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क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतर विज्ञान संचार की अपील

भारतीय वैज्ञानिकों और उनके योगदान का यशगान करें-उपराष्ट्रपति

राष्ट्रीय गणित दिवस पर भारतीय वैज्ञानिकों का जयंती समारोह शुरु

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Thursday 23 December 2021 02:07:55 PM

vice president inaugurating the year celebrations of birth centenaries of indian scientists

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने लोगों को उनकी मातृभाषा में विज्ञान से की जानकारी देने केलिए और उनमें वैज्ञानिक सोच पैदा करने केलिए क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतर विज्ञान संचार की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने याद दिलायाकि संविधान में लोगों में वैज्ञानिक सोच और जिज्ञासा की भावना को मौलिक कर्तव्य के रूपमें सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने पुस्तकों, टीवी शो और रेडियो प्रसारण के माध्यम से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहाकि विज्ञान का संवाद अब अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक होना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से अपने क्षेत्रों में प्रगति को लोगों केपास लेजाने का आह्वान किया और सुझाव दियाकि कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के समान उनका भी वैज्ञानिक सामाजिक दायित्व है।
उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय गणित दिवस पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान प्रसार के आयोजित भारतीय वैज्ञानिक जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 22 नवंबर को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती मनाई जाती है। रामानुजन के योगदान को याद करते हुए वेंकैया नायडु ने कहाकि राष्ट्र निर्माण में भारतीय वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के योगदान को मान्यता देना हमारा कर्तव्य है, हमें युवाओं को उनकी प्रेरक कहानियां सुनानी चाहिए और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने केलिए प्रोत्साहित करना चाहिए। वेंकैया नायडू ने उन छह वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी जन्मशती विज्ञान प्रसार मना रहा है, उनके नाम हैं-हरगोबिंद खुराना, जीएन रामचंद्रन, येलावर्ती नायुदम्मा, बालासुब्रमण्यम राममूर्ति, जीएस लड्ढा और राजेश्वरी चटर्जी, इन सभी वैज्ञानिकों का जन्म 1922 में हुआ था।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि औपनिवेशिक शासन के तहत उन्हें अपने वैज्ञानिक अध्ययन करने केलिए पर्याप्त स्वतंत्रता, सम्मान और स्थान नहीं मिला, फिरभी उन्होंने अपने वैज्ञानिक प्रयास में अदम्य साहस दिखाया। वेंकैया नायडु ने देश के शैक्षणिक संस्थानों से इस कैलेंडर वर्ष में छह वैज्ञानिकों के जीवन और उपलब्धियों का उत्सव मनाने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और गणित के क्षेत्र में आत्मावलोकन करने की अपील और कहाकि भारत का लक्ष्य अवश्य वैज्ञानिक अनुसंधान में विश्व में अग्रणी बनना होना चाहिए। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक और निजी निवेश बढ़ाने, विद्वानों को प्रतिष्ठित सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं में पत्र प्रकाशित करने केलिए प्रोत्साहित करने, पेटेंट व्यवस्था की बाधाओं को दूर करने और व्यापक अनुप्रयोगों को खोजने वाले आशाजनक विचारों को पोषित करने का सुझाव दिया।
वेंकैया नायडु ने कहाकि इस क्षेत्र में लिंग-भेद के मसले का समाधान किया जाना है। उन्होंने बताया कि भले ही एसटीईएम क्षेत्र में 42 प्रतिशत से अधिक महिला स्नातक हैं, लेकिन सिर्फ 16.6 फीसदी महिला शोधकर्ता सीधे तौरपर अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में संलग्न हैं। उन्होंने एक सक्षम वातावरण बनाने का आह्वान किया, ताकि अधिक से अधिक लड़कियां गणित और विज्ञान में अपना करियर बना सकें। उन्होंने कहाकि कई बच्चों को स्कूलों में गणित और विज्ञान से डर लगता है। वेंकैया नायडु ने अनुभवपरक शिक्षण विधियों के माध्यम से विषय में अभिरुचि जगाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहाकि पहेलियों, प्रदर्शनों और अन्य व्यावहारिक गतिविधियों का उपयोग बच्चों को संख्याओं केसाथ दोस्त बनाने केलिए किया जा सकता है। इस दौरान भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ श्रीवरी चंद्रशेखर, विज्ञान प्रसार अध्यक्ष एवं निदेशक डॉ नकुल पाराशर भी उपस्थित थे।

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