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योग दिवस से पूर्व दिल्ली में 'योग कनेक्ट'

'मधुमेह हृदय रोग और कैंसर से उबारने में योग बड़ा सहायक'

नीति निर्माता, योगगुरु, वैज्ञानिक, कल्याण विचारक एकत्र हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 15 June 2025 02:07:31 PM

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नई दिल्ली। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में ‘योग कनेक्ट’ नाम से एक वैश्विक योग सम्मेलन आयोजित किया। इसबार 21 जून को ग्यारहवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य केलिए योग’ विषय पर केंद्रित है। व्यक्तिगत और वैश्विक कल्याण में योग की परिवर्तनकारी शक्ति को मजबूत करने केलिए इस ‘योग कनेक्ट’ में नीति निर्माता, योगगुरु, वैज्ञानिक और कल्याण विचारक एकत्र हुए। ‘योग कनेक्ट’ कार्यक्रम में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के एक दशक के प्रभाव का आकलन है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर योगगुरु स्वामी रामदेव संस्थापक अध्यक्ष पतंजलि योगपीठ हरिद्वार, सुबोध तिवारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैवल्यधाम लोनावला और महासचिव भारतीय योग संघ, डॉ हंसाजी योगेंद्र निदेशक योग संस्थान, स्वामी चिदानंद सरस्वती आध्यात्मिक प्रमुख परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, वैद्य राजेश कोटेचा सचिव आयुष मंत्रालय और कई प्रतिष्ठित गणमान्य नागरिक, योगी उपस्थित थे।
‘योग कनेक्ट’ में आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने स्वास्थ्य और आरोग्य प्रणालियों में योग को मुख्यधारा में लाने के मंत्रालय के प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने बतायाकि आयुष मंत्रालय ने एक राष्ट्रव्यापी प्रभाव सर्वेक्षण किया है, जिससे पता चला हैकि योग मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर से उबरने तथा बुजुर्गों की देखभाल में बड़ा सहायक है। उन्होंने कौशल विकास और रोज़गार में योग की प्रासंगिकता का उल्लेख किया और इसे ‘वैश्विक योग क्रांति के पीछे प्रेरक शक्ति और आरोग्य क्षेत्रमें भारत के नेतृत्व’ का नाम दिया। पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने योग को चिति यानी व्यक्तिगत चेतना से राष्ट्रचिति यानी राष्ट्रीय चेतना तक बढ़ाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा की। उन्होंने ‘योग कनेक्ट’ योग को एक गतिविधि के रूपमें नहीं, बल्कि एक जीवनशैली के रूपमें अपनाने का आह्वान है। योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहाकि 200 देशों में लगभग 2 अरब लोग योग का अभ्यास कर रहे हैं, हमें आशा हैकि अगले पांच वर्ष में यह संख्या बढ़कर 5 अरब हो जाएगी, यह न केवल योग की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाता है, बल्कि दुनियाभर में भारत के बढ़ते सांस्कृतिक प्रभाव को भी दर्शाता है। स्वामी रामदेव ने योग की आध्यात्मिक गहराई पर भी प्रकाश डाला।
