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Saturday 10 May 2025 12:57:49 PM
नई दिल्ली। भारत की पाकिस्तान के आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई और देश की वर्तमान स्थिति का प्रशिक्षणार्थी आईएएस बैच-23 के सामने उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा हैकि हमें अपनी सेना के शौर्य, वीरता और विजन पर गर्व है। उन्होंने कहाकि जिस तरह भारतीय सेना ने हमारी सीमाओं को अभेद्य और सशक्त बनाया है, उसी तरह भारत के स्टील फ्रेम यानी भारतीय सिविल सेवा ने देश को आकार देनेमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सिविल सेवकों से भारतीय मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों का पालन करते हुए देशसेवा की विरासत को समृद्धशाली बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से शासन और लोक प्रशासन में अपने कार्यों में संकल्प, अनुशासन और सेवा की भावना का समावेश करने को कहा। ओम बिरला ने संसद भवन परिसर में प्रशिक्षणार्थी आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए ऐसी बहुतसी प्रेरणादायी बातें कहीं तो प्रशासन में कार्यप्रणाली पर संकेत में कुछ नसीहतें भी दीं।
लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने ‘विकसित भारत’ एक ऐसा भारत जो न्यायपूर्ण, समावेशी, नवोन्मेषी और विश्वशक्ति के रूपमें सम्मानित हो, के लक्ष्य को साकार करने केलिए प्रशिक्षणार्थियों को समर्पितभाव से कार्य करने केलिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रशिक्षुओं से इस विजन को अपनी प्रेरणा और मार्गदर्शी सिद्धांत बनाने का आग्रह किया। ओम बिरला ने कहाकि चाहे पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करना हो, गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने केलिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना हो या सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हो भारत का भविष्य सिविल सेवकों की कुशलता और निष्ठा पर निर्भर करता है। उन्होंने आईएएस प्रशिक्षुओं को प्रतिदिन अपने कार्यों का मूल्यांकन करने तथा पारदर्शी, उत्तरदायी शासन के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव लाने केलिए प्रोत्साहित किया। ओम बिरला ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में तेजीसे सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन हो रहे हैं, ऐसे में सिविल सेवक आगे बढ़कर जिम्मेदारपूर्ण नेतृत्व करें और एक नए सशक्त भारत के निर्माण में परिवर्तनकारी भूमिका निभाएं।
ओम बिरला ने देश के पहले गृहमंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के विजन का उल्लेख करते हुए कहाकि स्वतंत्रता केबाद अशांति के समय में भारत की एकता और लोकतंत्र की रक्षा केलिए उनका सदैव एक सशक्त और सिद्धांतों पर अडिग प्रशासनिक प्रणाली पर फोकस रहा। ओम बिरला ने इस बात पर जोर दियाकि भारतीय सिविल सेवकों को भारतीय संस्कृति की परंपराओं का पालन करते हुए उनके अनुरूप जनता की भावनाओं केप्रति संवेदनशील रहना चाहिए और लोकतंत्र को निरंतर सुदृढ़ करने में सहयोग करना चाहिए। भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहाकि लोकतांत्रिक प्रणाली पारदर्शिता, जवाबदेही और भागीदारी सुनिश्चित करने केलिए सबसे प्रभावी शासन व्यवस्था है। लोकसभाध्यक्ष ने कहाकि प्रशिक्षणार्थी आईएएस प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करें, ताकि शासन में दक्षता, पारदर्शिता आए और सेवाएं प्रदान करने में कुशलता में वृद्धि हो। उन्होंने कहाकि अधिकारी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म जैसी उभरती हुई तकनीकों को अपने दैनिक कामकाज में सक्रिय रूपसे शामिल करें।
लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने कहाकि प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकार और नागरिकों केबीच की दूरी को कम किया जा सकता है, लोकसेवा तंत्र को सुव्यवस्थित किया जा सकता है, शीघ्र निर्णय लिए जाने को सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने तेजीसे विकसित तकनीकी इकोसिस्टम केसाथ तालमेल बनाए रखने केलिए निरंतर कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहाकि भविष्य की चुनौतियों केलिए तैयार और जनकेंद्रित प्रशासन सुनिश्चित करने केलिए तकनीक के उपयोग में कुशल होना आवश्यक है। उन्होंने कहाकि लोक सेवक के प्रयास प्रभावी और परिवर्तनकारी होने चाहिएं। ओम बिरला ने इस बैच में 73 महिला प्रशिक्षु अधिकारियों की रिकॉर्ड संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहाकि उनकी बढ़ती संख्या से सिविल सेवाओं में समावेशिता और विविधता का पता चलता है और यह भारत के बदलते सामाजिक परिदृश्य को भी दर्शाता है। इस अवसर पर 2023 बैच के 180 प्रशिक्षणार्थी आईएएस अधिकारी उपस्थित थे। इसमें लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और लोकसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव गौरव गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।