स्वतंत्र आवाज़
word map

भारतीय तेल कंपनियों को म्यांमा में मिलीं परियोजनाएं

भारत की सिट्टवे में 15 करोड़ अमरीकी डॉलर की पेशकश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 09 June 2013 09:33:40 AM

anand sharma and mr. u. thein sein, in nay pyi taw

नेपिडा, म्यांमा। भारत ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता के तहत म्यांमा के सिट्टवे में विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना के लिए निर्यात परियोजनाओं के वास्ते 15 करोड़ अमरीकी डॉलर के ऋण की पेशकश की है। इस प्रस्ताव के तहत म्यांमा सरकार उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराएगी। नेपीताव में शुक्रवार को राष्ट्रपति यू थीन सेन के साथ बैठक में केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने दोनों देशों के बीच सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण फैसले किए गए। बैठक में म्यांमा के विदेश मंत्री, उद्योग मंत्री और योजना मंत्री भी शामिल थे। आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति को बताया कि आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में म्यांमा सरकार के क्रांतिकारी उपाय सकारात्मक संदेश है, जो दुनिया भर में चर्चा में है। उन्होंने कहा कि भारत म्यांमा के इस सफर में भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध है।
दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की। आनंद शर्मा ने इस क्षेत्र में सहयोग में हुई प्रगति पर संतोष प्रकट किया, क्योंकि थानलिन रिफाइनरी के जीर्णोद्धार और थनबायाकन पेट्रोकैमिकल परिसर का उन्नयन कार्य सुगमता से चल रहा है। थानलिन रिफाइनरी के जीर्णोद्धार के लिए 2 करोड़ अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता पर वर्ष 2005-6 में हस्ताक्षर किए गए थे। थनबायाकन पेट्रोकैमिकल परिसर के उन्नयन कार्य के लिए 2 करोड़ अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता पर 2008-09 में हस्ताक्षर किए गए थे। आनंद शर्मा ने कहा कि म्यांमा सरकार ने 18 ऑनशोर गैस ब्लॉक की अंतिम बोलियों के लिए 59 कंपनियों की छंटनी की है। इनमें 7 भारतीय कंपनी हैं। म्यांमा में भारतीय कंपनियां तेल और गैस के क्षेत्र में बहुत सक्रिय हैं। ओवीएल और गेल ने चीन-म्यांमा गैस पाइपलाइन परियोजना में 1.33 अरब अमरीकी डॉलर के निवेश की घोषणा की है। दोनों नेताओं ने बंग्लादेश के जरिए भारत और बंग्लादेश के बीच गैस पाइपलाइन कनेक्शन के जीर्णोद्धार पर भी चर्चा की।
भारत आसियान देशों के साथ सड़क संपर्क सुधारने के कार्य में भी संलग्न है, जिससे भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। भारत ने म्यांमा को सड़क विकास परियोजनाओं के लिए सहायता दी है, जिनमें तामू-कलेवा-कलेम्यो सड़क (करीब 160 किलोमीटर) का उन्नयन, कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना, ट्रिलेटरल हाइवे परियोजना (करीब 1360 किलोमीटर) का कुछ क्षेत्र शामिल है। इन योजनाओं से पूर्वोत्तर क्षेत्र में बहुत फायदा होगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]