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भारत में पर्यटन विस्तार के नित नए आयाम-रेड्डी

देशभर में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए 7000 करोड़ आंवटित

धर्मशाला में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का 3 दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ

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Monday 19 September 2022 03:14:03 PM

inaugurated national conference of state tourism ministers at dharmashala

धर्मशाला। देशभर के राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय सम्मेलन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आज आरंभ हुआ, जिसकी अध्यक्षता पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने की। इस अवसर पर एक प्रेसवार्ता में जी किशन रेड्डी ने कहाकि 75 वर्ष में भारत पर्यटन, आध्यात्मिकता, परिवर्तन, संस्कृति और विविधता का पर्याय बन चुका है, यह बहुत गौरव की बात हैकि हम विस्तार के नित-नए आयाम जोड़ते जा रहे है और भारत को विश्वकी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशामें अग्रसर हैं। उन्होंने कहाकि पर्यटन सेक्टर के महत्व को पहचानते हुए पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न पहलें की हैं तथा चतुष्कोणीय विकास रणनीति बनाई है, जो वायु, रेल और सड़क से कनेक्टीविटी में सुधार करने, पर्यटन अवसंरचना तथा संबंधित सेवाओं को बढ़ाने, ब्रांडिंग एवं प्रोत्साहन को दुरुस्त करने तथा संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने से जुड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य 'विकास भी विरासत भी' को रेखांकित करते हुए जी किशन रेड्डी ने कहाकि परामर्श और चर्चाओं की लंबी प्रक्रिया केबाद राष्ट्रीय पर्यटन नीति को बजट सत्र में पेश किया गया था। उन्होंने बतायाकि विभिन्न पर्यटन सर्किटों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और एक नवीन अम्बेडकर सर्किट को जल्द शुरू किया जाएगा, पर्यटन सर्किटों की विकास सम्बंधी कार्ययोजना केतहत हिमालय सर्किट को भी प्रोत्साहन देने की जानकारी दी। उन्होंने कहाकि राज्य के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य पर्यटन विकास और उन्नति पर सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के विविध नजरियों एवं परिप्रेक्ष्यों को जानना, उनके साथ योजनाओं एवं नीतियों पर सीधे संवाद करना तथा भारतमें समग्र पर्यटन विकास में राष्ट्रीय स्तरपर पहल करना है। सम्मेलन में उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करना, सफल परियोजनाओं और पर्यटन उत्पाद अवसरों की जानकारी देना भी शामिल है।
पर्यटन मंत्री ने कहाकि राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण हैकि वह भारत की जी-20 की अध्यक्षता के सामयिक संदर्भों से जुड़ा है, विश्व के समक्ष भारत की पर्यटन क्षमता प्रस्तुत करने केलिए जी-20 के मंच का लाभ उठाया जाएगा। जी किशन रेड्डी ने कहाकि देश में हवाई अड्डों की संख्या वर्ष 2014 में 74 थी, जो अब बढ़कर 140 हो गई है, इसकी संख्या को और बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसके तहत 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या 220 तक करदी जाएगी। जी किशन रेड्डी ने कहाकि भारतवंशियों और प्रवासी भारतीयों को पर्यटन से जोड़ने केलिए प्रधानमंत्री की परिकल्पना के मद्देनज़र इन्हें पर्यटन को प्रोत्साहन देने केलिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने भारतीय समुदाय से आग्रह कियाकि विदेश में रहनेवाला प्रत्येक भारतीय हमारे प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप कम से कम पांच विदेशियों को भारत आने केलिए प्रेरित करे।
जी किशन रेड्डी ने कहाकि कोविड-19 का सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन सेक्टर को उठाना पड़ा था, इसलिए उसे दी जानेवाली वित्तीय सहायता को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बतायाकि पर्यटन सेक्टर ने 2-18 में 16.91 लाख करोड़ रुपये (240 अरब यूएसडी) या भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 9.2 प्रतिशत सृजित किया था तथा उसने लगभग 42.67 मिलियन रोज़गार या कुल रोजगार का 8.1 प्रतिशत मुहैया कराया था। सम्मेलन को पर्यटन अवसंरचना विकास तथा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और विरासत पर्यटन, हिमालय क्षेत्र में पर्यटन, दायित्वपूर्ण एवं सतत पर्यटन, पर्यटन गंतव्यों के प्रोत्साहन और प्रचार केलिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, भारतीय सत्कार सेक्टर में होम-स्टे का उभरता महत्व, आयुर्वेद, आरोग्य व औषधि केंद्रित पर्यटन तथा वन एवं वन्यजीवन पर्यटन की विषयवस्तु संबंधी सत्रों में बांटा गया है।
पर्यटन मंत्रालय ने देशभर में पर्यटन अवसंरचना के विकास केलिए 7000 करोड़ रुपये आंवटित किए हैं। विभिन्न विषयों को दृष्टिगत रखते हुए 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्वदेश दर्शन योजना केतहत 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रसाद योजना का लक्ष्य आध्यात्मिक स्थलों के आसपास पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करना है, इसके तहत 24 राज्यों में 39 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन पर्यटन, तीर्थ और विरासत गंतव्यों/ शहरों का अवसंरचना विकास स्वच्छता, सुरक्षा, सुगमता, सेवा आपूर्ति, कौशल विकास और स्थानीय समुदायों की आजीविका पर केंद्रित है। पर्यटन मंत्रालय ने हाल में स्वदेश दर्शन 2.0 योजना आरंभ की है, जिसका उद्देश्य-सतत और दायित्वपूर्ण गंतव्यों का विकास तथा तदनुसार पर्यटक एवं गंतव्य केंद्रित पहल है। यह पूर्व की योजनाओं का विकास है, जिसपर आगे भी काम चलता रहेगा। इन योजनाओं का लक्ष्य सतत और दायित्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के विकास केलिए समग्र अभियान का क्रमिक विकास करना है। इसके तहत पर्यटन संबंधित अवसंरचना, पर्यटन सेवाएं, मानव पूंजी विकास, नीतिगत एवं संस्थागत सुधार करके गंतव्य प्रबंधन और प्रोत्साहन किया जाएगा।
राष्ट्रीय सम्मेलन का यह भी ध्येय हैकि पर्यटन के बारेमें एक साझा नजरिया तैयार किया जाए तथा इंडिया@ 2047 की तरफ कदम बढ़ाते हुए इस नजरिये का विकास किया जाए। आनेवाले 25 वर्ष अमृतकाल हैं, इसलिए सम्मेलन का लक्ष्य वर्ष 2047 के दृष्टिगत भारत में पर्यटन की परिकल्पना तैयार करने केलिए राज्यों तथा केंद्र सरकार केबीच साझा संवाद शुरू करना है। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पर्यटन और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, पर्यटन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्रीपद नाईक, पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव राकेश कुमार वर्मा, एफएआईटीएच के अध्यक्ष नकुल आनंद और पर्यटन महानिदेशक जी कमलवर्धन राव भी उपस्थित थे।

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