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वीर बाल दिवस पर पंचकूला में विशेष आयोजन

'धर्म और देश केलिए शहीदगी के भाव का महिमामंडन होना चाहिए'

गृहमंत्री अमित शाह ने वीर साहबज़ादों की शहादत को याद किया

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Thursday 25 December 2025 01:10:20 PM

home minister remembered the martyrdom of the brave sahibzadas

पंचकूला (हरियाणा)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वीर बाल दिवस पर हरियाणा सरकार के राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित किया। अमित शाह ने वीर साहबज़ादों की शहादत को नमन किया और कहाकि मन दुखी होता हैकि उन बच्चों को क्रूरता से मार दिया गया, मगर दूसरी ओर गर्व भी हैकि हम ऐसे देश में पैदा हुए हैं, जहां एक बंदा अपने चारों साहबज़ादों को अपने देश और धर्म केलिए बलिदान होने से तनिक भी विचलित नहीं होता। अमित शाह ने कहाकि हम जब उस ऐतिहासिक घटना को याद करते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहाकि देशभर के युवाओं को दशम पिता श्रीगुरुगोविंद देवजी का जीवन और उनके साहबज़ादों की शहीदगी के बारेमें राष्ट्र करे बताना हम सबका राष्ट्रीय दायित्व है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि धर्म और देश केलिए लड़ने वालों के इतिहास में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिल सकता, जिसने पिता, माता और चार छोटे बेटों का बलिदान दिया हो, इसीलिए देश की जनता ने उन्हें ‘सरबंसदानी’ की उपमा दी है। उन्होंने कहाकि यह जुझारूपन, मातृभूमि केप्रति प्यार और धर्म केप्रति समर्पण ही है और यह देशवासियों को जानकारी देने का अवसर है। अमित शाह ने बतायाकि सबसे पहले मुगलों के आक्रमण के समय श्रीगुरु नानकदेव महाराज से दशम पिता श्रीगुरुगोविंद देवजी तक यह लड़ाई जारी रही, मुगलों की समाप्ति दस गुरुओं के कालखंड में ही हुई। गृहमंत्री ने कहाकि श्रीगुरुनानक देवजी ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया और अंधविश्वास से मुक्ति केलिए समाज को दिशा दिखाई। उन्होंने कहाकि श्रीगुरु अंगद देवजी ने श्रीगुरुनानक देवजी के उपदेशों को गुरुमुखी में लिपिबद्ध करने का काम किया। उन्होंने कहाकि श्रीगुरु अंगद देवजी के इस योगदान को सिख धर्म क्या पूरा भारत देश कभी नहीं भुला सकेगा।
अमित शाह ने कहाकि तृतीय श्रीगुरु अमर दासजी ने लंगर की शुरूआत की और माताओं के सम्मान का विषय लेकर उन्होंने भारतभर में एक मज़बूत संदेश भेजाकि अगर मां सुरक्षित नहीं है तो कोईभी देश बच नहीं सकता था। अमित शाह ने कहाकि श्रीगुरु अर्जन देव ने भी आदिग्रंथ का संपादन किया और इसमें सिर्फ गुरुओं की वाणी ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के संतों और फकीरों की वाणी को समाहित करने का काम किया। अमित शाह ने कहाकि श्रीगुरु अर्जन देव ने आध्यात्म के सार को ग्रंथ में सुरक्षित करने का काम किया। अमित शाह ने कहाकि छठे गुरुजी ने मिरी और पिरी की कल्पना की और कहाकि धर्म की भक्ति की ध्वजा ऊंची रहेगी, लेकिन सुरक्षा की ध्वजा भी साथ रहेगी। अमित शाह ने कहाकि पहलीबार मुगलों के जुल्म के खिलाफ सिख गुरुओं ने आगे बढ़ने की शुरुआत की थी। अमित शाह ने बतायाकि जब ग्वालियर के किले में 52 हिंदू राजाओं को कैद कर लिया गया था तो दीपावली के दिन उन सबको छुड़ाने का काम श्रीगुरु हरगोविंद सिंहजी ने किया था, इसीलिए आजभी दीपावली को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूपमें मनाया जाता है।
