स्वतंत्र आवाज़
word map

केंद्र सरकार की धैर्य बनाए रखने की अपील

रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

pmo south block new delhi

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में 24 सितम्बर 2010 को आने वाले उच्च न्यायालय के संभावित फैसले को देखते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देशवासियों से अपील की गई है कि किसी वर्ग के उकसाने मे आकर कोई ऐसा प्रयास नहीं किया जाना चाहिए या ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जो दूसरों की भावनाएं आहत करे। प्रस्ताव के अनुसार सरकार सभी भारतवासियों से यह अपील करती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस फैसले को न्यायिक प्रक्रिया के एक हिस्से के समुचित परिदृश्य के रूप में देखा जाए क्योंकि यह फैसला एक लंबे समय की न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम होगा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि यह कहने की जरूरत नहीं कि इस निर्णय को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। ठीक उसी समय इस बात को भी याद रखना जरूरी है कि यह निर्णय न्यायिक प्रक्रिया का एक कदम होगा। इस फैसले के साथ इस मुद्दे का तब तक निश्चित तौर पर अंत नहीं होगा जब तक कि सभी पक्षों द्वारा इसे स्वीकार न कर लिया जाए। यदि किसी भी पक्ष को यह महसूस होता है कि इसके लिए अभी और न्यायिक प्रक्रिया की जरूरत है तो उसके वैधानिक हल उपलब्ध हैं और उनका सहारा लिया जा सकता है।

मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव में आगे कहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए भारत के सभी वर्गों के लोगों के लिए इस फैसले के बाद धैर्य और शांति कायम रखना जरूरी होगा। लोगों के किसी वर्ग के द्वारा दूसरे वर्ग को उकसाने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए अथवा ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जो दूसरों की भावनाएं आहत करे।

सरकार ने समाज के सभी वर्गों से यह अपील की है कि वे इस फैसले के बाद शांति व्यवस्था कायम रखें। सबके लिए यह सुनिश्वित करना महत्वपूर्ण है कि भारतीय संस्कृति और सभी धर्मों के लिए आदर की सर्वोच्च परम्परा पूरी तरह कायम रहे। भारत समेकित विकास के रास्ते पर दृढ़तापूर्वक चल रहा है। पूरे विश्व में इसकी मान्यता है। इसलिए ऐसा कुछ भी कहना और करना नहीं चाहिए और ऐसा कुछ भी नहीं होने देना चाहिए जो हमारे लक्ष्यों और हमारे उद्देश्यों से हमें विचलित करने का कारण बने।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]