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युद्धपोत उदयगिरि व हिमगिरि देशसेवा को तैयार!

भारतीय नौसेना बेड़े में 26 अगस्त को समारोहपूर्वक शामिल होंगे ये पोत

रक्षा के क्षेत्रमें मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल की कामयाबी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 August 2025 01:47:39 PM

warships udayagiri and himgiri (file photo)

विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना ने दो अत्याधुनिक फ्रंटलाइन फ्रिगेट उदयगिरि (एफ35) और हिमगिरि (एफ34) को एकसाथ 26 अगस्त 2025 को नौसेना में शामिल करने की तैयारी पूरी कर ली है। ऐसा पहलीबार होगा, जब दो प्रतिष्ठित भारतीय शिपयार्डों के दो प्रमुख सतही लड़ाकू जहाजों को एकही समय पर विशाखापत्तनम में समारोहपूर्वक नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह आयोजन भारत के तेजीसे होते नौसैनिक आधुनिकीकरण और शिपयार्डों से परिष्कृत युद्धपोतों की आपूर्ति करने की उसकी क्षमता को दर्शाता है और यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्रमें मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल की कामयाबी है। प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट्स का दूसरा जहाज उदयगिरि मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने बनाया है, जबकि हिमगिरि गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कोलकाता द्वारा बनाए जा रहे पी17ए जहाजों में से पहला है।
भारतीय नौसेना केलिए एक और बड़ी उपलब्धि के तौरपर उदयगिरि नौसेना के युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो का डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज है। उदयगिरि और हिमगिरि पहले के डिज़ाइनों की तुलना में एक बड़ा पीढ़ीगत बदलाव दर्शाते हैं। करीब 6700 टन विस्थापन वाले पी17ए फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट से करीब पांच प्रतिशत बड़े हैं और फिरभी इनका आकार अधिक सुडौल है और इनका रडार क्रॉस सेक्शन कम है। ये संयुक्त डीजल या गैस (सीओडीओजी) प्रणोदन संयंत्रों से संचालित होते हैं, इनमें डीजल इंजन और गैस टर्बाइन लगे हैं, जो कंट्रोलेबल-पिच प्रोपेलर चलाते हैं और एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली के ज़रिए प्रबंधित होते हैं। हथियारों के इस समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करनेवाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करनेवाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर गन और 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज इन वेपन संयोजन सिस्टम और एंटी सबमरीन/ अंडरवाटर वेपन सिस्टम शामिल हैं। दोनों युद्धपोत 200 से ज़्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का परिणाम हैं, जो करीब 4000 प्रत्यक्ष और 10000 से ज़्यादा अप्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करते हैं।
उदयगिरि और हिमगिरि का जलावतरण, युद्धपोत जहाज़ों के डिज़ाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता केप्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इसके बाद स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म जैसे-विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि, पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट आईएनएस अर्नाला और डाइविंग सपोर्ट वेसल आईएनएस निस्तार का भी 2025 मेंही जलावतरण होना है। कठोर समुद्री परीक्षणों ने फ्रिगेट्स के पतवार, मशीनरी, अग्निशमन, क्षति नियंत्रण, नेविगेशन और संचार प्रणालियों की पुष्टि की है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ हैकि वे परिचालन तैनाती केलिए तैयार हैं। इस तरह विशाखापत्तनम में होनेवाला यह समारोह एक नौसैनिक अनुष्ठान से कहीं ज्यादा होगा। यह एक मज़बूत और आत्मनिर्भर समुद्री रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भारत की यात्रा का उत्सव होगा। जब पूरा देश इन दो युद्धपोत जहाजों को बेड़े में शामिल होते देखेगा तो पैग़ाम साफ होगा: भारत के महासागरों की रक्षा केलिए भारत में निर्मित, डिजाइन तथा संचालित युद्धपोत तैयार हैं, जो मेक इन इंडिया पहल का प्रतीक हैं और देश की बढ़ती समुद्री ताकत की झलक दिखाते हैं।

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