स्वतंत्र आवाज़
word map

कोविड से जंग में हिमाचल चैंपियन-पीएम

हिमाचल के स्वास्थ्यकर्मियों और लाभार्थियों ने भी की प्रशंसा

प्रधानमंत्री ने टीकाकरण टीम और लाभार्थियों के अनुभव जाने

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 6 September 2021 05:06:34 PM

narendra modi interacting with healthcare workers and beneficiaries of the covid vaccination

शिमला/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों से बातचीत की। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कोविड टीकाकरण की सौ प्रतिशत पहली खुराक लेने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। डोडरा क्वार शिमला के सिविल अस्पताल के डॉ राहुल से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी को कम करने केलिए उनकी टीम की प्रशंसा की और दुर्गम क्षेत्र में सेवा प्रदान करने के उनके अनुभवों को जाना। प्रधानमंत्री ने थुनाग, मंडी के टीकाकरण लाभार्थी दयाल सिंह से टीकाकरण की सुविधाओं और टीकाकरण संबंधी अफवाहों से निपटने के तरीके के बारे में जानकारी ली। लाभार्थी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व केलिए भी धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने टीम आधारित प्रयासों केलिए हिमाचल कोविड टीकाकरण टीम की सराहना की। कुल्लू की आशा कार्यकर्ता निरमा देवी से प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान संबंधी उनके अनुभव के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में मदद करने केलिए स्थानीय परंपराओं के उपयोग के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने टीम के संवाद और सहयोग आधारित मॉडल की प्रशंसा की। उन्होंने पूछा कि कैसे उनकी टीम ने टीके लगाने केलिए लंबी दूरी की यात्रा की।
हमीरपुर की निर्मला देवी के साथ प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव पर चर्चा की। निर्मला देवी ने वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और इस अभियान केलिए अपना आशीर्वाद दिया। प्रधानमंत्री ने हिमाचल में जारी स्वास्थ्य योजनाओं की सराहना की। ऊना की कर्मो देवी को 22500 लोगों को टीका लगाने का गौरव प्राप्त है, पैर में फ्रैक्चर होने के बावजूद उन्होंने अपना कार्य जारी रखा जिसके लिए प्रधानमंत्री ने उनके साहस की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्मो देवी जैसे लोगों के प्रयासों से ही दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम जारी है। लाहौल और स्पीति के नवांग उपशाक से प्रधानमंत्री ने पूछा कि उन्होंने लोगों को टीका लगवाने को मनाने के लिए कैसे एक आध्यात्मिक नेता के तौर में अपनी भूमिका का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के जनजीवन पर अटल सुरंग के प्रभाव पर चर्चा की। नवांग उपशाक ने उन्हें इससे यात्रा के समय में होने वाली कमी और बेहतर संपर्क की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने लाहौल-स्पीति को सबसे तेजी से टीकाकरण अभियान को अपनाने में मदद करने केलिए बौद्ध प्रमुखों को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही व्यक्तिगत और अनौपचारिक रूपसे लोगों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश 100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध लड़ाई में एक चैंपियन के रूपमें उभरा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपनी पूरी पात्र आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सफलता ने आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर भारत के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में टीकाकरण की सफलता यहां के नागरिकों की भावना और कड़ी मेहनत का परिणाम है। भारत प्रतिदिन 1.25 करोड़ टीकों की रिकॉर्ड गति से टीकाकरण कर रहा है, इसका अभिप्राय है कि भारत में एक दिन में टीकाकरण की संख्या कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में योगदान केलिए चिकित्सकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, चिकित्सा कर्मियों, शिक्षकों और महिलाओं की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सफलता 'सबका प्रयास' की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवताओं की भूमि है। प्रधानमंत्री ने संवाद और सहयोग के सामंजस्यपूर्ण मॉडल की प्रशंसा भी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि लाहौल-स्पीति जैसे सुदूर जिले में भी हिमाचल शत-प्रतिशत प्रथम खुराक देने में अग्रणी रहा है, यह वह क्षेत्र है जो अटल सुरंग बनने से पहले महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाता था। उन्होंने किसी भी अफवाह या दुष्प्रचार को टीकाकरण के प्रयासों में बाधा नहीं बनने देने के लिए हिमाचल के लोगों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल इस बात का प्रमाण है कि कैसे देश का ग्रामीण समाज दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज टीकाकरण अभियान को सशक्त बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्त होती कनेक्टिविटी का सीधा लाभ पर्यटन को भी मिल रहा है, फल-सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले किसान-बागवान उत्पादकों को भी इसका लाभ मिल रहा है, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग कर हिमाचल की युवा प्रतिभाएं अपनी संस्कृति और पर्यटन की नई संभावनाओं को देश-विदेश में ले जा सकती हैं। हाल ही में अधिसूचित ड्रोन नियमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नियम स्वास्थ्य और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में मदद करेंगे, इससे नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपनी घोषणाओं में से एक और का यहां उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस माध्यम से हमारी बहनें अपने उत्पाद देश और दुनिया में बेच सकेंगी, वे सेब, संतरा, किन्नू, मशरूम, टमाटर जैसे कई उत्पादों को देश के कोने-कोने तक पहुंचा सकने में सक्षम बन सकेंगी। आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री ने हिमाचल के किसानों और बागवानी उत्पादकों से अगले 25 वर्ष के भीतर हिमाचल में कृषि को जैविक बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे हमें अपनी मिट्टी को रसायनों से मुक्त करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल राजेंद्रन विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सांसद, विधायक, पंचायत नेता और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]