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जनजातियों के उद्यमों को ऋण दें-जुआल

मंत्रालय और एनएसटीएफडीसी के अधि‍कारि‍यों को संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 10 June 2014 05:52:00 PM

jual oram

नई दिल्ली। जनजातीय मामलों के मंत्री जुआल ओराम ने कहा है कि‍ राष्‍ट्रीय अनुसूचि‍त जनजाति‍ वित्त और वि‍कास नि‍गम (एनएसटीएफडीसी) को जनजातीय लोगों, वि‍शेषकर जनजातीय युवाओं में वैयक्‍ति‍क उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर ध्‍यान केंद्रि‍त करना चाहि‍ए। मंत्रालय और एनएसटीएफडीसी के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारि‍यों को संबोधि‍त करते हुए जुआल ओराम ने कहा कि‍ बड़ी राशि‍ के तथा ज्‍यादा लाभ प्राप्‍ति‍ वाले क्षेत्रों में ऋणों को प्राथमि‍कता दी जानी चाहि‍ए और इनका वि‍तरण क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के माध्‍यम से कि‍या जाना चाहि‍ए, ताकि‍ ऐसे ऋण नि‍चले स्‍तर जनजातीय लोगों तक पहुंच सकें। इन बैंकों को आम तौर पर ग्रामीण बैंक के नाम से जाना जाता है।
जुआल ओराम ने कहा कि‍ ऋण प्रदान करते समय कृषि‍ तथा सहायक क्षेत्रों में आय की संभावनाओं वाली योजनाओं जैसे कि‍ डेयरी, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मछली पालन, बकरी पालन, बागवानी, भूमि‍ वि‍कास तथा लघु सिंचाई परि‍योजनाओं, मछली पकड़ने की नौकाएं आदि‍ को ध्‍यान में रखना चाहि‍ए। ये उद्येाग जनजातीय लोगों की आजीवि‍का के परंपरागत साधन हैं। औद्योगि‍क क्षेत्र में बांस और बेंत का फर्नीचर बनाना, आटा, धान मि‍लें, स्‍टोन क्रसिंग यूनि‍ट, चाय प्रसंस्‍करण, पशु एवं मुर्गी दाना यूनि‍ट तथा अन्‍य लघु वन उत्‍पादन, पैकिंग, झाड़ू तथा चटाई नि‍र्माण के कार्य को प्रोत्‍साहन देना चाहि‍ए। सेवा एवं परि‍वहन क्षेत्र में ऑटोमोबाइल मरम्‍मत, फॉरचून की दुकान, ढाबा तथा रेस्‍टोरेंट, रेडि‍मेड कपड़े, बि‍जली की मरम्‍मत, ऑटोरि‍क्‍शा तथा माल वाहन जैसे कारोबारों के लि‍ए उदारतापूर्वक ऋणों को मंजूरी देनी चाहि‍ए।

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