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रेलवे ट्रैकमैन बलवंत बना सुरक्षा का हीरो

सतर्कता से रतलाम संभाग में टली बड़ी रेल दुर्घटना

अध्यक्ष अश्वनी लोहानी से मिला सम्मान व ईनाम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 6 July 2018 03:46:26 PM

railway board president ashwani lohani honors trackman balwant

नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने पश्चिम रेलवे में रतलाम संभाग के ट्रैकमैन बलवंत का उसकी सतर्कता और सजगता के लिए रेल भवन दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया। बलवंत ने रतलाम संभाग में थांडला-बजरंग गढ़ स्टेशन पर पुल से रेलवे ट्रैक पर गिरते रोड़े को देखकर समय रहते ही सतर्कता और मुस्तैदी से एक बड़ी रेल दुर्घटना को टाल दिया था। अश्वनी लोहानी ने बलवंत के इस साहसिक प्रयास की प्रशंसा की और रेल भवन बुलाकर उसका मनोबल बढ़ाते हुए उसे एक प्रशस्तिपत्र और 5000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया। रेलवे की तरफ से बलवंत और उसके परिवार को फर्स्ट क्लास एसी यात्रा पास और नई दिल्ली में ठहरने के लिए एसी आवास भी दिया गया है।
रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार पहली जुलाई 2018 की शाम लगभग 7 बजे बलवंत अपनी ड्यूटी पूरी कर अपने मुख्यालय लौट रहा था, तभी उसने थांडला और बजरंग गढ़ स्टेशनों के बीच 18.3 मीटर लंबे पुल संख्या 178 के रोड़े को रेलवे ट्रैक पर गिरते हुए देखा और सूझ-बूझ दिखाते हुए तत्काल रेल की पटरियों को भारी क्षति होने से बचा लिया। बलवंत ने अपने वरिष्ठ अधिकारी सीनियर सेक्शन इंजीनियर एवं पाथवे को इस बारे में बताया। प्राथमिकता देते हुए उन्होंने पुल को पहले जैसा बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए। इस प्रकार बलवंत की सतर्कता और मुस्तैदी से एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई। बलवंत एक रेलवे ट्रैकमैन है। रेलवे के ट्रैकमैन फाटकमैन पर रेलवे की संरक्षा और सुरक्षा निर्भर करती है। ट्रैकमैन और फाटकमैन की सजगता से कई रेल दुर्घटनाएं टली हैं।
गौरतलब है कि इसी से मिलती-जुलती एक घटना मुंबई में भी हुई, जिसमें ट्रेन के मुख्य चालक सावंत की सूझ-बूझ और सतर्कता से बड़ी रेल दुर्घटना टली। जानकारी के अनुसार मुंबई में रेलवे की पटरी पर बना एक जर्जर पुल रेल ट्रैक पर गिर पड़ा, उसी समय वहां से एक ट्रेन गुजरने वाली थी। ट्रेन के मुख्य चालक ने कुछ ही कदम दूर गिरते हुए पुल को देखा और ट्रेन के आपातकालीन ब्रेक लगाकर उस पुल से पहले ही ट्रेन को रोक लिया। इस पुल के ‌रेलवे ट्रैक पर गिरने और वहां तक ट्रेन पहुंचने में केवल कुछही सेकेंड का अंतर था। सोचिए यदि यह पुल चलती ट्रेन पर गिर जाता तो मुंबई में न जाने कितनी जनहानियां होतीं। रेलमंत्री पीयूष गोयल मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने मुख्य चालक सावंत के लिए इस सजगता के लिए पांच लाख रुपये के पुरस्कार और सम्मान प्रदान करने की घोषणा की। यह दोनों ही घटनाएं रेलवे के कार्मिकों की सजगता प्रमाणित और अपने कर्तव्य का मुस्तैदी से पालन करने को प्रेरित करती हैं।

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