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'पुलिस पर भरोसे से सरकार की छवि चमकती है'

'सतर्कता संवेदनशीलता ईमानदारी ही पुलिस का सम्मान और विश्वास'

राष्ट्रपति ने हैदराबाद में आईपीएस परिवीक्षाधीनों को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 December 2022 03:19:19 PM

president addressing ips probationers

हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के 74वें बैच के परिवीक्षाधीनों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहाकि वे सभी अपनी योग्यता केलिए उच्च प्रशंसा के पात्र हैं, जोकि बहुत सम्मानित सेवा में शामिल होने से सिद्ध होता है। राष्ट्रपति ने कहाकि वे सरदार वल्लभभाई पटेल के नामपर राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की इस यात्रा की यादों को संजोकर रखेंगी, जिसका उल्लेखभर ही हर भारतीय को प्रेरित कर देता है। उन्होंने कहाकि आजादी के करीब बारह साल बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने लिखा थाकि आज सोचने और बात करने केलिए एक भारत है, यह काफी हदतक सरदार पटेल की राजनीति और दृढ़ प्रशासन के कारण है। उन्होंने नागरिकों की ओरसे लौहपुरुष सरदार पटेल केप्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहाकि यह अकादमी भी उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है। राष्ट्रपति ने आईपीएस प्रोबेशनरों को संबोधित करते हुए कहाकि यदि आप सरदार पटेल के सपनों को पूरा करने केलिए अडिग हैं तो आप निश्चित रूपसे देश और इसके लोगों केलिए बहुत बड़ा योगदान देंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि एसवीपीएनपीए अकादमी कई दशकों से भारतीय पुलिस का पोषण करके महान योगदान दे रही है। उन्होंने कहाकि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो राष्ट्र दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र को बनाए रखने एवं मजबूत करने में हमारे पुलिस बल के समृद्ध योगदान को स्वीकार करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि देश की एकता को बनाए रखने में भारतीय पुलिस का भी बड़ा योगदान है, भारत की आंतरिक सुरक्षा केलिए हजारों बहादुर पुलिस कर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है, उनके नाम नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में 'द वॉल ऑफ वेलोर' पर खुदे हुए हैं, मैं उन वीरों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। राष्ट्रपति ने कहाकि शहीद स्तंभ में वीरों को सम्मान देना मेरे लिए बहुतही मार्मिक अनुभव था, कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देनेवाले आईपीएस अधिकारियों की स्मृति को नमन। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें इस तथ्य को हमेशा याद रखना चाहिएकि औपनिवेशिक शक्तियों ने अपने-अपने देशों में नागरिकों की सहमति और भागीदारी के आधार पर पुलिस व्यवस्था विकसित की है, लेकिन उन्होंने भारत जैसे उपनिवेशों में नागरिकों में भय के आधार पर पुलिसिंग को बढ़ावा दिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि पुलिस सरकार का सबसे प्रत्यक्ष अंग है, जब पुलिस बल लोगों का भरोसा जीतता है तो यह सरकार की छवि को बढ़ाता है और पुलिस का सम्मान एवं विश्वास तभी होगा, जब अंतिम कांस्टेबल तक सतर्कता, संवेदनशीलता और ईमानदारी प्रदर्शित करेगा। द्रौपदी मुर्मू ने आईपीएस प्रोबेशनर्स से कहाकि अपने बल के नेताओं के रूपमें आपको इन पांच मूलभूत गुणों अखंडता, निष्पक्षता, साहस, योग्यता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना होगा और कार्रवाई के माध्यम से प्रदर्शित करना होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि अपराध की रोकथाम और उसका पता लगाने