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लोग स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरुक हों-वेंकैया

एसजीपीजीआई लखनऊ में कार्डियोलॉजी सोसायटी की बैठक

'जीवन गुणात्मक रूपसे समृद्ध और संतुष्ट भी होना चाहिए'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 April 2019 12:56:09 PM

vice president m. venkaiah naidu addressing

लखनऊ। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि यदि देश को विश्व समुदाय में अपना अग्रणी स्थान प्राप्त करना है तो आवश्यक है कि हम विश्वास और जोश से भरी अपनी विशाल युवा जनसंख्या को स्वस्थ रखें। उन्होंने कहा कि जीवन को मात्र दीर्घायु कर देना पर्याप्त नहीं, जीवन गुणात्मक रूपसे समृद्ध और संतुष्ट भी होना चाहिए। उपराष्ट्रपति लखनऊ में एसजीपीजीआई में कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया की नेशनल इंटरवेंशन काउंसिल की वार्षिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की कि संक्रामक रोगों की तुलना में आज जीवनशैली पर आधारित असंक्रामक व्याधियों का खतरा बढ़ा है और यह चिंता का विषय है कि विश्व में मधुमेह और हृदय रोगों के सर्वाधिक रोगी हमारे देश में हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि वे लोगों में स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागृति पैदा करें। युवाओं में हार्टअटैक के बढ़ते मामलों पर उन्होंने कहा कि विश्वभर में लगभग 170 लाख लोग सालाना हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं, भारत में भी 1990 से 2016 के बीच हृदय रोगों के कारण मृत्युदर में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह चिंता का विषय है कि देश में हार्टअटैक से ग्रस्त लोगों में से 40 प्रतिशत 55 वर्ष और 25 प्रतिशत 35 वर्ष से कम आयु के हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण पैदा हुई बीमारियों के निदान में योग की अहम भूमिका है और विश्व ने भी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को स्वीकार किया है, यह तनाव को दूर रखने का प्रभावी साधन है, इसमें कई व्याधियों का विशेषकर जीवनशैली से संबंधित बीमारियों का उपचार है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें बच्चों को ट्रांसफैट युक्त खाने के बजाय पौष्टिक आहार और शारीरिक व्यायाम एवं खेलकूद के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हृदय रोगों की रोकथाम और उपचार के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की अग्रणी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्राथमिक उपचार केंद्र उपचार की पहली कड़ी हैं अतः एक सुदृढ़, सक्षम, सुसज्जित और त्वरित प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की श्रृंखला, हमारे द्वितीय और तृतीय चिकित्सा संस्थानों पर बढ़ते बोझ को कम करेंगी। वेंकैया नायडू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण के कारण नित नए औषधिरोधी जीवाणु विकसित हो रहे हैं, इनके विरुद्ध तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत को चिकित्सा क्षेत्र में शोध और अनुसंधान के नए क्षितिजों, नए आयामों को छूना है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत से अबतक 10 लाख लोग लाभांवित हो चुके हैं। उपराष्ट्रपति ने कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया की हृदय चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुमूल्य योगदान के लिए सराहना की।

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