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महिला वैज्ञानिकों के लिए फेलोशिप कार्यक्रम

भारत और अमेरिका का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम

महिला वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव का अवसर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 March 2020 01:24:05 PM

indo-u.s. fellowship for women

नई दिल्ली। भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम के सहयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित एवं चिकित्सा में महिलाओं के लिए भारत अमेरिका फेलोशिप में कई महिला वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्रदान किया है। लगभग 20 महिला वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाने और अनुसंधान से संबंधित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित होने के लिए अमेरिका के 20 अग्रणी संस्थानों का दौरा किया है। डब्ल्यूआईएसटीईएमएम का उद्देश्य अपनी अनुसंधान क्षमताओं एवं योग्यताओं को बढ़ाने के लिए अमेरिका में उत्कृष्ट संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान आरम्भ करने के लिए भारतीय महिला वैज्ञानिकों, इंजीनियरों एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीविदों को अवसर प्रदान करते हैं।
भारत-अमेरिका फेलोशिप कार्यक्रम दो प्रकार की महिला वैज्ञानिकों के लिए संचालित किया जाता है। वे महिला छात्राएं जो पीएचडी कर रही हैं, उनके लिए वीमेन ओवरसीज़ स्टूडेंट इंटर्नशिप (मॉड्यूल i) और पीएचडी डिग्रीधारी और भारत में किसी मान्यता प्राप्त संस्था/ प्रयोगशाला में किसी नियमित पद पर आसीन महिलाओं के लिए वीमेन ओवरसीज़ फेलोशिप (मॉड्यूल ii)। महिला वैज्ञानिकों की पहली खेप में 25 महिलाएं शामिल हैं, वे पूरे अमेरिका के 20 अग्रणी संस्थानों का अपना दौरा कर चुकी हैं। महिला वैज्ञानिक समुदाय से प्राप्त आवेदनों से चयनित 20 महिलाओं की दूसरी खेप इस वर्ष अमेरिका के शीर्ष संस्थानों का दौरा करने की तैयारी कर रही हैं। भारत अमेरिका फेलोशिप 21 से 45 वर्ष आयु सीमा के भीतर प्रखर भारतीय महिला नागरिकों के लिए है। उम्र का ऐसा व्यापक मापदंड न केवल उनके लिए सहायक है जो वर्तमान में अनुसंधान कर रही हैं, बल्कि उन असाधारण महिला शोधकर्ताओं के लिए भी है जो अपने अनुसंधान से थोड़ा विराम लेकर वापस लौटना चाहेंगी।
भारत-अमेरिका फेलोशिप कार्यक्रम में दी गई निधियन सहायता में वृत्तिका, हवाई जहाज का किराया, स्वास्थ्य बीमा, आकस्मिकता एवं सम्मेलन भत्ता शामिल हैं। डीएसटी विज्ञान में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहल शुरू की गई हैं। वर्ष 2014 में डीएसटी ने सभी महिला विशिष्ट कार्यक्रमों को एक कार्यक्रम ‘पोषण के माध्यम से अनुसंधान उन्नति में ज्ञान भागीदारी’ (किरण) के तहत पुनर्गठित किया, जिसमें महिला विशिष्ट योजनाएं शामिल हैं तथा जो न केवल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान आरम्भ करने से उनके करियर को संवारने के लिए प्रोत्साहित बल्कि सामाजिक लाभों के लिए जमीनी स्तर पर मुद्दों और चुनौतियों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समाधानों पर भी फोकस करती हैं। किरण कार्यक्रम का अधिदेश महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के जरिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में जेंडर समानता लाना है।
महिला वैज्ञानिक स्कीम (डब्ल्यूओएस) मुख्य रूपसे सामाजिक जिम्मेदारियों के कारण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करती है। इसके दो घटकों डब्ल्यूओएस-ए और डब्ल्यूओएस-बी का किरण प्रभाग प्रत्यक्ष रूपसे कार्यांवयन करता है तथा तीसरे घटक डब्ल्यूओएस-सी या किरण-आईपीआर का कार्यांवयन डीएसटी से अनुदान सहायता के साथ टीआईएफएसी द्वारा किया जाता है। वैश्विक स्तर पर क्षमता निर्माण, ज्ञान एवं कौशल संवर्धन के लिए महिला वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों को अवसर प्रदान करना ‘इंटरनेशनल फेलोशिप फॉर वीमेन इन सांइस’ नामक इसके अंतर्राष्ट्रीय घटक के जरिए अर्जित किया जाने वाला एक और उद्देश्य है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य सहयोगात्मक अनुसंधान आरम्भ करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट अनुसंधान सुविधाओं का अनुभव प्राप्त करने में भारतीय महिला वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों को अवसर उपलब्ध कराना है।

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