स्वतंत्र आवाज़
word map

विश्व में भारत के प्रयासों का गौरवगान-मोदी

प्रधानमंत्री का भारतीय सामुदायिक कार्यक्रम में संबोधन

'भारत की ग्रोथ स्टोरी में जापान का बहुत बड़ा योगदान'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 October 2018 01:51:38 PM

narendra modi addressing the gathering of indian community, in tokyo

टोक्यो/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में भारतीय सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि जापान जैसा देश, आकी सीजन का ये वातावरण सच में एक अद्भुत संगम है। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात विशेष है, क्योंकि उन्हें जापान में बसे भारतीयों से साल 2016 में मिलने का मौका मिला था, उसके बाद आज मिल रहा हूं। नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर भारत की तरफ से प्रधानमंत्री शिंजो आबे को फिर से एलडीपी का प्रेजीडेंट चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जापान में उनके विशेष सत्कार के लिए प्रधानमंत्री शिंजो आबे और जापान की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के तौरपर यह मेरी तीसरी जापान यात्रा है और जब भी जापान आने का मौका मिला तो यहां मुझे एक आत्मीयता का अनुभव होता है, वो इसलिए क्योंकि भारत-जापान के बीच संबंधों की जड़ें पंथ से लेकर प्रवृति तक हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू हो या बौद्ध मत, हमारी विरासत साझा है, हमारे आराध्य से लेकर अक्षर तक में इस विरासत की झलक हम प्रतिपल अनुभव करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान शिव और गणेश सबके साम्य जापानी समाज में मौजूद हैं, सेवा शब्द का अर्थ जापानी और हिंदी में एक ही है। उन्होंने कहा कि होम यहां पर गोमा बन गया और तोरण जापानी में तोरी बन गया। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के रिश्तों के ताने बाने में ऐसे अतीत के बहुत से मजबूत धागे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-जापान के इतिहास को जहां बुद्ध और बोस जोड़ते हैं, वहीं विदेशों में बसे भारतीय समुदाय नए भारत के वर्तमान को राष्ट्रदूत बनकर मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने जापान में बसे भारतीयों से कहा कि सरकार का राजदूत एक होता है, लेकिन यहां हज़ारों राष्ट्रदूत हैं, जो यहां भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के रूपमें काम कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय समुदाय से कहा कि वे भारत में हो रहे परिवर्तन के बारे में ज़रूर जानकारी लेते होंगे, भारत परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है, दुनिया मानवता की सेवा के लिए भारत के प्रयासों का गौरवगान कर रही है, भारत में जो नीतियों का निर्माण हो रहा है, जनसेवा के क्षेत्र में जो कार्य हो रहा है, उसके लिए भारत को सम्मानित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्रीन फ्यूचर में योगदान के लिए संयुक्तराष्ट्र ने चैंपियन ऑफ द अर्थ के रूपमें शांति पुरस्कार के रूपमें भारत को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि ये सम्मान सवा सौ करोड़ जनों के प्रतिनिधि के रूपमें भले ही नरेंद्र मोदी को दिया गया हो, लेकिन मेरा योगदान माला के उस धागे जितना है, जो मनकों को पिरोता है और संगठित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार का मुखिया होने के नाते मैं वही कर रहा हूं, जो भारत की संस्कृति, भारत की परंपरा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय समावेशन का भारत का मॉडल खासकर जनधन योजना, मोबाइल, आधार, ट्रिनिटी और डिजिटल लेनदेन मॉडल की आज पूरी दुनिया में सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में अभूतपूर्व तरक्की कर रहा है, गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंच रही है। उन्‍होंने भारत के बेहद सफल अंतरिक्ष कार्यक्रमों और मजबूत डिजिटल आधारभूत संरचना का विशेष रूपसे उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि‍ मेक इन इंडिया कार्यक्रम के जरिए भारत दुनिया में इलेक्‍ट्रानिक और ऑटोमोबाइल विनिमार्ण के बड़े केंद्र के रूपमें उभर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जो भी नवोन्मेष हो रहे हैं, जो भी समाधान तैयार हो रहे हैं, वो सस्ते और गुणवत्ता के मामले में उत्तम हैं, भारत का स्पेस प्रोग्राम इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के अनेक देशों, प्राइवेट कंपनियों के सैटेलाइट बहुत ही कम खर्च पर स्पेस में भेज रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ सौ से अधिक सैटेलाइट लॉंच करने का अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया, हमने बहुत ही कम खर्च में चंद्रयान और मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा, अब 2022 तक भारत गगनयान भेजने की तैयारी में जुटा है, ये गगनयान पूरी तरह से भारतीय होगा और इसमें अंतरिक्ष जाने वाला भी भारतीय होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की इस ग्रोथ स्टोरी में जापान का बहुत बड़ा योगदान है, बुलेट ट्रेन से लेकर स्मार्ट सिटीज तक आज जो नवभारत का नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है, उसमें जापान की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि भारत की मानव शक्ति को भी जापान के कौशल का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जापान में बसे भारतीयों ने जापानी दोस्तों के साथ मिलकर हमेशा से ही देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारत की आज़ादी के आंदोलन को जो सहयोग जापान से मिला है, वो करोड़ों भारतीयों के दिल में हमेशा रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले साल जनवरी में भारत में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस और अर्धकुंभ के लिए जापानवासियों और यहां ‌के भारतीयों को आमंत्रित किया और कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस इस बार वाराणसी में होगा, जहां की गंगा आरती देखकर प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी मंत्रमुग्ध हो गए थे और वाराणसी आने का निमंत्रण मैं इसलिए दे रहा हूं, क्योंकि मैं वहां का सांसद हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के मानचित्र पर भारत अपनी नई पहचान स्थाई करने वाला है, सरदार वल्लभभाई पटेल की 31 अक्टूबर को जयंती है और उनकी जन्मभूमि गुजरात की धरती पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूपमें उनकी एकता की मूर्ति का लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जापान के मित्र जब भी भारत आएंगे तो वे सरदार वल्लभभाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा को जरूर देखेंगे। उन्‍होंने जापान में बसे भारतीयों को जापान में भारत का प्रति‍निधि बताते हुए उनसे भारत में निवेश करने और अपनी मातृभूमि के साथ सांस्कृतिक संबंध बनाए रखने का भी आग्रह किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]