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'बालश्रम उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास करें'

केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार का आह्वान

देश में बालश्रम की समस्याओं में सुधार हुआ-सचिव श्रम व रोज़गार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 June 2020 01:45:44 PM

child labour

नई दिल्ली। विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय और वीवी गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन नई दिल्ली के साथ संयुक्त रूपसे कोविड-19: प्रोटेक्टेड चिल्ड्रेन फ्रॉम चाइल्ड लेबर, नाउ मोर देन एवर विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2020 की विषयवस्तु कोविड-19 संकट का बालश्रम पर पड़ने वाला प्रभाव पर केंद्रित था। श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने वेबिनार का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि बच्चे किसी भी देश का अभिन्न अंग हैं और उन्हें उनके अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस के रूपमें मनाते हुए भारत सरकार ने बालश्रम उन्मूलन की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री ने कहा कि बालश्रम (निषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 में संशोधन भारत सरकार के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने बालश्रम के उन्मूलन में सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में बताया, जिसमें एनसीएलपी प्रशिक्षण केंद्रों में वृत्तिका को प्रति बच्चा 150 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 400 रुपये किया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि आईएलओ कंवेंशन 182 और 138 का अनुसमर्थन करना इस उद्देश्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बालश्रम उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। नोबेल सम्मान प्राप्तकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने भी वेबिनार में हिस्सा लेने वाले बच्चों को अभिस्वीकृत किया। उन्होंने पूर्व काल के बालश्रम के ऐतिहासिक निर्णयों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बालश्रम की संख्या में कमी लाने की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों ने बहुत योगदान दिया है, इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आईएलओ कंवेंशन 182 और 138 का अनुसमर्थन भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कैलाश सत्यार्थी ने उन अध्ययनों का भी उल्लेख किया, जो बच्चों की शिक्षा में निवेश करने की आवश्यकता को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपूर्ति श्रृंखलाओं में बालश्रम का उपयोग न हो। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बच्चों के बजाय वयस्कों को रोज़गार प्राप्त हो, जिससे काम में लगे हुए बच्चे शिक्षा प्राप्त करें और स्वस्थ्य नागरिक बनें। हीरालाल सामरिया सचिव श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने सरकार के विभिन्न श्रम कानूनों और नीतिगत पहलों पर प्रकाश डाला, जिसके कारण बालश्रम की समस्याओं में सुधार हुआ है। उन्होंने श्रमआयुक्त कार्यालय द्वारा कोविड-19 महामारी में देशभर में शिकायत निवारण केंद्रों को खोलना और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा ईएसआईसी अस्पतालों में चिकित्सा सहायता, संवितरण की तुरंत निकासी की व्यवस्था के प्रयासों पर प्रकाश डाला। आईएलओ इंडिया के निदेशक डागमार वाल्टर ने वैश्विक बालश्रम समस्या पर अपना दृष्टिकोण रखा और कहा कि तथाकथित सामान्य को फिरसे परिभाषित किया जा रहा है, क्योंकि इस कार्यक्रम को वर्चुअली आयोजित किया जा रहा है।
आईएलओ इंडिया के निदेशक ने सभी हितधारकों से बालश्रम की समस्या में कमी लाने के लिए योगदान देने का आह्वान किया। कल्पना राजसिंघोट संयुक्त सचिव ने स्वागत भाषण में बालश्रम की समस्या और समय-समय पर उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वेबिनार की रूपरेखा को भी रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत दो तकनीकी सत्रों ‘कोविड-19: प्रोटेक्टेड चिल्ड्रन फ्रॉम चाइल्ड लेबर-एक्रॉस सेक्टर्स’ और ‘बैरियर्स एंड सल्यूशन इन एड्रेसिंग द रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम’ के बाद की गई। केंद्र और राज्य सरकार, आईएलओ, एनसीपीसीआर, नियोक्ता संगठनों, श्रमिक संगठनों, वीवीजीएनएलआई संकाय और एनएलएसएआर के संबल लोगों ने बाल श्रम समस्या के विभिन्न तकनीकीओं को साझा किया। वीवीजीएनएलआई की सीनियर फेलो डॉ हेलेन सेकर ने कार्यक्रम का समन्वय किया। वेबिनार में लगभग 450 सरकारी प्रतिनिधियों, आईओएल, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों, श्रमिक संघों, नियोक्ता संगठनों, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियों और वीवीजीएनएलआई के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। डॉ एच श्रीनिवास महानिदेशक वीवीजीएनएलआई ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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