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Friday 2 May 2025 04:12:07 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार, अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय, गृह मंत्रालय की सचिव रहीं अनुराधा प्रसाद ने आज देश की सर्वोच्च सिविल सेवाओं केलिए प्रतिभाओं के चयनकर्ता संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य पद पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग के वरिष्ठतम सदस्य (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने शपथ दिलाई। अनुराधा प्रसाद लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन से ग्रेजुएट हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर की डिग्रीधारी हैं। उन्होंने ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से विकास प्रशासन में भी मास्टर की डिग्री हासिल की है।
अनुराधा प्रसाद भारतीय रक्षा लेखा सेवा के 1986 बैच की अधिकारी हैं। उन्हें सार्वजनिक नीति, वित्त और सहकारी संघवाद में व्यापक अनुभव है। अनुराधा प्रसाद ने अपने 37 वर्ष से अधिक के करियर में रक्षा, वित्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, श्रम और रोज़गार तथा गृह मंत्रालय में सेवाएं दीं तथा नीति, कार्यक्रम निर्माण और कार्यांवयन में अनुभव प्राप्त किया है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के अधिग्रहण विंग में वित्त प्रबंधक के रूपमें बड़े प्लेटफार्मों के अधिग्रहण की जिम्मेदारी संभाली और वित्त मंत्रालय में रक्षा सेवाओं और आयुध निर्माणी बोर्ड केलिए कुशलतापूर्वक वित्त और लेखा का काम देखा। अनुराधा प्रसाद ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं और उद्योग संचालित अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से खाद्य उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अनुराधा प्रसाद ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के बोर्ड के सदस्य के रूपमें भी काम किया, वे राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद में भी रहीं। उन्होंने श्रम और रोज़गार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूपमें श्रम संहिताओं का मसौदा तैयार करने और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के महानिदेशक के रूपमें कोविड-19 महामारी के दौरान श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण केलिए विभिन्न पहलों का नेतृत्व किया। गृह मंत्रालय के अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय में सचिव के रूपमें उन्होंने केंद्र-राज्य और अंतर्राज्यीय संबंधों पर काम किया तथा कई जटिल और संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बनाई, जिसके परिणामस्वरूप प्रमुख नीतिगत परिवर्तन हुए और बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं में तेजी आई। अनुराधा प्रसाद अपनी सेवानिवृत्ति के बाद दिल्ली सरकार के पुलिस शिकायत प्राधिकरण की सदस्य के रूपमें कार्य कर रही थीं।