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'परिवार सैनिक की ताकत और सपोर्ट सिस्टम'

'शहीदों के परिवारों की मदद करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है'

रक्षामंत्री का 'शहीदों को सलाम' कार्यक्रम में वर्चुअल संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 October 2022 12:02:33 PM

defense minister's virtual address in 'salute to martyrs' program

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सांप्रदायिक बंधनों से पार जाकर प्रत्येक भारतीय सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी के राष्ट्रीय गौरव एवं देशभक्ति के गुणों को आत्मसात करके देश के नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया है। उन्होंने परिवार को एक सैनिक की सबसे बड़ी ताकत और सपोर्ट सिस्टम बताया और कहाकि सरकार उस सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। रक्षामंत्री एक गैर सरकारी संगठन 'मारुति वीर जवान ट्रस्ट' के आयोजित 'शहीदों को सलाम' कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि सशस्त्रबलों के जवान क्षेत्र, धर्म, जाति और भाषा के बंधनों से ऊपर उठकर नि:स्वार्थभाव से मातृभूमि की सेवा करते हैं और लोगों को विभिन्न खतरों से सुरक्षित रखते हैं, उसी तरह से हमारे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों ने देशकी आजादी केलिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। रक्षामंत्री ने कहाकि हमारे स्वाधीनता सेनानियों और बहादुर सैनिकों के आदर्शों एवं संकल्पों को बढ़ावा देना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि देशकी एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। राष्ट्रकी सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों और सशस्त्रबलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहाकि हमें एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है। रक्षामंत्री ने शहीदों के परिजनों की सहायता करने को राष्ट्रीय जिम्मेदारी करार दिया। उन्होंने कहाकि सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजनों के कल्याण केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बतायाकि गृहमंत्री के रूपमें उनके कार्यकाल के दौरान 'भारत के वीर' नाम का फंड शुरू किया गया था, यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबलों के जवानों और कर्मियों के परिवारों की सहायता करने के उद्देश्य से लिएगए उनके प्रमुख निर्णयों में से एक था। रक्षामंत्री ने बतायाकि हाल हीमें रक्षा मंत्रालय ने 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट लॉंच की है, ताकि लोग सशस्त्रबल युद्ध हताहत कोष में योगदान कर सकें।
रक्षामंत्री ने कहाकि सशस्त्रबलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों एवं उपकरणों से लैस करके देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि रक्षा क्षेत्रमें जल्दही पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करने केलिए 'मेड इन इंडिया' युद्धपोत और अन्य उपकरणों को शामिल करना हमारे संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और राष्ट्र सभी तरह की चुनौतियों से निपटने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, जिसने कभी किसी देशको नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की है, लेकिन अगर देशमें शांति एवं सद्भाव को बिगाड़ने का कोई प्रयास किया जाता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन सशस्त्रबलों के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता एवं बलिदान को सम्मानित करने केलिए किया गया था। मारुति वीर जवान ट्रस्ट के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शहीद वीरों के परिवार भी वर्चुअल माध्यम कार्यक्रम में शामिल हुए।

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