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भारत-अमेरिका उद्यमी वैश्विक सम्मेलन हुआ

उद्यमिता को प्रोत्साहन व मार्गदर्शन की जरूरत है-उपराष्ट्रपति

सम्मेलन में भारत में निवेश अवसरों को प्रदर्शित किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 9 December 2020 12:58:35 PM

vice president m venkaiah naidu

विशाखापट्टनम। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि छात्रों में नवोन्मेषी कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है और विश्वविद्यालयों को अनूठे व्यावसायिक विचारों वाले छात्रों के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिए उद्योगों के साथ करीबी संबंध स्थापित करने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने भारत-अमेरिका उद्यमी वैश्विक सम्मेलन को विशाखापट्टनम से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने विश्वविद्यालयों से युवाओं में उद्यमिता की प्रतिभा को पोषित करने और उसके दोहन के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने को कहा। उन्होंने कॉरपोरेट जगत से भी विश्वविद्यालय परिसरों में उद्यमशीलता की परिस्थितियों को बढ़ावा देने और उसके लिए वित्तीय सहायता देने की अपील की।
भारत-अमेरिका उद्यमी, अमेरिका की सिलिकॉन वैली में एक अलाभकारी संगठन है, जो नेटवर्किंग के माध्यम से स्टार्ट-अप को सहायता करता है। सम्मेलन-2020 में भारत में बड़े निवेश को लाने के अवसरों को प्रदर्शित किया गया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं की ऊर्जा का पूरा दोहन किया जाना चाहिए और उन्हें रोज़गार मांगने वाले के बजाए रोज़गार सृजन करने वाला बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं में उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि देश में महिला उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने की प्रचुर संभावनाएं हैं। उन्होंने खुशी जताई है कि टीआईई ने 50,000 महत्वाकांक्षी महिलाओं को मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया है। उन्होंने भारत को विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप अनुकूल माहौल वाला देश बताया।
वेंकैया नायडू ने नेस्कॉम का हवाला देते हुए जानकारी दी कि 50 प्रतिशत टेक स्टार्ट-अप को कोविड-19 के पूर्व के स्तर के राजस्व तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भविष्य भारतीय स्टार्ट-अप के लिए उज्जवल होने वाला है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा उद्यमशील देश सबसे ज्यादा समृद्ध देश भी हैं और उद्यमिता लोगों को ज्यादा खुशहाल व अधिक संतुष्ट बनाती है। वेंकैया नायडू ने कहा कि उद्यमशीलता केवल लाभ से संबंधित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी मानवाधिकारों से लोगों का जीवन बेहतर बनाने से भी जुड़ी है, इसमें प्रतिस्पर्धा और सहानुभूति दोनों का महत्व है। कोविड-19 महामारी से सामने आईं चुनौतियों पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रतिकूलता को अवसरों में बदलने का समय है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ऐसी परिस्थितियों का निर्माण हो, जो अनेक नवोन्मेषी विचारों को बेहतर स्टार्ट-अप में बदलने में मददगार हों।
उपराष्ट्रपति ने स्टार्ट-अप इंडिया के माध्यम से अनुकूल वातावरण का निर्माण करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि सही आर्थिक नीति बना देना या सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक पाठ्यक्रम विकसित कर देना ही उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा संपूर्ण वातावरण बनाना है, जिसमें नवोन्मेष हो और नए विचार पैदा हों। उन्होंने कहा कि जब कोई उद्यमी सफल होता है तो वह न केवल भारतीयों, बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए आर्थिक अवसरों का सृजन करता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्रम बाजार में युवाओं की संख्या बढ़ने के साथ विश्व को 2030 तक 50 करेाड़ नए रोज़गार अवसरों की जरूरत होगी। उन्होंने स्थापित उद्यमियों और वाणिज्यिक संगठनों, टीआईई जैसे संगठनों से अगली पीढ़ी को मार्गदर्शन देने का आह्वान किया। वेंकैया नायडू ने कहा कि उनको अपने अर्जित ज्ञान को साझा करने की जरूरत है तथा विश्वविद्यालयों को छात्रों में स्नातक होने से पूर्व उद्यमिता कौशल को प्रोत्साहित और विकसित करने के लिए शोध और प्रशिक्षण के माध्यम से काम करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति का मानना है कि प्रतिभाओं से समर्थित उद्यमिता के विचार न केवल सिलिकॉन वैली, बल्कि हैदराबाद, विशाखापट्टनम या किसी भी अन्य स्थान में जहां प्रतिभा होगी, ऐसे निवेशकों को आकर्षित करेंगे, जो आरंभिक चरण वाले उद्यमी के साथ निवेश करना चाहते हैं। उद्यमिता के लिए प्रभावी परिस्थितियों के निर्माण के लिए उन्होंने निजी क्षेत्र के एनजीओ, विश्वविद्यालयों और सरकारों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें उद्यमियों को ऐसे संरक्षकों से जोड़ना चाहिए, जो उनका मार्गदर्शन कर सकें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस सम्मेलन में 300 मार्गदर्शक युवा उद्यमियों को रास्ता दिखाने के लिए उपलब्ध हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन न केवल विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण माध्यम उपलब्ध कराते हैं, बल्कि नेटवर्क बनाने में भी मददगार होते हैं। उन्होंने टीआईई को इस पहल के लिए बधाई दी। वर्चुअल सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, टीआईई, हैदराबाद के अध्यक्ष श्रीधर पिन्नापुरेड्डी और टीआईई ग्लोबल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के चेयरमैन महावीर शर्मा, टीआईई इंडिया एंजेल्स और आरएआईएन भी शामिल थे।

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