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Thursday 4 September 2025 12:53:45 PM
लोथल (गुजरात)। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कल गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का दौरा किया। उनके इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का व्यापक दौरा, प्रमुख नौसैन्य प्रदर्शनियों और विरासत कलाकृतियों का अवलोकन, निर्माण प्रगति की समीक्षा, परियोजना हितधारकों केसाथ संवाद तथा वरुण नौसेना परिसर का भ्रमण शामिल था। नौसेना प्रमुख ने लोथल में ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल का भी दौरा किया, जिससे भारतीय नौसेना के देश की समृद्ध समुद्री विरासत से जुड़ाव की पुष्टि हुई। लोथल में एनएमएचसी एक ऐतिहासिक परियोजना है, जिसे पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, गुजरात सरकार के सहयोग और भारतीय नौसेना के योगदान से विकसित कर रहा है। यह संग्रहालय 400 एकड़ में फैला हुआ है और विश्व के सबसे बड़े समुद्री संग्रहालयों में से एक होगा, इसमें भारतीय नौसेना के विकास को समर्पित एक गैलरी भी शामिल है।
नौसेना प्रमुख को युद्धपोत निशंक, आईएल-38 एसडी समुद्री टोही विमान, यूएच-3एच सहित नौसेना के हेलीकॉप्टर, डेक पर तैनात लड़ाकू विमान सी हैरियर और एके-176 जीएम, 4.5 इंच जीएम, जेडआईएफ 101 एसएएम लांचर जैसे नौसेना की विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं उपकरणों का अवलोकन कराया गया। इनमें मिसाइल मॉडल पी-21, ब्रह्मोस, इंजन मॉडल आईसीई जीटी, अंडरवाटर चैरियट तथा सी ईगल मिसाइल प्रणाली शामिल हैं। नौसेना प्रमुख को गुजरात, दमन और दीव नौसेना क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग आरएडीएम सतीश वासुदेव तथा एनएमएचसी लोथल के ऑफिसर इन चार्ज कमांडर रंजोत सिंह ने चरण 1ए की प्रगति की जानकारी दी, जिसके 2025 के अंततक पूरा होने की उम्मीद है। नेवी चीफ नवनिर्मित वरुण नौसेना परिसर भी गए, जिसे भारतीय नौसेना ने एनएमएचसी स्थल पर प्रशासनिक एवं आवासीय सुविधा केंद्र के रूपमें तैयार किया है, यहां तैनात नौसेना कर्मी इस परियोजना की प्रगति पर बारीकी से नज़र रखेंगे और नौसेना की कलाकृतियों का रखरखाव करेंगे।
नेवी चीफ ने मैरीटाइम हेरिटेज सोसाइटी के उप निदेशक कमोडोर दोराईबाबू और इंडियन पोर्ट्स रेल एंड रोपवेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड तथा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रतिनिधियों सहित चल रही परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। नौसेना प्रमुख ने एनएमएचसी को भारत के समुद्री इतिहास, वर्तमान व भविष्य का जीवंत प्रमाण बताते हुए नौसेना एवं हितधारकों केबीच तालमेल की सराहना की, उनके प्रयासों की प्रशंसा की और टीम को गति बनाए रखने केलिए प्रोत्साहित किया। नौसेना प्रमुख लोथल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्थल भी गए, जो अपने ऐतिहासिक गोदी, मोती-मनका कार्यशालाओं और मेसोपोटामिया तथा मिस्र केसाथ लगभग 4000 साल पुराने समुद्री व्यापार संबंधों केलिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहाकि लोथल की समुद्री विरासत 21वीं सदी में भारतीय नौसेना को प्रेरित करती रहेगी।