक्ष मिशनों विशेषकर चंद्रयान-2 की प्रगति दिल्ली में मीडिया से साझा की। डॉ जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक समुदाय की प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम की सराहना की एवं सामान्यजन के जीवन में सुधार में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लाभों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 चंद्रमा पर पानी का पता लगाने में उपयोगी साबित हुआ है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बुनियादी ढांचा, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सामान्यजन का जीवन आसान बना दिया है और सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रतिपादन बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देश के रूपमें उभरा है।
इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने आगामी गगनयान मिशन के बारे में बताया कि 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भारत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान भेजेगा। उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन की तैयारी और निगरानी के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक विशेष सेल बनाया है, जिसमें जाने-माने वैज्ञानिक एवं सदस्य के रूपमें कुछ अन्य व्यक्ति भी शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने गगनयान मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जो गगनयान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा निर्देशित है। डॉ के सिवन ने चंद्रयान-2, गगनयान, आदित्य एल-1 और शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डॉ के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 का उद्देश्य चंद्रमा के उद्भव और उसके क्रमिक विकास का पता लगाने के लिए चंद्रमा के आकार में घटबढ़ और उसकी सतह के बारे में जानकारी हासिल करना है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर पानी के उद्भव का पता लगाने के लिए चंद्रमा की सूक्ष्म बाहरी सतह और सतह के नीचे जल कणों के वितरण के बारे में केंद्रित अध्ययन है। उन्होंने कहा कि इस मिशन को श्रीहरिकोटा द्वीप पर भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क III यानी जीएसएलवी एमके III सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 3877 किलोग्राम (8547 एलबी) के उत्तोलक पुंज के साथ उड़ान भरेगा। इसका प्रक्षेपण 15 जुलाई 2019 को किया जाएगा।

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