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श्रीसत्य साईंबाबा समाधि को सौ वर्ष पूरे हुए

श्रीसाईंबाबा का सामाजिक योगदान अतुल्य-प्रधानमंत्री

श्रीसत्य साईंबाबा के नाम पर अनेक योजनाएं शुरू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 20 October 2018 01:01:21 PM

prime minister narendra modi launched schemes named shree sathya sai baba in shirdi

शिरडी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरडी में श्रीसत्य साईंबाबा समाधि के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में श्रीसत्य साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखते हुए और उनकी पट्टिका का अनावरण करते हुए चांदी का सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत महाराष्ट्र के लाभार्थियों को गृहप्रवेश के लिए उन्हें उनके घर की चाबियां भी सौंपी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों सतारा, लातूर, नंदुरबार, अमरावती, ठाणे, सोलापुर, नागपुर के लाभार्थियों से बातचीत भी की। इन लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री को नए अच्छे गुणवत्ता वाले घरों, पीएमएई-जी योजना के तहत क्रेडिट एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने समाज के लिए श्रीसत्य साईंबाबा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी शिक्षा हमें एक मजबूत एकीकृत समाज बनाने और प्यार के साथ मानवता की सेवा करने का मंत्र देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिरडी के कण-कण में साईं के मंत्र उनकी सीख हैं, शिक्षाएं हैं, प्रेरणाएं हैं और जनसेवा, त्‍याग एवं तपस्‍या की जब बात आती है तो शिरडी का अतुल्य उदाहरण हर कोई प्रस्‍तुत करता है। उन्होंने कहा कि शिरडी तात्‍या पाटिल की नगरी है, दादा कोते पाटिल की नगरी है, माधवराव देशपांडे, माल्‍सापति जैसे महापुरुष इसी धरती ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्रीसत्य साईं का मंत्र है कि सबका मालिक एक है, उनके शब्‍द जैसे समाज को एक करने का सूत्र वाक्‍य बन गए हैं। उन्होंने कहा कि श्रीसत्य साईं समाज के थे और समाज साईं का था, श्रीसत्य साईं ने समाज की सेवा के कुछ रास्‍ते बताए थे और मुझे प्रसन्‍नता है कि श्रीसत्य साईंबाबा के दिखाए रास्‍ते पर श्रीसत्य साईंबाबा संस्‍थान ट्रस्‍ट निरंतर समाज की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्‍यम से समाज को सशक्‍त करना हो अध्‍यात्‍म के जरिए सोच में परिवर्तन करना हो, समाज में समरसता और सहभाव का संचार करना हो इसके लिए श्रीसत्य साईंबाबा संस्‍थान ट्रस्‍ट का प्रयास बहुत ही वंदनीय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिरडी को हमेशा सार्वजनिक सेवा का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि श्रीसत्य साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट साईंबाबा के निर्धारित मार्ग का पालन कर रहा है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से विचारों को आगे बढ़ाने में ट्रस्ट के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस धरती पर आस्‍था, आध्‍यात्‍म और विकास से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट की शुरुआत हुई है जैसे-साईंबाबा इंग्लिश मीडियम स्‍कूल कन्‍या विद्यालय और कॉलेज की नींव रखी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को नए घर देने पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ग़रीबी के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक बड़ा कदम है। 'सभी के लिए आवास' वर्ष 2022 तकसुनिश्चित करने में सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्ष में सरकार ने 1.25 करोड़ से ज्यादा घर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर घर न केवल अच्छी गुणवत्ता का हो, बल्कि उसमें शौचालय, गैस कनेक्शन और बिजली भी साथ-साथ हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र को खुले में शौच मुक्त राज्य बनाने के लिए लोगों को बधाई दी। उन्होंने स्वच्छ भारत योजना की दिशा में महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में बात की और कहा कि अब तक लगभग एक लाख लोगों को इस योजना से लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएमजेएवाई के तहत आधुनिक चिकित्सा आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र सरकार के सूखे से निपटने के प्रयासों की सराहना की। इस संदर्भ में उन्होंने कृषि सिंचाई योजना और फसल बीमा योजना का उल्लेख किया और महाराष्ट्र सरकार के जलयुक्त शिविर अभियान की सराहना की। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के सिंचाई नहरों के विघटन में लोगों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि महाराष्‍ट्र की धरती ने हमेशा देश को सामाजिक समरसता का पाठ पढ़ाया है, वीर शिवाजी हों, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर हों या महात्‍मा ज्‍योतिबा फूले हों सबने उन मूल्‍यों की स्‍थापना की जो समता और एकता को सामाजिक शक्ति मानते हैं। उन्होंने कहा कि आप इन महान संत पुरुषों का सबक हमेशा याद रखना और स्‍वार्थ के लिए समाज में भेद करने वाली हर शक्ति, हर बुराई को हमनें पराजित करना है।
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर, ज्योतिराव फुले और छत्रपति शिवाजी के सामाजिक कल्याण के प्रयासों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तोड़ना आसान होता है, जोड़ना बहुत मुश्किल होता है, हमें जोड़ने वाली शक्ति को सशक्‍त करना है, तोड़ने वाली ताकतों को परास्‍त करना है। उन्होंने देशवासियों से उनके महान आदर्शों और शिक्षाओं का पालन करने और एक मजबूत अविभाजित समाज बनाने की दिशा में काम करने के लिए कहा। उन्होंने लोगों से सबका साथ, सबका विकास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत प्राप्त करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया। दिन की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने श्रीसत्य साईंबाबा समाधि मंदिर परिसर का दौरा किया और प्रार्थना की। उन्होंने श्रीसत्य साईंबाबा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस दौरान महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल सी विद्यासागर राव, मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष हरिबाबू, मंत्रिपरिषद के सदस्य सुभाष धामरे, श्रीसत्य साईंबाबा संस्‍थान ट्रस्‍ट के चेयरमैन सुरेश हावरे, महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और भक्तगण उपस्थित थे।

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