स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 23 January 2020 01:58:32 PM
नई दिल्ली। जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भेंट की। बैठक में राजदूत और राज्यमंत्री ने भारत-जापान के बीच पारस्परिक सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। गौरतलब है कि जापान ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की बुनियादी ढांचागत या अवसंरचना परियोजनाओं में भारी-भरकम निवेश किया हुआ है। करीब 6168 करोड़ रुपये की लागत वाले एनएच-54 के 372 किलोमीटर लंबे आइजोल-तुईपांग खंड का उन्नयन जेआईसीए की सहायता से किया जा रहा है। यह सड़क सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत म्यांमार के सितवे बंदरगाह तक निर्बाध कनेक्टिविटी सुलभ कराएगी।
वन प्रबंधन के क्षेत्र में जापान त्रिपुरा, सिक्किम एवं नागालैंड राज्य सरकार के साथ सहयोग कर रहा है और शीघ्र ही इस क्षेत्र में मेघालय सरकार के साथ भी सहयोग सुनिश्चित होगा। बैठक में बांस, आपदा प्रबंधन, सड़क से जुड़े बुनियादी ढांचे और गुवाहाटी सीवरेज परियोजना के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर भी विमर्श हुआ। दोनों देशों के बीच पारस्परिक सहयोग की भूमिका पर विचार-विमर्श करने के दौरान इस बात का भी जिक्र आया कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर गठित भारत-जापान कार्यदल की बैठक अगले महीने आयोजित की जाएगी। बाह्य अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और जापान के बीच सहयोग के मुद्दे पर यह उल्लेख किया गया कि इस बारे में पिछले वर्ष द्विपक्षीय चर्चाएं हुई थीं।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और जापान के बीच पारम्परिक रूपसे सुदृढ़ संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों को इसमें शामिल किया जा रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में बुलेट ट्रेन परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान भारत की बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में जापान की सहभागिता काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में निजी एजेंसियों की पहल के जरिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 12 नर्सिंग देखभालकर्ताओं को जापान में नौकरियों के लिए शामिल किया गया है।