एवं कानून के शासन को बनाए रखने की जिम्मेदारी अधिक जटिल होती जा रही है। उन्होंने कहाकि आतंकवाद, उग्रवाद विचारधारा से प्रेरित हिंसक उग्रवाद, सांप्रदायिक हिंसा, संगठित अपराध के बड़े नेटवर्क और आंतरिक सुरक्षा केलिए अन्य खतरों से निपटने केलिए उच्चस्तर की प्रेरणा, कौशल और दृढ़ता की आवश्यकता है, साइबर अपराध और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दे नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हाईटेक अपराधों से निपटने केलिए प्रौद्योगिकी संचालित पुलिसिंग की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईपीएस प्रोबेशनर्स से कहाकि पुलिसबलों को देशकी प्रगति और समाज के परिवर्तन में भागीदार बनना होगा, आप जैसे पुलिस अधिकारी सतत विकास विशेष रूपसे समावेशन को सुनिश्चित करते हुए भारत की समृद्धि में परिवर्तन अभिकर्ताओं की भूमिका निभाने जा रहे हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि समावेशन से तात्पर्य उस अंतिम, वंचित, कमजोर व्यक्ति को शामिल करने से है, वह व्यक्ति आपकी चिंताओं के केंद्र में होना चाहिए, आपको बेजुबानों की दुर्दशा केप्रति संवेदनशील होना चाहिए, आपको यह सुनिश्चित करना होगाकि देश के किसी सुदूर कोने में रहनेवाले अनपढ़ ग़रीब व्यक्ति को स्थानीय पुलिस चौकी पर सहानुभूतिपूर्ण सहयोग मिले। राष्ट्रपति ने कहाकि पुलिस अधिकारियों की दिखाई गई पारदर्शिता और मित्रता के बारेमें लोगों केबीच बात होती है, यदि आप अपने कर्तव्यों का अच्छी तरह से निर्वहन करते हैं तो हितधारकों का अनुमोदन और विश्वास आपके वास्तविक प्रयासों के स्वाभाविक परिणामों के रूपमें अनुसरण करेगा। राष्ट्रपति ने कहाकि अमृतकाल में हमने अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन्हें प्राप्त करने में नारी शक्ति को प्रमुख भूमिका निभानी है, महिलाएं हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक भागीदारी का प्रदर्शन कर रही हैं, महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी हाल के दिनों में भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धियों मेसे एक है, जीवन के हर क्षेत्रमें महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बड़ा और मजबूत बनाना होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि स्कैंडिनेवियाई देशों में महिलाओं की संख्या लगभग तीस प्रतिशत पुलिस बल है, मानव विकास सूचकांकों के मामले में शीर्ष रैंकिंग वाले देशों में भी शामिल हैं। उन्होंने कहाकि हमें महिला सशक्तिकरण के चरण से महिला नेतृत्व वाले विकास के चरण में तेजीसे बढ़ना चाहिए, यह पहले सेही कई क्षेत्रों में हो रहा है और यह बहुत बड़े तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहाकि महिला पुलिस अधिकारियों की तरह नेतृत्व के पदों पर मौजूद महिलाओं को हमेशा अन्य महिलाओं विशेषकर कमजोर लोगों की मदद करनी चाहिए, वास्तव में यदि हर महिला अपने बीच कमजोर लोगों केलिए खड़ी हो जाए तो समाज में एक बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हैकि उनके प्रशिक्षण मॉड्यूल में लिंग संबंधी जानकारी को शामिल किया गया है और आईपीएस के पिछले तीन बैचों केलिए महिला अधिकारी प्रशिक्षुओं को सर्वश्रेष्ठ परिवीक्षाधीन के रूपमें मान्यता दी गई है। राष्ट्रपति ने कहाकि महिलाओं के खिलाफ अपराध हमारे समाज पर एक धब्बा है, आपको यह सुनिश्चित करना होगाकि देररात अकेले यात्रा करनेवाली लड़की सुरक्षित महसूस करे, सभीको यह सुनिश्चित करना होगाकि हमारे साथी नागरिक हमारे संविधान में वर्णित महिलाओं की गरिमा केलिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करके मौलिक कर्तव्य का पालन करें।

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