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Thursday 12 June 2025 05:35:57 PM
स्टॉकहोम। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने देश की चुनावी अखंडता, पैमाने और विविधता पर स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय चुनावी अखंडता सम्मेलन में मुख्य भाषण देते हुए दुनियाभर के देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भारत के चुनाव आयोग की भूमिका की पुष्टि की। उन्होंने कहाकि ईमानदारी से चुनाव कराना हमारे राष्ट्रीय संकल्प का प्रमाण है, लगभग 50 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक प्रतिभागी इस सम्मेलन में आए हैं। सम्मेलन का आयोजन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (इंटरनेशनल आईडीईए) कर रहा है। ज्ञानेश कुमार ने प्रतिभागियों को भारत निर्वाचन आयोग के विशेष रूपसे संसदीय चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर किए जानेवाले चुनावी अभ्यास के बारेमें बताया, जो राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, आम लोगों, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों तथा मीडिया की कड़ी निगरानी में किया जाता है। उन्होंने कहाकि ये सब विभिन्न चरणों में समवर्ती लेखा परीक्षकों की तरह काम करते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने समन्वय के पैमाने पर भी प्रकाश डाला, जो भारत में चुनावों के संचालन को दर्शाता है।
भारत का चुनाव आयोग चुनाव के समय मतदान कर्मचारियों, पुलिस बलों, पर्यवेक्षकों और राजनीतिक दलों के एजेंटों सहित 2 करोड़ से अधिक कर्मियों केसाथ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन गया है, जो कई राष्ट्रीय सरकारों और प्रमुख वैश्विक निगमों के संयुक्त कार्यबल को पार कर गया है। भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करता हैकि भारत के लगभग एक अरब मतदाता स्वतंत्र रूपसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम हैं। ज्ञानेश कुमार ने दशकों से भारतीय चुनाव प्रणाली के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि कैसे संवैधानिक मूल्यों में निहित रहते हुए चुनावी प्रणाली ने बढ़ती जटिलता केसाथ खुदको ढाल लिया है, वर्ष 1951-52 में 17 करोड़ 30 लाख से 2024 में 97 करोड़ 90 लाख मतदाताओं तक और शुरुआती वर्ष में केवल 2 लाख मतदान केंद्रों से आज 10 लाख 50 हजार से अधिक मतादाता केंद्रों तक भारत की चुनावी यात्रा ने संस्थागत दूरदर्शिता और बेजोड़ पैमाने दोनों का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बतायाकि 2024 के आम चुनाव में 743 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया, जिनमें छह राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और अन्य पंजीकृत राजनीतिक दल शामिल थे। देशभर में 62 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग करके 20271 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जो समावेशी, कुशल और सुरक्षित चुनाव कराने की आयोग की क्षमता की पुष्टि करता है।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने 1960 से लेकर आजतक हर साल संशोधन के दौरान और चुनावों से पहले सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों केसाथ भारत की मतदाता सूची को वैधानिक रूपसे साझा करने को रेखांकित किया, जिसमें दावों, आपत्तियों और अपीलों का प्रावधान है। यह दुनिया की सबसे कठोर और पारदर्शी प्रक्रियाओं मेंसे एक है, जो चुनावी प्रक्रिया की सटीकता और अखंडता को मजबूत करता है। उन्होंने कहाकि यह मजबूत तंत्र साल दर साल देशमें चुनावी विश्वसनीयता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय चुनावों के समावेशी डिजाइन पर सीईसी ने कहाकि चुनावी प्रक्रिया पहलीबार मतदान करने वाले मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, तीसरे लिंग के मतदाताओं और सबसे दुर्गम क्षेत्रोंके मतदाताओं को समान देखभाल और प्रतिबद्धता केसाथ सेवा प्रदान करती है। उन्होंने कहाकि एक मतदाता वाले मतदान केंद्रों से लेकर हिमाचल प्रदेश के ताशीगंग जैसे सबसे ऊंचे मतदान केंद्रों तक किसीभी मतदाता को पीछे न छोड़ने की प्रतिबद्धता को तार्किक चुनौती के बजाय एक संवैधानिक सिद्धांत के रूपमें दोहराया गया है। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने मैक्सिको, इंडोनेशिया, मंगोलिया, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, मोल्दोवा, लिथुआनिया, मॉरीशस, जर्मनी, क्रोएशिया, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम के अपने समकक्षों केसाथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, जो मतदाता भागीदारी, चुनावी तकनीक, प्रवासी मतदान और संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित थीं।