स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 28 June 2025 12:03:03 PM
नई दिल्ली। सागौन के पत्तों का अर्क आंखों की सुरक्षा केलिए रामबाण है। वैज्ञानिकों ने सागौन के पत्ते के एक रोमांचक उपयोग का पता लगाया है, जो नाजुक ऑप्टिकल उपकरणों और मानव आंखों को उच्च शक्ति वाले लेजर विकिरण से बचाने केलिए एक प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल लेजर सुरक्षा प्रदान करता है। सागौन के पत्तों का अर्क आंखों को संभावित सुरक्षा प्रदान कर सकता है और उन संवेदी अंगों को संवेदनशील बना सकता है, जो चिकित्सा उपकरणों से लेकर सैन्य उपकरणों तक हर जगह उपयोग किए जानेवाले अत्याधुनिक लेजर की किरणों के आकस्मिक संपर्क में आने से गंभीर रूपसे प्रभावित हो सकते हैं। लेजर प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के युग में चिकित्सा, सैन्य और औद्योगिक क्षेत्रों में नाजुक ऑप्टिकल उपकरणों और मानव आंखों को उच्च शक्ति वाले लेजर विकिरण से बचाने की आवश्यकता है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वित्तपोषित स्वायत्त संस्थान रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) के वैज्ञानिकों ने सागौन के पेड़ (टेक्टोना ग्रैंडिस एलएफ) की बिना उपयोग फेंकी गई पत्तियों से रोमांचक उपयोग का पता लगाया है, चूंकि ये पत्तियां आमतौर पर कृषि अपशिष्ट होती हैं, लेकिन एंथोसायनिन से भरपूर होती हैं, ये पत्तियां प्राकृतिक रंगद्रव्य हैं, जो उन्हें लाल भूरा रंग प्रदान करते हैं।
वैज्ञानिकों ने इन पिगमेंट में एक असाधारण शक्ति देखी है, जिसे नॉनलाइनियर ऑप्टिकल गुण कहते हैं। यह गुण इसके प्रकाश केसाथ क्रिया करने पर प्राप्त होता है। डाई का यह गुण सागौन के पत्ते को ऑप्टिकल पावर-लिमिटिंग अनुप्रयोगों केलिए उपयुक्त पदार्थ बनाता है। जर्नल ऑफ़ फोटोकेमिस्ट्री एंड फोटोबायोलॉजी ए: केमिस्ट्री में प्रकाशित यह खोज सिंथेटिक ऑप्टिकल सामग्रियों के उपयोग से बचती है, जो महंगी और पर्यावरण केलिए हानिकारक होती हैं। आरआरआई में प्रकाश और पदार्थ भौतिकी विषय पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की महिला वैज्ञानिक बेरिल सी का कहना हैकि सागौन के पत्ते एंथोसायनिन जैसे प्राकृतिक रंगद्रव्यों का समृद्ध स्रोत हैं, जो उपयुक्त विलायकों का उपयोग करके निकाले जाने पर एक विशिष्ट लाल-भूरा रंग प्रदान करते हैं। इसे पहचानते हुए हमने गैर-रेखीय प्रकाशिकी के क्षेत्र में सिंथेटिक रंगों केलिए एक गैर-विषाक्त, जैव-निम्नीकरणीय, पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूपसे व्यवहार्य विकल्प के रूपमें सागौन के पत्ते के अर्क की क्षमता का पता लगाने का लक्ष्य रखा। उनका कहना हैकि प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करके हमने न केवल मूल्यवर्धित अपशिष्ट उपयोग में योगदान दिया, बल्कि पारंपरिक सिंथेटिक समकक्षों के बराबर गुणों वाले टिकाऊ फोटोनिक पदार्थों के विकास को भी बढ़ावा दिया।
सागौन के पत्तों की ऑप्टिकल क्षमता का उपयोग करने केलिए आरआरआई टीम ने पत्तों को सुखाकर पाउडर बनाया, पाउडर को विलायक में भिगोया और अल्ट्रासोनिकेशन और सेंट्रीफ्यूजेशन के माध्यम से अर्क को शुद्ध किया। वे एक जीवंत लाल-भूरे रंग का तरल रंग निकालने में सक्षम थे और दो स्तरों की शक्ति पर इसके माध्यम से हरे रंग की लेजर रोशनी डाली, एक स्थिर (निरंतर तरंग), दूसरी स्पंदनशील। रंग ने प्रकाश को अवशोषित किया और उसके अनुकूल हो गया। जेड स्कैन और स्पैटियल सेल्फ-फेज मॉड्यूलेशन जैसे परिष्कृत प्रयोगों के माध्यम से उन्होंने पायाकि डाई ने रिवर्स सैचुरेबल अवशोषण (आरएसए) दिखाया। इसका अर्थ हैकि प्रकाश जितना तीव्र होगा, डाई उतनाही अधिक अवशोषित करेगी, बिल्कुल वैसाही व्यवहार जो लेजर सुरक्षा गियर केलिए आवश्यक है। प्राकृतिक पर्यावरण अनुकूल ऑप्टिकल सामग्रियों की खोज, जो सस्ती खाद बनाने योग्य और बायोडिग्रेडेबल हैं और फोटोनिक प्रौद्योगिकियों की भविष्य की मांगों के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण हैं। पारंपरिक ऑप्टिकल लिमिटर ग्रेफीन, फुलरीन और धातु नैनोकणों जैसी महंगी सामग्रियों पर निर्भर करते हैं, जो संश्लेषण के अपने परिष्कृत तरीकों के कारण पर्यावरण केलिए हानिकारक हो सकते हैं।
सागौन के पत्ते की डाई प्रकृति से प्राप्त करना इसकी तुलना में आसान है और इसलिए यह एक स्थायी समाधान प्रदान करता है। यह शोध प्राकृतिक सागौन के पत्ते के अर्क का उपयोग करके आधुनिक पर्यावरण के अनुकूल लेजर सुरक्षात्मक उपकरण जैसे-सुरक्षा चश्मे, ऑप्टिकल सेंसर केलिए सुरक्षा और लेजर प्रतिरोधी कोटिंग्स के निर्माण केलिए नई संभावनाओं को खोलता है। भविष्य के अध्ययन लंबे समय तक उपयोग केलिए डाई को अधिक स्थिर बनाने और वाणिज्यिक फोटोनिक उपकरणों में इसका उपयोग करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। निरंतर प्रगति केसाथ इस प्राकृतिक डाई का उपयोग लेजर प्रेरित क्षति के जोखिम को कम करने केलिए हरित ऑप्टिकल प्रौद्योगिकियों में बड़े पैमाने पर किया जा सकता है, जिससे तकनीकी दुनिया कम खतरनाक और अधिक पर्यावरण के अनुकूल बन जाएगी।