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Saturday 29 July 2023 06:45:51 PM
रामेश्वरम। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रामेश्वरम में 'Dr APJ Abdul Kalam: Memories Never Die' पुस्तक का विमोचन किया और कहा हैकि इससे देशभर के लोगों को डॉ कलाम को जानने, समझने व अनुसरण करने का मौका मिलेगा। गृहमंत्री डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हाउस, मिशन ऑफ लाइफ़ गेलरी म्यूज़ियम और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल गए। वे विवेकानंद मेमोरियल भी गए। अमित शाह ने आदि थिरुविजहा अवसर पर विश्व प्रसिद्ध रामेश्वरम मंदिर में पूजा अर्चना की। अपने ट्वीट में उन्होंने कहाकि रामेश्वरम मंदिर सनातन संस्कृति की प्राचीनता और वैभव का अक्षुण्ण प्रतीक है, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्रीरामेश्वरम में प्रभु श्रीराम ने भगवान शिव की पूजा की थी। अमित शाह ने महान राष्ट्रभक्त, वैज्ञानिक तथा पीपल्स प्रेसिडेंट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहाकि पुस्तक में भारतीय रॉकेटरी, साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का इतिहास, भारतीय राजनीति तथा प्रशासनिक प्रणाली का सुंदर निरूपण, डॉ कलाम की इच्छाओं और उनकी कल्पनाओं से जुड़ी कई घटनाओं का वर्णन समाहित है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि यह पुस्तक रामेश्वरम के गरीब घर में पैदा हुए एक सामान्य बच्चे की भारतीय राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने की राह में उनके संघर्ष को समझने में बहुत मददगार साबित होगी। उन्होंने कहाकि यह पुस्तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का साहित्य और कला केप्रति प्रेम, तिरूकुरल और भर्थियार की कविताओं के बारेमें उनके उद्गार और उनके जीवन के अनजान पहलुओं को पाठकों के सामने रखती है। अमित शाह ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान टीम प्लेयर थे, उन्होंने मैनेजमेंट के सिद्धांत को अपने जीवन में चरितार्थ करने का काम किया। अमित शाह ने कहाकि पुस्तक में ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ डॉ शिवाथनु पिल्लई के एक अनुभव का वर्णन किया गया है, इसके अनुसार जब SLV3-E01 फेल हो गया तब सारी टीम निराश हो गई थी, परंतु टीम लीडर होने के नाते डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने सबको हौंसला दिया और SLV3-E02 की तैयारी केलिए प्रेरित किया, जिसके सफल प्रक्षेपण ने भारत को अगले मुकाम तक पहुंचाने का काम किया।
अमित शाह ने कहाकि इसी प्रकार अग्नि मिसाइल के पहले लांच को कुछ दिक्कतों के चलते जब दो-तीन बार स्थगित करना पड़ा तबभी पूरी टीम में निराशा छा गई, मगर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने उनका उत्साहवर्धन किया और मिसाइल लॉन्चिंग के स्थान पर डेढ़ महीने तक रुककर रात-रातभर काम किया। अमित शाह ने कहाकि सफल लॉंचिंग केबाद अग्नि मिसाइल समग्र विश्व में भारत की मिसाइल ताकत की एक परिचायक बन गई, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में देश में पांच मिसाइलों को लेकर बड़ा काम हुआ। पृथ्वी, अग्नि, आकाश, नाग और त्रिशूल मिसाइल के नाम से पता चलता हैकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रकृति और अध्यात्म से जुड़े थे। उन्होंने कहाकि एक वैज्ञानिक तभी विश्व के कल्याण का काम कर सकता है, जब उसकी आत्मा विज्ञान के साथ-साथ अध्यात्म से भी जुड़ी हो। गृहमंत्री ने कहाकि 1995 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम देश के जाने-माने वैज्ञानिक बन चुके थे और 1997 में उनको भारतरत्न से सम्मानित किया गया था। अमित शाह ने कहाकि एक ही साल में रॉकेट और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को कई सफलता दिलाने वाले महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 1998 में देश के भविष्य केलिए अपना विज़न रखने का काम किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इंडिया 2020: ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम पुस्तक में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के भविष्य और विकास के रोडमैप को रेखांकित किया। अमित शाह ने कहाकि पुस्तक में कलामजी ने तीन मुख्य बातें देश के युवाओं के सामने रखी पहली-भारत को एक राष्ट्र के रूपमें अपनी क्षमताओं को पहचानकर उसे उजागर कर भारत का विकास करना होगा, दूसरी-टेक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था को विकसित करना होगा, तीसरी-बैलेंस ग्रोथ मॉडल अपनाकर गांव और शहर, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री दोनों केबीच में संतुलन बनाकर विकास को आगे बढ़ाना होगा। गृहमंत्री ने कहाकि भारत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन तीनों बातों को साकारकर एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ा है। गृहमंत्री ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने स्पेस टेक्नोलॉजी क्षेत्र की नींव डाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के नाम 55 स्पेसक्राफ्ट मिशन, 50 लॉंच व्हीकल मिशन, 11 स्टूडेंट सैटेलाइट, 1 एटमॉस्फेयर रीएंट्री मिशन और 104 उपग्रह एक साथ छोड़ने जैसी सिद्धियां हासिल हो चुकी हैं।