स्वामी रामदेव ने भारतीय शास्त्रों में प्रमुखता से योग का महत्व समझाते हुए कहाकि श्रीमद्भागवद गीता का प्रत्येक अध्याय अपने आप में योग है। उन्होंने कहाकि योग हर गांव तक पहुंचे, इसका अभ्यास सिर्फ़ 21 जून को ही न हो, बल्कि हर दिन हो, क्योंकि योग शरीर और मन के अनुशासन, राष्ट्रीय विकास और व्यक्तिगत विकास केलिए महत्वपूर्ण है। डॉ हंसाजी योगेंद्र ने कहाकि योग सिर्फ करने के बारेमें नहीं है, यह होने के बारेमें है, सच्चे योग को दैनिक जीवन में एकीकृत किया जाना चाहिए, बुद्धि, भावनाओं और जागरुकता केसाथ अभ्यास किया जाना चाहिए। चिदानंद सरस्वती ने कहाकि योग एकता, जागरुकता, मिलन, समावेशिता है, इसमें सभी शामिल हैं। सुबोध तिवारी ने ‘योग कनेक्ट’ पर प्रकाश डालते हुए कहाकि इससे सीमाओं, भाषाओं और संस्कृतियों से परे वैश्विक योग समुदाय को एकजुट करने का एक प्रयास है। कार्यक्रम में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें भारत और विदेश के प्रतिष्ठित योगगुरु, स्वास्थ्य पेशेवर, वैज्ञानिक, नीति निर्माता, उद्यमी, प्रभावशाली व्यक्ति और संस्थागत प्रतिनिधि शामिल थे।
‘योग कनेक्ट’ कार्यक्रम ने विचारों के वैश्विक संगम के रूपमें कार्य किया, जिसमें आपसी सांस्कृतिक सहयोग, वैज्ञानिक संवाद और समग्र कल्याण केलिए सामूहिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया। कार्यक्रम में कई प्रभावशाली प्रकाशनों और ज्ञान संसाधनों का विमोचन भी किया गया। केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद की योग प्रभाव सर्वेक्षण रिपोर्ट भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दशक के प्रभाव का आकलन प्रस्तुत करती है। इसमें इंडिया फाउंडेशन और सीसीआरवाईएन का योग के वैश्विक प्रभाव पर वैज्ञानिक विश्लेषण-योग से संबंधित शोध का मानचित्रण है-संस्कृति फाउंडेशन और सीसीआरवाईएन द्वारा ‘भारतीय वृक्ष वैभवम’-भारत की पवित्र वृक्ष विरासत का उत्सव मनाना। ई-बुक: आईडीवाई-एक राजनेता के दृष्टिकोण का योगिक मार्ग-अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के एक दशक का पता लगाना। योग समावेश वीडियो जनभागीदारी केसाथ योग के माध्यम से एकता को उजागर करना। वैश्विक कल्याण आंदोलन में भारत के नेतृत्व को ये विज्ञप्तियां सुदृढ़ करती हैं और योग के वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और जमीनी आयामों केप्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।
योग के विभिन्न अनुप्रयोगों और औद्योगिक, वाणिज्यिक उन्नति पर छह प्रासंगिक सत्र भी दिनभर के विचार विमर्श के दौरान आयोजित किए गए, जिनमें एनसीडी की रोकथाम केलिए योग, योग और इसके अनुप्रयोग, सामान्य योग प्रोटोकॉल पर अध्ययन और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रभाव का आकलन, जीवन के विभिन्न चरणों में योग और महिला स्वास्थ्य, योग तकनीक नवाचार एवं योग वाणिज्य तथा उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया गया। समापन सत्र में सभी केलिए योग के दृष्टिकोण पर चर्चा हुई। एचआर नागेंद्रजी एस व्यास विश्वविद्यालय, परमपावन बिक्कू संघसेना महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र के भारतभूषण, भारत योग के स्वामी मुकुंदानंद, जेके योग के डॉ एमए अलवर, संस्कृति फाउंडेशन के डॉ आनंद बालयोगी भावनानी चिन्मय कियावतजी अर्हम ध्यान योग, प्रतिष्ठित योगगुरु और पेशेवरों ने इसमें भाग लिया। योग कनेक्ट एक अभियान है, जो आध्यात्मिक ज्ञान, वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और सांस्कृतिक गौरव को एकजुट करता है, यह व्यक्तिगत परिवर्तन और ग्रहों के उपचार केलिए एक उपकरण के रूपमें योग की स्थायी प्रासंगिकता की पुष्टि करता है। आयुष मंत्रालय ने प्रत्येक नागरिक से योग को सिर्फ एक दिन केलिए नहीं, बल्कि इसे जीवनशैली के रूपमें अपनाने का आह्वान किया है।

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