अमित शाह ने कहाकि श्रीगुरु हर रायजी ने करुणा, प्रकृति और औषधि को धर्म केसाथ जोड़ने का काम किया, अल्पायु में साहिबजी ने भी सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण दिया और चेचक महामारी के समय अपने प्राणों की परवाह किए बिना दिल्ली और आसपास के इलाकों में सेवा की परंपरा स्थापित की। गृहमंत्री ने कहाकि अगर श्रीगुरु तेग बहादुर न होते तो न कोई हिंदू होता, न कोई सिख होता और पूरा भारत समाप्त हो गया होता, इसीलिए उन्हें ‘हिंद दी चादर’ कहते हैं। उन्होंने कहाकि देश पर नवम गुरु के जो उपकार हैं, उनका पांच हज़ार साल बादभी शुकराना अदा नहीं हो सकता, इतनी यातनाएं सहने केबाद भी जुल्मी और अत्याचारी लोगों के सामने नवम गुरु ने अपने मज़बूत इरादों को कभी छोड़ा नहीं, कई यातनाएं सहकर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहाकि दिल्ली का शीशगंज गुरुद्वारा सैकड़ों साल बादभी सभी देशभक्तों केलिए सबसे बड़ा तीर्थ स्थान बना हुआ है। उन्होंने कहाकि अनेक भाषाओं के ज्ञाता, कवि, तीरंदाजी जैसे गुणों और महान विरासत से अलंकृत श्रीगुरु गोबिंद सिंह युगपुरुष हैं।
अमित शाह ने कहाकि दशम पिता के जीवन को कोई नहीं भूल सकता, आज हम सब दशम पिता को श्रद्धा से देखते हैं और उनका वाक्य भी सही हो गया हैकि जुल्म करने वाले तो चले गए, लेकिन उनके करोड़ों बेटे धर्म और मातृभूमि केलिए लड़ने केलिए तैयार खड़े हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर उल्लेख कियाकि विभाजन के समय करतारपुर साहिब को भारत में शामिल न किया जाना, बंटवारा करने वालों के विवेक पर सवाल खड़े करता है। अमित शाह ने कहाकि धर्म केप्रति श्रद्धा औऱ देश केप्रति लगाव एवं धर्म और देश केलिए शहीदगी के भाव का महिमामंडन होना चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को प्रकाश पर्व के दिन तय किया थाकि 26 दिसंबर को पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया जाएगा और देश में हर हिस्से में प्राथमिक स्कूल में 26 दिसंबर को साहिबज़ादों की जीवनी पढ़ी जाती है। अमित शाह ने कहाकि वीर बाल दिवस को हमने बहुत मन केसाथ मनाने की शुरूआत की है और भारत सरकार केसाथ सभी राज्य सरकारों ने इसमें साथ दिया है।
गृहमंत्री ने कहाकि नरेंद्र मोदी बहुत भाग्यवान प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि उनके ही शासनकाल में श्रीगुरु तेग बहादुरजी का 350वां शहीदी दिवस आया, श्रीगुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश पर्व आया, श्रीगुरु तेगबहादुर का 400वां प्रकाश पर्व आया और दशम पिता का 350वां प्रकाश पर्व आया। उन्होंने कहाकि यह गुरुओं की ही कृपा हैकि एकही प्रधानमंत्री के कालखंड में प्रथम गुरु से लेकर दशम पिता तक सभीके जीवन से जुड़ी हुई घटनाएं आईं। अमित शाह ने कहाकि सभी सिख गुरुओं की परंपरा को पूरी दुनिया के सामने रखने में मोदी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहाकि करतारपुर साहिब का गलियारा तीन दशक केबाद सिख दंगों के सभी केसों को दोबारा खोलकर गुनाहगारों को जेल में डाला, जलियांवाला बाग का स्मारक बनाया गया और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम किया गया। उन्होंने कहाकि सिख पंथ से अधिक सर्वधर्म समभाव रखने वाला कोई और धर्म नहीं हो सकता। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सिख भाई-बहन, युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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