गृहमंत्री ने कहाकि आज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश के युवाओं और नए स्टार्टअप्स केलिए द्वार खुले हैं, जो सपना अंतरिक्ष साइंस केलिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देखा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इनिशिएटीव्स के कारण वह जरूर पूरा होगा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। अमित शाह ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति रहते हुए लोकतंत्र के केंद्र में भारत के आम नागरिक को लाने का काम किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को लोकतंत्र के केंद्र में लाने में सफल हुए हैं। गृहमंत्री ने कहाकि ये इस बात का द्योतक हैकि जब जमीन से उठा हुआ गरीब व्यक्ति लोकतंत्र के शिखर पर पहुंचता है, तब लोकतंत्र गरीबों को समर्पित होता है और उनका विकास व कल्याण करने वाला होता है। गृहमंत्री ने कहाकि आजभी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आते ही देशभर के बच्चों और विद्यार्थियों के मुंह पर मुस्कान आ जाती है। उन्होंने कहाकि यह मुस्कान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के दिखाए गए देश के उज्जवल भविष्य के सपनों, आशाओं, जोश और देश को आगे बढ़ाने के जूनून की मुस्कान है और इस मुस्कान में देश का भविष्य समाहित है।
अमित शाह ने कहाकि देशभर के युवाओं और विद्यार्थियों को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की यह बात याद रखनी चाहिएकि स्वप्न वो नहीं होते जो नींद में देखे जाते हैं, बल्कि स्वप्न वो होते हैं, जो हमें सोने नहीं देते हैं। उन्होंने कहाकि मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपना पूरा जीवन पढ़ने-पढ़ाने में व्यतीत किया और अपनी अंतिम सांस में भी वे मेघालय में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे, यह उनके समर्पण की एक निशानी है। अमित शाह ने कहाकि मछुआरा समिति से लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब तककी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की यात्रा बहुत प्रेरक है। अमित शाह ने कहाकि भारत के दक्षिण भाग में सबसे अंतिम छोर पर रहने वाले अंतिम पंक्ति को व्यक्ति को देश का पहला नागरिक बनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपने जीवन में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले। गृहमंत्री ने कहाकि डीआरडीओ और इसरो को एक नई दिशा देने केलिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम दोनों संस्थाओं के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। गृहमंत्री ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में कम ऊंचाई पर उड़ने वाले एक फाइटर प्लेन बनाने के प्रोजेक्ट पर काम किया था, प्रोजेक्ट बनाते समय उनके मन में फाइटर पायलट बनने का विचार आया और उन्होंने पायलट बनने केलिए प्रयास भी किया, परंतु सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपना सपना नहीं छोड़ा और 2002 में राष्ट्रपति बनने केबाद 2006 में फाइटर जेट सुखोई उड़ाकर उन्होंने अपने इस सपने को पूरा किया।
अमित शाह ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने गाइडेड मिसाइल्स के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया और अग्नि एवं पृथ्वी मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया, उनके नेतृत्व में 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया गया। अमित शाह ने कहाकि राष्ट्रपति के तौरपर डॉ कलाम ने कुछ ऐसे उदाहरण स्थापित किए, जो अनेक वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने आपको कभी महामहिम या हिज एक्सीलेंसी नाम केसाथ नहीं जोड़ा, यही वजह हैकि भारत की जनता इन्हें पीपल्स प्रेसिडेंट के नाम से आजभी बड़े आदर केसाथ याद करती है। उन्होंने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के मन में सेना के अधिकारियों और वीर जवानों केलिए भी बहुत सम्मान था। गृहमंत्री ने कहाकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी पुस्तक विंग्स ऑफ फायर में कहा हैकि मेरी कहानी मेरे साथही खत्म हो जाएगी, क्योंकि मेरा कोई परिवार नहीं है, लेकिन यह सत्य नहीं है 140 करोड़ भारतीय उनका परिवार है, जिन्हें हमेशा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर नाज रहेगा। अमित शाह ने कहाकि जबतक भारत का इतिहास रहेगा, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का बच्चा-बच्चा एक विजनरी, वैज्ञानिक और सादा जीवन जीने वाले व्यक्ति और महान राष्ट्रभक्त के रूपमें हमेशा याद करेगा। पुस्तक विमोचन पर केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।