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करों में पारदर्शिता की ओर बढ़ा भारत-पीएम

ईमानदार करदाता की गरिमा का ध्यान रखना सबसे बड़ा सुधार

आयकर अपील अधिकरण की कटक पीठ परिसर का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 12 November 2020 01:28:14 PM

prime minister said that india moved towards transparency in taxes

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आयकर अपीलीय अधिकरण की कटक पीठ के कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह पीठ अब न केवल ओडिशा, बल्कि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के लाखों करदाताओं को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगी और इस क्षेत्र में सभी लंबित मामलों को निपटाने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश करों के आतंक से करों में पारदर्शिता की ओर बढ़ रहा है, यह बदलाव रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के दृष्टिकोण के कारण आया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की मदद से नियमों और प्रक्रियाओं में सुधार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम स्पष्ट इरादों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और साथ ही कर प्रशासन की मानसिकता को बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश के सम्पत्ति निर्माता की कठिनाइयों को कम किया जाता है, उन्हें सुरक्षा मिलती है तो देश के प्रशासन पर उनका भरोसा बढ़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बढ़ते विश्वास का परिणाम यह है कि देश के विकास के लिए कर प्रणाली में शामिल होने के लिए अधिक से अधिक भागीदार आगे आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर में कमी के साथ कर प्रक्रिया में सरलता, सबसे बड़े सुधार ईमानदार करदाताओं की गरिमा से संबंधित हैं, ताकि उन्हें परेशानी से बचाया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की विचार प्रक्रिया में आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद पहलीबार में पूरी तरह भरोसा करना है, इसके परिणामस्वरूप देश में दाखिल किए गए 99.75 प्रतिशत रिटर्न बिना किसी आपत्ति के स्वीकार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह देश की कर प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि दासता की लंबी अवधि ने करदाता और कर संग्राहक के बीच संबंधों को शोषित और शोषक का बना दिया। गोस्वामी तुलसीदास को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि जब बादल बरसते हैं तो लाभ हम सभी को दिखाई देता है, लेकिन जब बादल बनते हैं तो सूर्य पानी को अवशोषित करता है, लेकिन किसी को असुविधा नहीं होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर इकट्ठा करते समय शासन को आम लोगों के लिये असुविधा पैदा नहीं करनी चाहिए, लेकिन जब यह धन नागरिकों तक पहुंचता है तो लोगों को अपने जीवन में इसके लाभों को महसूस करना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्षों से सरकार इसी दृष्टिकोण से आगे बढ़ रही है और आज का करदाता पूरी कर प्रणाली में भारी बदलाव एवं पारदर्शिता देख रहा है। उन्होंने कहा कि जब करदाता को रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता है और कुछ हफ्तों के भीतर ही उसे रिफंड मिल जाता है तो वह कर प्रणाली में पारदर्शिता महसूस करता है, जब वह देखता है कि विभाग ने पुराने विवाद को अपने दम पर हल कर लिया है तो वह पारदर्शिता महसूस करता है, वह स्पष्ट अपील का आनंद लेता है तो वह कर पारदर्शिता महसूस करता है, वह देखता है कि आयकर लगातार कम हो रहा है तो वह अधिक कर पारदर्शिता महसूस करता है।
प्रधानमंत्री ने 5 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर को आज निम्न मध्यम वर्ग के हमारे देश के युवाओं को दिया जा रहा बड़ा लाभ बताया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट में दिए गए आयकर के नए विकल्प ने करदाता के जीवन को सरल बनाया है। उन्होंने कहा कि विकास की गति तेज करने और भारत को अधिक निवेश के अनुकूल बनाने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में ऐतिहासिक कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि देश में विनिर्माण के मामले में स्वावलंबी बनाने के लिए घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की नई दर 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को भारत के पूंजी बाजार में निवेश बढ़ाने के लिए भी समाप्त किया गया है, वस्तु और सेवा कर-जीएसटी ने कर के दायरे को भी कम कर दिया है और अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं में कर की दर में भी कमी आई है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आईटीएटी में अपील की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख और उच्चतम न्यायालय में 2 करोड़ रुपये करने से विवादों के बोझ को कम करने के परिणामस्वरूप देश में कारोबार करने में आसानी हुई है। प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि आयकर अपीलीय अधिकरण भी वर्चुअल माध्यम से सुनवाई के लिए देशभर में अपनी पीठों को उन्नत कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के युग में संपूर्ण प्रणाली को उन्नत करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विशेषकर हमारी न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग ने देश के नागरिकों को नई सुविधा देना शुरू कर दिया है। कार्यक्रम में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, सचिव विधि विभाग अनूप कुमार मेंदीरत्ता, अध्यक्ष इनकम टैक्स अपीलीय अधिकरण जस्टिस पीपी भट्ट और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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