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'देश और विदेश में आयुष चिकित्सा लोकप्रिय'

राष्ट्रपति ने आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर राष्ट्र को समर्पित किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जनकल्याण के प्रति समर्पण सराहा

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Tuesday 1 July 2025 05:59:52 PM

president inaugurated ayush university gorakhpur

गोरखपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर में आज 52 एकड़ में फैले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय राष्ट्र को समर्पित किया। यह विश्वविद्यालय ₹268 करोड़ की लागत से बना है और भारत की समृद्ध प्राचीन चिकित्सा परंपराओं का नवनिर्मित एवं प्रभावशाली आधुनिक चिकित्सा केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर विश्वास व्यक्त कियाकि यह विश्वविद्यालय देशभर में मेडिकल एजुकेशन और चिकित्सा क्षेत्रमें एक मील का पत्थर साबित होगा, यह योग, नेचुरोपैथी व पारंपरिक चिकित्सा केसाथ आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को जोड़ेगा, जिससे आमजन को वैज्ञानिक और प्राकृतिक उपचार एकसाथ मिल सके।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि देश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के विकास में एक उपलब्धि है। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि विश्वविद्यालय में विकसित उन्नत सुविधाएं अब बड़ी संख्या में लोगों को उपलब्ध हैं और विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज भी इसकी उत्कृष्टता का लाभ उठा रहे हैं। द्रौपदी मुर्मू ने अपने सार्वजनिक जीवन के बारेमें तात्‍कालिक टिप्पणी करते हुए कहाकि सार्वजनिक जीवन में लोगों की मदद करने केलिए व्यक्ति को अपनी सुख-सुविधाओं को त्यागना पड़ता है। उन्होंने जनकल्याण केप्रति समर्पण केलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की। उन्होंने कहाकि उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। उन्होंने प्रशासकों, डॉक्टरों और नर्सों से जनप्रतिनिधियों के कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहाकि एक कहावत हैकि ‘स्वास्थ्य ही धन है’। उन्होंने लोगों से खुदको स्वस्थ बनाए रखने केलिए हर प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने इस मौके पर योग का प्रमुख रूपसे उल्लेख किया और कहाकि योग उन लोगों केलिए बहुत फायदेमंद है, जो शारीरिक परिश्रम कम करते हैं और बैठे रहते हैं। उन्होंने लोगों को नियमित रूपसे योग करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहाकि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और सिद्ध जैसी प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य चिकित्सा प्रणालियां समग्र और सार्थक जीवन जीने के वैज्ञानिक तरीकों का वर्णन करती हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि आयुर्वेद पर आधारित भारत की प्राचीन जीवनशैली में हम संतुलित आहार, जीवनशैली और विचारों पर बहुत ध्यान देते हैं, आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा हुआ है, हमारे खेत और जंगल औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का खजाना हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि देश-विदेश तकमें आयुष चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता बढ़ी है और आयुष प्रणालियां विश्वसमुदाय को भारत का अनमोल उपहार हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि आयुष पद्धतियों पर आधारित चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ रही है एवं महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता को और बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहाकि ऐसे विश्वविद्यालयों को इन पद्धतियों की वैज्ञानिक स्वीकार्यता बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभानी होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि सरकार ने हर बचे हुए मंडल में एक आयुष महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है, बेहतर स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने केलिए हर जिले में 100 बिस्तरों वाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी बनाया जाएगा। उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही, सांसद रवि किशन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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